EXCLUSIVE NEWS: कुकड़ेश्वर नगर परिषद चुनाव, अध्यक्ष पद की दौड़, पार्टी एक, दावेदार दो, कोई पूर्व CM, तो कोई इस परिवार से, मुकाबला और भी कड़ा, निर्दलीयों का भी इन्हें समर्थन, क्या है अंदर की बात, पढ़े ये खबर

कुकड़ेश्वर नगर परिषद चुनाव, अध्यक्ष पद की दौड़, पार्टी एक, दावेदार दो, कोई पूर्व CM, तो कोई इस परिवार से, मुकाबला और भी कड़ा, निर्दलीयों का भी इन्हें समर्थन, क्या है अंदर की बात, पढ़े ये खबर

EXCLUSIVE NEWS: कुकड़ेश्वर नगर परिषद चुनाव, अध्यक्ष पद की दौड़, पार्टी एक, दावेदार दो, कोई पूर्व CM, तो कोई इस परिवार से, मुकाबला और भी कड़ा, निर्दलीयों का भी इन्हें समर्थन, क्या है अंदर की बात, पढ़े ये खबर

(रिपोर्ट- अभिषेक शर्मा / प्रकाश जैन)

नीमच। आगामी दिनों में नगर पालिका नीमच और नगर परिषदों के अध्यक्षों के चुनाव होने है। वार्ड के सभी पार्षद मिलकर नगर की सरकार का फैसला करेंगे। जिले में मौजूद एक नगर पालिका और कुल 11 नगर परिषदों में आने वालें दिनों में बड़ा घमासान देखने को मिलेगा। हिन्दी खबरवाला की टीम भी बारी-बारी से सभी जगहों की पड़ताल में लगी है, और चर्चाओं में आने वाले नामों को आप तक पहुंचा रही है। इसी क्रम में हम बात करने वाले है अब नगर परिषद कुकड़ेश्वर की। 

नगर परिषद कुकड़ेश्वर में कुल 15 वार्ड है। जिनमे से 8 पर बीजेपी, 4 पर कांग्रेस और 3 पर निर्दलीय के प्रत्याशियों ने अपना कब्जा जमाया। यहां भी जैसे ही पार्षद पद की दौड़ खत्म हुई, तो नगर परिषद अध्यक्ष को लेकर दौड़ शुरू हो गई, जिसके बाद चौपालों पर चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया है। इसी चर्चा को लेकर हमारे रिपोर्टर ने भी पड़ताल शुरू की। इस दौरान देखने में आया कि, यहां से तीन उम्मीदवार अपनी दावेदारी पेश कर सकते है। जिसमे दो बीजेपी और एक कांग्रेस पार्षद शामिल है। 

दावेदारी करने वालों में पहले नाम की बात की जाए, तो वह निर्मली महेन्द्र पटवा का है। बीते दिनों हुए पार्षद पद के चुनाव के दौरान बतौर भाजपा प्रत्यशी के रूप में निर्मला महेन्द्र पटवा नगर के वार्ड क्रमांक- 6 से मैदान में थी। इस दौरान वार्ड का जनता से उन्हें सर आंखों पर बैठाया, और चुनावी परिणाम आने पर उन्हें जीत मिली। बताया जा रहा है कि, पार्षद पद का चुनाव जीतने के बाद अब निर्मला पटवा अध्यक्ष पद की तैयारी कर सकती है। निर्मला महेन्द्र पटवा मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम सुंदरलाल पटवा और पूर्व नपाध्यक्ष सरमथ लाल पटवा की पुत्रवधू है, ऐसे में निर्मला पटवार को इस लाभ मिल सकता है, और वह चुनावीरण में अपना परचम लहरा सकती है। 

वहीं दूसरा नाम सोनाली उज्जवल पटवा का है। सोनाली पटवा भी बीते दिनों पार्षद पद के चुनाव के दौरान वार्ड क्रमांक- 3 से बतौर बीजेपी प्रत्याशी के रूप में सामने आई, और जनता के आशीर्वाद से उन्हें जीत भी मिली। चर्चाओं की माने, तो सोनाली उज्जवल पटवा भी पार्षद पद पर विजयी होने के बाद अब अध्यक्ष पद की दौड़ में है। वहीं बताया जाता है कि, सोनाली के पति उज्जवल पटवा लंबे समय से बीजेपी के कर्मठ कार्यकर्ता है, और वह भाजपा के साथ दिन हो या रात, हम-दम कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहते है। वह पार्टी के साथ कार्यकर्ताओं की भी हर छोटी-बड़ी परेशानियों में उनके साथ नजर आते है। साथ ही संघ भी उनका साथ देने के लिए आगे आ सकता है, और उनका नाम भाजपा कार्यकर्ताओं में सबसे पहले आता है। ऐसे में उनका डंका भी नगर परिषद अध्यक्ष के रूप में आने वाले दिनों में बज सकता है। 

वहीं अध्यक्ष पद के इस मुकाबले में एक नाम कांग्रेस से नंदलाल माली का भी सामने आ रहा है। बीते दिनों हुए चुनाव के दौरान नंदलाल माली नगर के वार्ड क्रमांक- 12 से वियजी हुए थे। इसी के बाद उनका नाम भी अध्यक्ष पद के लिए सामने आया है, बताया जा रहा है कि, वह भी अध्यक्ष पद के लिए अपना लक आजमा सकते है। कांग्रेस पार्टी भी यहां इन्हें पूरा-पूरा समर्थन दे रही है। 

जानकारों की माने तो, जहां एक और सोनाली उज्जवल पटवा संघ के दम पर अपनी जोर आजमाइश यहां से कर सकते है। तो वहीं दूसरी और निर्मला महेन्द्र पटवा... का परिवार सीधे प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान से जुड़ा है। साथ ही सुरेन्द्र पटवा भी भोजपुर से विधायक है। ऐसे में इनके बीच मुकाबला कड़ा माना जा सकता है। 

वहीं कांग्रेस से दावेदारी करने वाले नंदलाल माली का नाम यहां पिछड़ता नजर आ रहा है। क्योंकि कांग्रेस के महज चार पार्षद नगर में है, ऐसे में नंदलाल का दावेदारी करने के बाद अध्यक्ष पद की सीट पर विजयी पाना ना के बराबर माना जा रहा है। एक कारण यह भी सामने आ रहा है कि, नगर के भाजपा के कुल 8 पार्षद थे। चुनावी परिणाम आने के बाद 3 और निर्दलीय पार्षद भाजपा समर्थित हो गए, ऐसे में कांग्रेस महज चार सीटों पर ही बची है। इसी कारण नंदलाल माली को अध्यक्ष पद की दावेदारी में हार का सामना करना पड़ सकता है। 

हमने महज संभावित नामों का पिटारा आज आपके सामने खोला है। हालांकि बीजेपी किसे अपना अधिकृत दावेदार घोषित करती है, और किसके हाथों में नगर परिषद कुकड़ेश्वर की बागडोर होती है। यह तो पार्षदों के मतदान के बाद ही साफ हो पाएगा।