BIG REPORT : MP बना मादक पदार्थों का कॉरिडोर...! इस जिले से प्रदेश सहित अन्य राज्यों में तस्करी, पहला रूट ट्रेन, दूसरा सड़क मार्ग, तो तीसरा जानकर हैरान रह जाएंगे आप, पढ़े ये खबर

MP बना मादक पदार्थों का कॉरिडोर...! इस जिले से प्रदेश सहित अन्य राज्यों में तस्करी, पहला रूट ट्रेन, दूसरा सड़क मार्ग, तो तीसरा जानकर हैरान रह जाएंगे आप, पढ़े ये खबर

BIG REPORT : MP बना मादक पदार्थों का कॉरिडोर...! इस जिले से प्रदेश सहित अन्य राज्यों में तस्करी, पहला रूट ट्रेन, दूसरा सड़क मार्ग, तो तीसरा जानकर हैरान रह जाएंगे आप, पढ़े ये खबर

डेस्क। एमपी भी उड़ता पंजाब बनता जा रहा है, यहां नशे का धंधा तेजी से पैर पसार रहा है। ग्वालियर संभाग नशे का कॉरिडोर बन गया। इसी के रास्ते पूरे प्रदेश और दूसरे राज्यों में तमाम तरह के मादक पदार्थों की तस्करी हो रही है। तस्करों का बड़ा नेटवर्क माल सप्लाई करने के लिए सड़क और रेल दोनों मार्गों का इस्तेमाल कर रहा है। 

एमपी में नशे का कॉरिडोर ग्वालियर संभाग बनता नजर आ रहा है। इसी के जरिए प्रदेश ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी मादक पदार्थों की सप्लाई हो रही है। झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश से अफीम, गांजा, डोडा चूरा की सप्लाई ग्वालियर के जरिए ट्रेन और सड़क मार्ग से होती है। नशे की चपेट में प्रदेश के 15 जिले आ चुके हैं। 

जानकारों की माने, तो एमपी के 15 जिलों में नशे का कारोबार तेजी से फैल चुका है। बाहरी राज्यों से एमपी के बॉर्डर इलाके ग्वालियर-चंबल संभाग में नशीले पदार्थों की खेप पहुंचती है, और फिर यहां से पूरे प्रदेश सहित दूसरे राज्यों में माल आगे बढ़ा दिया जाता है, ग्वालियर के इसी कॉरिडोर से नशे का कारोबार कई साल से चल रहा है।  पुलिस की नजर से बचने के लिए तस्कर अलग अलग तरीके से मादक पदार्थ स्मगलिंग करते हैं, इन जिलों की क्राइम ब्रांच और नारकोटिक्स डिपार्टमेंट लगातार सक्रिय है, लेकिन तस्करों पर रोक नहीं लग पा रही है। 

बताया जा रहा है कि, मादक पदार्थ झारखंड के रांची, खूंटी, चतरा, लातेहार, उड़ीसा के सोनपुर, छत्तीसगढ़ के बस्तर, महासमुंद, रायगढ़ और आंध्रप्रदेश से अफीम, गांजा, डोडा-चूरा की सप्लाई होती है, एमपी के मंदसौर, झारखंड, उड़ीसा के नक्सली इलाके, छत्तीसगढ़, रायगढ़ और आंध्रप्रदेश में अफीम की खेती होती है। फिर वहां से ट्रेन, सब्जी, फल से भरे ट्रक, बस, ट्रांसपोर्टेशन समेत सड़क मार्ग के दूसरे साधनों से नशे का सामान भेजा जाता है। ग्वालियर चंबल में कई बार नशे की ये खेप कभी केले के ट्रक में तो कभी किसी और सामान के नीचे छुपी पकड़ी जा चुकी है। 

ढाई क्विंटल गांजा ज़ब्त

पाल क्राइम ब्रांच के एसीपी ने जानकारी दी कि, एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। इस साल 20 से ज्यादा तस्करों को गिरफ्तार कर ढाई क्विंटल से ज्यादा गांजा पकड़ा है। उन्होंने बताया कि, जांच में उड़ीसा और आंध्र प्रदेश के जिलों से गांजा सप्लाई का खुलासा हुआ है। 

नशे से पीड़ित एमपी के 15 जिले- 

देशभर में नशीले पदार्थ और शराब से सर्वाधिक प्रभावित 272 जिलों में एमपी के 15 जिले शामिल हैं। भोपाल के अलावा इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, रीवा, होशंगाबाद, छिंदवाड़ा, नीमच, मंदसौर, नरसिंहपुर, रतलाम और सतना जिले में सबसे ज्यादा मादक पदार्थ के मामले सामने आते हैं। 

चौहान ने यह भी बताया कि, तीन रूट के जरिए मादक पदार्थ की सप्लाई होती है, पहला रूट ट्रेन का होता है, दूसरा खुद के वाहनों से सड़क मार्ग के जरिए तस्करी, तीसरा गुड्स ट्रांसपोर्टेशन के जरिए बड़े शहरों से मादक पदार्थ की सप्लाई छोटे छोटे जिलों में होती है।