NEWS: न्यायालय का बड़ा फैसला, हत्या करने वाले आरोपी को सुनाई आजीवन कारावास, पढ़े खबर

न्यायालय का बड़ा फैसला, हत्या करने वाले आरोपी को सुनाई आजीवन कारावास, पढ़े खबर

NEWS: न्यायालय का बड़ा फैसला, हत्या करने वाले आरोपी को सुनाई आजीवन कारावास, पढ़े खबर

नीमच। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश, श्रीमती सोनल चौरसिया, नीमच द्वारा एक अन्य आरोपी के साथ मिलकर गोली मारकर हत्या व मारपीट करने वाले आरोपी विजयसिंह पिता माधवसिंह चौहान, उम्र-68 वर्ष, निवासी वार्ड सरदार मोहल्ला, जिला नीमच को धारा 302/34, 323 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं कुल 6000 रू. जुर्माने से दण्डित किया।

एडीपीओ विवेक सोमानी द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि फरियादी फिरोज द्वारा थाना नीमच सिटी में रिपोर्ट लिखाई गई थी कि दिनांक 16.05.2020 को शाम के लगभग 7 बजे माधवगंज मोहल्ला, नीमचसिटी स्थित उसके घर की छत पर वह व उसके परिवार के सदस्य थे। तभी उनके मकान के पीछे रहने वाला एक आरोपी विक्रमसिंह उर्फ वी.पी. सिंह महिलाओं के देखकर ईशारे करने लगा तो फरियादी ने उसे ऐसा करने से मना किया। इसके बाद आरोपी विक्रमसिंह उर्फ वी.पी. सिंह, उसके पिता विजयसिंह व धर्मवीर सिंह उर्फ डी.पी. सिंह उसके घर के बाहर पिस्तौल, डंडा व तलवार लेकर आये।

जिस कारण वहां पर कालू उर्फ मोहम्मद हुसैन, मो. आशिफ व मो. शाबीर आकर उनको समझाने लगे तो आरोपीगण द्वारा एक मत होकर उनके साथ मारपीट की गई तथा विक्रमसिंह ने पिस्तौल से फायर कर मो. आसिफ के पेट में गोली मार दी। जिस कारण वह गिर गया। इसके बाद आरोपीगण वहां से चले गये। मोहम्मद आसिफ को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल नीमच ले गये। जहां पर ईलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। फरियादी फिरोज कुरैशी द्वारा बताये गये उक्त घटनाक्रम के आधार पर तीनों आरोपीगण के विरूद्ध पुलिस थाना नीमच सिटी में अपराध क्रमांक 236/20, धारा  302/34, 323 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई।

पुलिस नीमच सिटी द्वारा पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में विवेचना करते हुए आरोपीगण धर्मवीरसिंह उर्फ डी.पी. सिंह चौहान व विजयसिंह चौहान को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से घटना में प्रयोग हथियारों को जप्त किया गया। आरोपी विक्रमसिंह उर्फ वी.पी. सिंह के घटना के बाद से ही फरार रहने से उसके संबंध में अनुसंधान जारी रखते हुए शेष इन दोनों आरोपीगण के विरूद्ध आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायायल में प्रस्तुत किया गया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए शासन द्वारा इसे जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण के रूप में चिन्हित किया गया। 

अभियोजन द्वारा मान. न्यायालय के समक्ष विचारण के दौरान फरियादी एवं घटना स्थल पर उपस्थित सभी महत्वपूर्ण साक्षीगण के बयान कराये गये। साक्षीगणों द्वारा उनकी साक्ष्य में विजयसिंह चौहान द्वारा आरोपी विक्रमसिंह उर्फ वी.पी. सिहं के साथ मिलकर गोली मारकर हत्या करने व मारपीट करने के अपराध किये जाने के संबंध में बयान दिये गये। किंतू धर्मवीर सिंह उर्फ डी.पी. सिंह के द्वारा अपराध किये जाने के संबंध में विपरित बयान दिये गये। अभिलेख पर आई साक्ष्य के आधार पर मान. न्यायालय द्वारा आरोपी विजय सिंह चौहान को समान्य आशय में आरोपी विक्रमसिंह उर्फ वी.पी. सिंह के साथ मिलकर हत्या व मारपीट करने के अपराध का दोषी पाकर धारा 302/34, 323 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत आजीवन कारावास एवं कुल 6000 रूपये जुर्माने से दण्डित किया गया।

घटना चश्मदीद साक्षियों के बयानों के आधार पर आरोपी धर्मवीर सिंह उर्फ डी.पी. सिंह को संदेह का लाभ प्रदान कर दोषमुक्त किया गया। मान. न्यायालय द्वारा जुर्माने की रकम 6000 रूपये में से 3000 रूपये मृतक के पिता मो. रफीक एवं 1500-1500 रूपये आहत यास्मीन व फिरोज को प्रतिकर के रूप में प्रदान किये जाने का आदेश भी पारित किया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी एडीपीओ विवेक सोमानी द्वारा की गई।