EXCLUSIVE: नगर पालिका-विद्युत विभाग की लापरवाही, स्ट्रीट लाइट हो या ग्रीड कार्य, जान जोखिम में डालते अस्थाई कर्मचारी, हादसा होते ही जिम्मेदार झाड़ लेते पल्ला, हाल ही में हुई एक और घटना, अब नागदा शहर की जनता पूछ रही सवाल...? पढ़े बबलू यादव की इनसाइड स्टोरी

नगर पालिका-विद्युत विभाग की लापरवाही, स्ट्रीट लाइट हो या ग्रीड कार्य, जान जोखिम में डालते अस्थाई कर्मचारी, हादसा होते ही जिम्मेदार झाड़ लेते पल्ला, हाल ही में हुई एक और घटना, अब नागदा शहर की जनता पूछ रही सवाल...? पढ़े बबलू यादव की इनसाइड स्टोरी

EXCLUSIVE: नगर पालिका-विद्युत विभाग की लापरवाही, स्ट्रीट लाइट हो या ग्रीड कार्य, जान जोखिम में डालते अस्थाई कर्मचारी, हादसा होते ही जिम्मेदार झाड़ लेते पल्ला, हाल ही में हुई एक और घटना, अब नागदा शहर की जनता पूछ रही सवाल...? पढ़े बबलू यादव की इनसाइड स्टोरी

नागदा। जिले के साथ प्रदेश के अन्य जिलों से भी आए दिन हादसों और दुर्घटनाओं में किसी के घायल होने की या  किसी की मौत होने की खबरे सामने आती रहती है। आए दिन होने वाले इन्हीं हादसों में एक नाम बिजली विभाग का भी जुड़ गया है। इस विभाग में पदस्थ अस्थाई कर्मचारी भी आए दिन दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे है, जिसमे या तो वह घायल हो जाते है, या फिर उनकी मौत भी हो जाती है। ऐसे ही मामले से जुड़ी एक खबर पर हिन्दी खबरवाला के रिपोर्टर बबलू यादव ने नागदा क्षेत्र में बारिकी से पड़ताल की है, और एक इनसाइड स्टोरी भी तैयारी की। जिसे हम हमारे चैनल के माध्यम से आप तक पहुंचाने जा रहें है। जरा ध्यान दिजीएगा.... 

दरअसल, नागदा नगर पालिका और विद्युत विभाग में पदस्थ अपर लेवल के अधिकारियों को अपने से छोटे स्तर के कर्मचारियों की मानों जैसे परवाह ही ना हों...! अधिकारी अपने दफ्तर में पंखे और ऐसी की हवा लेते है, और विभाग में अन्य छोटे और अस्थाई कर्मचारी तपती धूप, बारिश और भरी सर्दी में जोखिमों भरे कामों को पूरा करते है...! 

विद्युत विभाग के हालातों पर एक नजर- 

सूत्र बताते है कि, फिल्ड में तैनात रहने वाले बिजली विभाग के अनुभवी लाइनमैन के ऐसे ठाट है कि, वह जमीन पर खड़े होकर आदेश देते है, और पौल पर अस्थाई कर्मचारी को चढ़ाते है। जिसके बाद आदेश देने का सिलसिला शुरू होता है। 

अब जाहिर सी बात है कि, विभाग का अस्थाई कर्मचारी है, तो उसे अनुभव की थोड़ी तो कमी होगी ही, लेकिन क्या करें मजबूरी जो है, अनुभव की कमी होने के बावजूद जबरन इन नौसिखियों को खंभे पर चढ़ाया जाता है, और उसके बाद या तो कोई हादसा होता है, या फिर ये अस्थाई कर्मचारी खुद ही हादसे का शिकार हो जाते है। 

अब यदि एक अस्थाई कर्मचारी करंट की चपेट में आता है, या उसकी जान चली जाती है, तो इसका जबावदार आखिरकार कौन है....! अब मान लिया जाए कि, अगर ऐसे में किसी अधिकारी पर बात भी आती है, तो वह कुछ ना कुछ बहाना बनाकर अपना पल्ला झाड़ ही लेते है। 

नगर पालिका के हालातों पर भी एक नजर- 

पड़ताल के अनुसार नागदा नगर पालिका में महज एक वाहन है, जो कभी विज्ञापन चिपकाने तो कभी पेड़ की छटाई करने के लिए उपलब्ध रहता है। लेकिन इस वाहन की हालत भी दिन ब दिन खस्ताहाल होती जा रही है। कभी उसकी लिफ्ट खराब हो जाती है, तो कभी वाहन चलते-चलते ही दम तोड़ देता है। 

इनता हीं नहीं, यहां यदि स्ट्रीट लाइट में कोई खराबी आती है, तो अस्थाई कर्मचारी ही खंभे पर चढ़कर उसमे सुधार करता है। यहां भी ना कोई कर्मचारी स्थाई है, ना बिजली विभाग से है। बस अस्थाई कर्मचारी ही अपनी जान जोखिम में डालकर अपना काम कर रहें है। 

हाल ही में हुआ ये हादसा- 

आपकों बता दें कि बीते दिनों जिले की खाचरौद तहसील क्षेत्र के विद्युत वितरण केंद्र घिनोदा ग्रीड पर भी एक ऐसा ही हादसा हुआ। इस ग्रीड पर कर्मचारियों द्वारा बिजली की मरम्मत का कार्य किया जा रहा था। जिसमे कुछ अस्थाई कर्मचारी भी मौके पर मौजूद थे। 

इन्हीं में से एक अस्थाई कर्मचारी दिलीप पिता मोहनलाल राठौर संबंधित कार्य के लिए उपर चढ़ा। इसी दौरान उसका पैर तारों में फंस गया, और करंट की चपेट में आ गया, और बूरी तरह से झूलस गया। जिसके बाद मौके पर मौजूद अन्य कर्मचारी उसे संबंधित अस्पताल लेकर पहुंचे, और फिर डाॅक्टरों द्वारा घायल का उपचार शुरू किया गया। बताया यह भी जा रहा है कि, हादसे के दौरान पूरी विद्युत सप्लाई बंद थी, और महम एक फीडर चालू था। 

आपकों बता दें कि दिलीप राठौर का बीते करीब दो साल पहले ही मीटर रिडर और हेल्पर के रूप में बिजली विभाग में चयन हुआ था। दिलीप महज मानदेय पर विभाग में कार्यरत हे। 

नागदा की जनता के ये सवाल...?

क्या प्रशासन के अधिकारी महज मोटी तनख्वाह के लिए विभाग में पदस्थ है, और क्या उसी से संबंधित आदेश देना जानते है...?

क्या अस्थाई कर्मचारी नौकरी पर चढ़ने के बाद अपनी जान पर ही खेलने के लिए बना है...?

विभाग के उच्च अधिकारी अस्थाई कर्मचारियों की इस परेशानी को संज्ञान में लेंगे या नहीं...?

या सरकार भी इनकी और ध्यान देगी या नहीं... जिससे की इस तरह से होने वाले हादसों से थोड़ी राहत मिल सकें....?

आज नागदा शहर की जनता से बिजली विभाग पर इन्हीं अस्थाई कर्मचारियों के हक में सवालिया निशान लगा दिए है...?