BIG NEWS: किसानों ने हक में कांग्रेस ने उठाई आवाज, नीमच में निकाली विशाल रैली, CM शिवराज के नाम सौंपा ज्ञापन, फसल बीमा और यूरिया खाद का वितरण सहित इन मांगों का निराकरण करने की कहीं बात, पढ़े ये खबर

किसानों ने हक में कांग्रेस ने उठाई आवाज, नीमच में निकाली विशाल रैली, CM शिवराज के नाम सौंपा ज्ञापन, फसल बीमा और यूरिया खाद का वितरण सहित इन मांगों का निराकरण करने की कहीं बात, पढ़े ये खबर

BIG NEWS: किसानों ने हक में कांग्रेस ने उठाई आवाज, नीमच में निकाली विशाल रैली, CM शिवराज के नाम सौंपा ज्ञापन, फसल बीमा और यूरिया खाद का वितरण सहित इन मांगों का निराकरण करने की कहीं बात, पढ़े ये खबर

नीमच। जिले के किसानों के हक में कांग्रेस ने एक बार फिर अपनी आवाज बुलंद की। इस दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष अजित कांठेड़ और पूर्व विधायक नन्दकिशोर पटेल के नेतृत्व में पार्टी के अन्य पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार सुबह शहर में एक विशाल रैली निकाली। जिसके बाद विजय टाॅकिज चौराहे पर सीएम शिवराज के नाम प्रशासनिक अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से जिले के किसानों की स्वीकृत राहत राशि तत्काल प्रदान करने के साथी ही किसानों की और से कई मांगे भी की गई। साथ ही मांगों का तत्काल निराकरण करने का आग्रह किया।

कांग्रेस के सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने शासन से मांग की है किसानों को खरीफ 2019 में स्वीकृत आपदा राशि का शेष भाग शीघ्र भुगतान किया जायें। किसानों को तत्काल खरीफ 2002 के फसल नुकसानी के बीमा क्लेम राशि स्वीकृत कर किसानों के खातों में राशि समायोजित करने हेतु बीमा कम्पनियों के माध्यम से ठोस कार्यवाही करें। यूरिया खाद का वितरण सहकारी समितियों से समस्त किसानों को उनकी आवश्यकता अनुसार किया जायें व जो किसान साथी डिफाल्टर हो गये हैं, उन्हें खाद त्रण की पात्रता देकर सहकारी समितियों से पर्याप्त खाद उपलब्ध कराया जावे। किसानों को सिचाई हेतु दिन के समय नियमित रूप से अनवरत न्यूनतम 8 घण्टे विद्युत प्रदाय की जाये।

यह मांगे- 

1. वर्ष 2019 में मध्य प्रदेश में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अति वृष्टि के कारण खरीफ फसल तबाह हो जाने पर संवेदन शील तथा कृषक हितैषी निर्णय करते हुए नीमच जिले में किसानों के बीच पहुंचकर शत-प्रतिशत नुकसान मानकर मुआवजा देने की घोषणा की थी। इसके अनुपालन में सम्पूर्ण जिले में राहत राशि वितरण भी प्रारंभ हो गई थी। कई गावों में शत-प्रतिशत राशि वितरित हो गई व कई गावों में मुआवजे की 25 प्रतिशत राशि वितरित हुई। शेष राशि आगामी किश्त में दी जानी थी। किन्तु दुर्भाग्य यश मप्र में सत्ता परिवर्तन हो गया। इसके बाद लगभग ढाई साल की अवधि बीत चुकी हैं, पर म.प्र. शासन द्वारा स्वीकृत राहत राशि में से शेष राशि भुगतान नहीं किया गया। 

02. खरीफ फसल वर्ष 2022 का जिले के 60 हजार 580 कृषकों ने 9.658 करोड़ रूपये की प्रीमियम राशि जमा कर 484.919 करोड़ रूपये का फसल बीमा करवाया है। दुर्भाग्य वश अतिवृष्टि के कारण खेतों में खड़ी फसल व खेतों में काट कर रखी गई सोयाबीन की फसल को व्यापक नुकसान हुआ। इस संदर्भ में अभी तक म.प्र. शासन व बीमा कंपनियों से जिले के किसानों का कोई राहत या बीमा राशि की स्वीकृति नहीं मिल पाई है। 

03. युरिया खाद सप्लाई की दूषित नीति और कृत्रिम संकट खड़ा कर अपने चहेते निजी विक्रेताओं को किसानों को लुटने की छुट दी जा रही है। किसानों को खाद के लिये घंटो लाईन में खड़े होकर इन्तजार करना पड़ता है। उसके बाद भी किसान को उसकी आवश्यकता अनुसार खाद नहीं मिल पा रहा है। 

04. फसलों की सिंचाई के इस दौर में दिन-रात के अनियमित शेड्यूल, अल्प वाल्टेज के कारण जिले के किसानों को भारी असुविधा व परेशानी का सामना कर रात-रात भर ठण्ड में खेतों में ठिठुरने को मजबूर है। 

05. माननीय मुख्यमंत्री आपके पूर्व कार्यकाल में आपके द्वारा किसानों की सोयाबीन खरीदी पर किसानों को भावांतर की राशि देने की घोषणा की थी। उसका पालन हो व किसानों को भुगतान किया जावे।