NEWS: हाथ भट्टी की कच्ची जहरीली शराब की तस्करी, अब आरोपी को 2 वर्ष का सश्रम कारावास, जुर्माना भी, पढ़े खबर

हाथ भट्टी की कच्ची जहरीली शराब की तस्करी, अब आरोपी को 2 वर्ष का सश्रम कारावास, जुर्माना भी, पढ़े खबर

NEWS: हाथ भट्टी की कच्ची जहरीली शराब की तस्करी, अब आरोपी को 2 वर्ष का सश्रम कारावास, जुर्माना भी, पढ़े खबर

नीमच। माननीय एम.एम. देहलवी, न्यायिक मजिस्टेट प्रथम श्रेणी, नीमच द्वारा 5 लीटर हाथ भट्टी की कच्ची जहरीली शराब की तस्करी करने वाले आरोपी उदयलाल पिता बगदीराम (20) निवासी जवाहर नगर, जिला-नीमच को धारा 49-ए म.प्र. आबकारी अधिनियम, 1915 के अंतर्गत 2 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500 रू. जुर्माने से दण्डित किया गया। 

विवेक सोमानी, एडीपीओ द्वारा घटना की जानकारी देते हुुए बताया कि घटना दिनांक 11.12.2019 शाम के लगभग 7 बजे प्राईवेट बस स्टैण्ड स्थित होटल सिंध पंजाब के सामने की हैं। थाना नीमच केंट के उपनिरीक्षक सुमित मिश्रा को कस्बा भ्रमण के दौरान मुखबीर सूचना मिली की, प्राईवेट बस स्टैण्ड स्थित होटल सिंध पंजाब के सामने पेड के नीचे एक व्यक्ति हाथ भट्टी की कच्ची जहरीली शराब को लेकर खडा हैं, जो किसी को देने जाने वाला हैं। 

मुखबीर सूचना के आधार पर घेराबंदी किये जाने पर मुखबीर द्वारा बताये हुलिये का व्यक्ति दिखा, जिसके पास जरीकेन में 5 लीटर जहरीली तेजगंध वाली हाथ भट्टी की कच्ची शराब होना पाया गया। आरोपी के कब्जे से शराब जप्त कर व उसको गिरफ्तार कर, उसके विरूद्ध पुलिस थाना नीमच केंट में अपराध क्रमांक 642/19, धारा 49-ए म.प्र. आबकारी अधिनियम, 1915 के अंतर्गत पंजीबद्ध करते हुए, जप्तशुदा शराब में से 1 लीटर शराब को क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला, इंदौर भेजा गया जहां से प्राप्त रिपोर्ट में भी शराब को जहरीली मानव स्वास्थ्य के लिए अनुपयुक्त पाया गया। पुलिस नीमच केंट द्वारा शेष आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर चालान नीमच न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

अभियोजन द्वारा न्यायालय में विचारण के दौरान जप्तीकर्ता अधिकारी, पंचसाक्षी सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराकर आरोपी द्वारा 5 लीटर जहरीली हाथ भट्टी की कच्ची शराब की तस्करी किये जाने के अपराध को प्रमाणित कराकर, आरोपी को कठोर दण्ड से दंडित किये जाने का निवेदन किया। माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को धारा 49-ए म.प्र. आबकारी अधिनियम, 1915 के अंतर्गत 2 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रू. जुर्मानें से दंडित किया। न्यायालय में शासन की और से पैरवी विवेक सोमानी, एडीपीओ द्वारा की गई।