BIG NEWS: पूर्व में कई गंभीर अपराध, कुछ में फरार...! अब फिर की मारपीट, तो पिपलियामंडी थाने पहुंची शिकायत, कौन है आजाद, पढ़े खबर

पूर्व में कई गंभीर अपराध, कुछ में फरार...! अब फिर की मारपीट, तो पिपलियामंडी थाने पहुंची शिकायत, कौन है आजाद, पढ़े खबर

BIG NEWS: पूर्व में कई गंभीर अपराध, कुछ में फरार...! अब फिर की मारपीट, तो पिपलियामंडी थाने पहुंची शिकायत, कौन है आजाद, पढ़े खबर

पिपलियामंडी। क्षेत्र के कनघट्टी स्थित स्लेट पेन्सिल कारखाने का इलाका हर कोई हथियाना चाहता है। यहाँ अपना रोब रंगदारी जमाने को लेकर कई छूट भैया बदमाश अपना दबदबा स्थापित करने को लेकर छोटे मोठे कामकाजी लोगों को डराने धमकाने का काम करते नजर आते है। हाल ही में कुछ ही दिन पहले ही आज़ाद खां नामक बदमाश ने कुछ लोगों के साथ मारपीट की ओर उन्हें डराया धमकाया भी जिसे लेकर आज़ाद ओर उसके साथियों पर प्रकरण भी दर्ज हुआ है।

बताया जा रहा है की आज़ाद पर पहले भी कई गंभीर मामले दर्ज हैं, ओर कुछ में फरार भी ये हो सकता है। हालांकि अभी इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन पुलिस इस मामले में पड़ताल करे तो आज़ाद के काले चिट्ठे सामने आ सकते है।

ताजा मामला आज़ाद के खिलाफ ये .........

फरियादी विजयसिंह पिता प्रेमसिह राजपुत उम्र 36 वर्ष निवासी कनघट्टी ने अफजल खां पिता हमीद खां पठान उम्र 37 वर्ष निवासी कनघट्टी के खिलाफ हाजीर थाना आकर रिपोर्ट किया कि में उपरोक्त पते रहता हूँ तथा अफजल खां के कारखाने पे स्लेट पेंसिल काटने का काम करता हूँ । दिनांक 15.06.22 को रात्री 10.30 से 11.00 बजे मंै व मेरे दोस्त सुरेश पिता रमेश चौहान, विनोद, रवि निवासीगण कनघट्टी के ग्राम अमरपुरा ओर जाने वाली सडक़ के पास किशोर कुमावत की कुण्डी के पास बैठकर शराब पी रहे थे।

इसी बीच आजाद पिता लाल खां निवासी कनघट्टी व उसके अन्य साथी जिन्होंने मुंह पर कपडा बांध रखा था। जिन्हें में पहचान नहीं पाया आये बोले की यहां क्यों बैठे हो। तो हमने बोला की हम तो पार्टी कर रहे, तो उन्होंने बोला की यहां पर मेरी माईंस है, तो हमने कहा की हम तो सडक़ पर बैठे है। इतने में उन लोगों ने हमकों मां बहन की नंगी-नंगी गालियां दी। जब हमने गाली देने से मना किया तो मेरे साथी सुरेश के साथ लाठी से मारपीट किया। जिससे सुरेश के पसली हाथ पैर व कंधे पर चोट लगी। जब मैंने बीच बचाव किया तो आजाद खां ने मुझे भी मारा। जिससे मेरे दाहीने हाथ पर चोट लगी व अमजद ने मुझे लाठी की मारी वह भी मेरे दाहीने हाथ की कलाई पर लगी अंधेरा होने से में आजाद को ही पहचान सका, बाकी को नहीं पहचान सका। बाद ये जाते जाते बोले अब यहां पर पार्टी की तो जान से खत्म कर देंगे। बाद यह बात मैंने मेरे सेठ अफजल खां को बताई व सुरेश के ज्यादा चोट होने से मंदसौर रैफर किया गया।