NEWS: ठाठ-बाठ से ग्राम बरड़िया पहुंची भगवान चारभुजा नाथ की बारात, हाथी पर सवार होकर मारा तोरण, तुलसी माता के साथ रचाया ब्याह, पढ़े खबर

ठाठ-बाठ से ग्राम बरड़िया पहुंची भगवान चारभुजा नाथ की बारात, हाथी पर सवार होकर मारा तोरण, तुलसी माता के साथ रचाया ब्याह, पढ़े खबर

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हरवार। (रिपोर्ट- राजेश प्रपन्ना) नगर के भेरूलाल कुशा बाई सनवार जाट परिवार के द्वारा 1 सप्ताह तक वीर तेजाजी मंदिर प्रांगण में भागवत कथा का आयोजन किया गया। भागवत कथा का रसास्वादन पंडित कन्हैया दास वैष्णव के मुखारविंद से हुआ। कथा समापन के बाद परिवार द्वारा तुलसी विवाह का आयोजन भी किया। तुलसी विवाह की तैयारियां जबरदस्त की गई। सीमावर्ती राजस्थान के गांव बरडिया के चारभुजा नाथ मंदिर से बारात का आना निश्चित हुआ। बारात गांव बरडिया के वरिष्ठ धर्म प्रेमियों श्रद्धालु ने अपार उत्साह और उमंग के साथ भगवान चारभुजा नाथ के विवाह की तैयारियां की।

शाही ठाठ बाट हाथी घोड़ा पालकी के साथ गांव में भव्य बिंदोरी निकाली। बारात 5 मई को हरवार लेकर पधारें हजारों हजारों लोगों की उपस्थिति में भव्य हाथी पर विराजित भगवान चारभुजा नाथ की बारात गांव बरडिया से निकली। पैदल-पैदल हजारों महिला-पुरुष, बच्चे और युवा बारात में शामिल हुए, जगह-जगह बारात का भव्य स्वागत किया गया। गांव हरवार में बारात पहुंचने पर हजारों की संख्या में लोगों ने बारात का भव्य स्वागत अभिनंदन किया। जगह-जगह भगवान चारभुजा नाथ के साथ बरात में पधारे हुए भक्तों का पुष्प वर्षा कर भव्य अभिनंदन किया। 

हरवार वासियों ने भी पलक पावले बिछाए बारातियों के लिए जगह जगह शीतल पेय पदार्थ की व्यवस्था की गई, चारभुजा नाथ की जय जय कार के स्वर चारों तरफ गुंजायमान हो रहे थे। गांव की परंपरा अनुसार गांव के मुख्य द्वार देवरी बल्ली चौराहे पर भगवान की बारात पहुंची। वहां भेरु लाल जाट परिवार व हजारों की संख्या में उपस्थित हरवारर वासियों ने बारात का भव्य अभिनंदन किया। बरात में पधारे हुए गांव बरडिया के प्रमुख वरिष्ठ जनों का साफे श्रीफल व माला पहनाकर स्वागत किया। 

भगवान के साथ पूरी बारात को बधाई गई, बारात बंधाने के बाद गांव में भव्य बिन्दोली निकाली गई। बारात भेरु लाल जाट परिवार के यहां ठाट बाट से पहुंची। जहां भगवान चारभुजा नाथ ने तोरण द्वार पर तोरण मारा। विवाह की सभी रस्मों के साथ तुलसी ब्याह रचाया। जाट परिवार द्वारा पूरे गांव के साथ हजारों की संख्या में विवाह में पधारे मेहमानों को पंगत बिठाकर भोजन प्रसाद ग्रहण किया।