NEWS: बाइक सवारों को ट्रक ने मारी टक्कर, घायलों का अस्पताल में उपचार, फिर थाने में FIR..! अब आरोपी चालक को न्यायालय ने सुनाई ये सजा, जुर्माने से भी किया दंडित, पढ़े खबर

बाइक सवारों को ट्रक ने मारी टक्कर, घायलों का अस्पताल में उपचार, फिर थाने में FIR..! अब आरोपी चालक को न्यायालय ने सुनाई ये सजा, जुर्माने से भी किया दंडित, पढ़े खबर

NEWS: बाइक सवारों को ट्रक ने मारी टक्कर, घायलों का अस्पताल में उपचार, फिर थाने में FIR..! अब आरोपी चालक को न्यायालय ने सुनाई ये सजा, जुर्माने से भी किया दंडित, पढ़े खबर

नीमच। माननीय स्वागिता पूर्णेश श्रीवास्तव, न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, द्वारा ट्रक को तेजगती व लापरवाही पूर्वक चालाते हुए बाइक टक्कर मारकर दो व्यक्तियों को गंभीर चोट पहुंचने वाले आरोपी बाबुलाल पिता अंबालाल माली (40) निवासी वल्लभ नगर, जिला उदयपुर को भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 279, 338 के अंतर्गत दोषी पाते हुए 6 माह के कारावास एवं कुल 2500 रूपए जुर्माने से दंडित किया।

एडीपीओ राजेन्द्र नायक द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि, दिनांक 30 अप्रैल 2015 की केंट थाना क्षैत्र के अंतर्गत घसुण्डी चौराहे की हैं। फरियादी नितेश व उसकी बहन आशाबाई विवाह समारोह से निम्बाहेड़ा से नीमच की और आ रहे थें। उसी दौरान घसुण्डी चौराहे पर आरोपी द्वारा ट्रक को तेजगती व लापरवाही पूर्वक चलाते हुए फरियादी की बाइक को टक्कर मार दी। जिस कारण दोनों बाइक से गिर गए, व उन्हें चोटे आई। 

जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां दोनों का एक्स-रे कराये जाने पर फरियादी नितेश के हाथ व उसकी बहन आशाबाई के पैर में फ्रैक्चर आया। फरियादी द्वारा घटना की रिपोर्ट केंट थाने में की। जिस पर धारा- 279, 338 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया। विवेचना के दौरान आरोपी को गिरफ्तार कर, ट्रक को जप्त करते हुवे व घटना के चश्मदीद साक्षीगण के बयान लेकर शेष आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र नीमच न्यायालय में प्रस्तुत किया। 

विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय में आहत, फरियादी व चश्मदीद साक्षीगण सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराकर अपराध को प्रमाणित कराते हुए आरोपी को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 338 के अंतर्गत 6 माह के कारावास एवं कुल 2 हजार जुर्माना व भारतीय दण्ड संहिता धारा- 279 में 3 माह के कारावास व 500 रूपए जुर्माने से दण्डित किया। न्यायालय में शासन की और से पैरवी राजेन्द्र नायक, एडीपीओ द्वारा की गई।