NEWS: 8 वर्षीय बालिका से की अश्लील हरकत, नीमच सिटी थाने में FIR...! अब आरोपी को 6 वर्ष का सश्रम कारावास, जुर्माने से भी दिया दंडित, पढ़े खबर

8 वर्षीय बालिका से की अश्लील हरकत, नीमच सिटी थाने में FIR...! अब आरोपी को 6 वर्ष का सश्रम कारावास, जुर्माने से भी दिया दंडित, पढ़े खबर

NEWS: 8 वर्षीय बालिका से की अश्लील हरकत, नीमच सिटी थाने में FIR...! अब आरोपी को 6 वर्ष का सश्रम कारावास, जुर्माने से भी दिया दंडित, पढ़े खबर

नीमच। विशेष न्यायाधीश माननीय सुशांत हुद्दार (पॉक्सो एक्ट) द्वारा 8 वर्षीय बालीका से अश्लील हरकत करने वाले आरोपी ललित उर्फ मदनलाल पिता शांतिलाल गुर्जर (31) निवासी- ग्राम रातड़िया को धारा 9 (एम)/10 पॉक्सों एक्ट में 6 वर्ष के सश्रम कारावास व 15 हजार रूपए के अर्थदण्ड, धारा 7/8 पॉक्सों एक्ट में 3 वर्ष के सश्रम कारावास व 5 हजार रूपए के अर्थदण्ड, धारा 354 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में 3 वर्ष के सश्रम कारावास व 1 हजार रूपए के अर्थदण्ड व धारा 452 भारतीय दण्ड संहिता 1860 में 4 वर्ष के सश्रम कारावास व 2 हजार  रूपए के अर्थदण्ड से दंडित किया।

विशेष लोक अभियोजक जगदीश चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि, घटना बीती दिनांक- 31 जुलाई 2021 की थाना नीमच सिटी क्षैत्र की हैं। इस दौरान 8 वर्षीय पीड़िता के पिता ने थाने में बताया कि, उसकी पत्नी की तबीयत खराब होने से वह उसको जिला चिकित्सालय लेकर आया था। तथा उसके पीड़िता सहित 4 बच्चों को वह उसके भाई के घर छोड़ कर गया था। दिन के समय फरियादी के भाई की पत्नी ने फोन लगाकर फरियादी को बुलाया और बताया कि पीड़िता दूसरों बच्चों से साथ खेल रहीं थी। तभी आरोपी आया ओर घुमाने का बोलकर वह पीड़िता को उसके  ही झोपड़े में लेकर गया तथा पीड़िता के साथ अश्लील हरकतें करने लगा। 

उसी समय वहा पर फरियादी के भाई की पत्नी आ गई। जिसको देखकर आरोपी वहा से भाग गया। फरियादी द्वारा बताई घटना के आधार पर आरोपी के विरूद्ध पुलिस थाना नीमच सिटी में अपराध क्रमांक 349/2021 पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान आरोपी को गिरफ्तार कर, पीड़िता का मेडिकल कराकर व उसके उम्र संबंधीत दस्तावेज को जप्त कर शेष आवश्यक अनुसंधान उपरांत अभियोग-पत्र विशेष न्यायालय, नीमच में प्रस्तुत किया गया।

अभियोजन द्वारा माननीय विशेष न्यायालय के समक्ष विचारण के दौरान पीड़िता सहित सभी महत्वपूर्ण साक्षीगण के बयान कराकर आरोपी के विरूद्ध अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराकर मात्र 8 वर्षीय पीड़िता के साथ हुई घटना की गंभरता व उसके समाज पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए उसको कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिससे सहमत होकर माननीय विशेष न्यायाधीश द्वारा आरोपी को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक जगदीश चौहान द्वारा की गई।