BIG NEWS: कांग्रेस पार्षदों ने CMO से की मांग, आफरकर्ताओं के आवंटन से होगा नपा को नुकसान, अधिवक्ता का अभिमत लेकर करें कार्रवाई, मामला हाट मैदान की दुकानों से जुड़ा, पढ़े खबर

कांग्रेस पार्षदों ने CMO से की मांग, आफरकर्ताओं के आवंटन से होगा नपा को नुकसान, अधिवक्ता का अभिमत लेकर करें कार्रवाई, मामला हाट मैदान की दुकानों से जुड़ा, पढ़े खबर

BIG NEWS: कांग्रेस पार्षदों ने CMO से की मांग, आफरकर्ताओं के आवंटन से होगा नपा को नुकसान, अधिवक्ता का अभिमत लेकर करें कार्रवाई, मामला हाट मैदान की दुकानों से जुड़ा, पढ़े खबर

नीमच। कांग्रेस पार्षदों ने नगरपालिका सीएमओ गरीमा पाटीदार से आवेदन के माध्यम से मांग की है कि हाट मैदान के आवंटन संबंध में शासन के आदेश पर अमल किया जाता है, तो नगरपालिका को राजस्व की भारी क्षति पहुंचेगी। ऐसे में नपा हीत में अधिवक्ता से अभिमत लेकर कार्रवाई करें।

16 जनवरी को आयोजित नगरपालिका सम्मेलन में शासन के आदेश पर हाट मैदान की 15 दुकानों को आवंटित करने के लिए  विषय क्र. 28  लाया गया था। संबंधित प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस पार्षद कविता मोनू लोक्स,  अंजना राकेश सोनकर, नसीम बानो, नजामा इमराम पहलान, बतूल बानो व हरगोविंद दीवान ने सीएमओ मांग पत्र दिया है, जिसमें बताया गया कि पुराना हॉट मैदान में आफर आमंत्रण उपरांत पारित प्रशासक संकल्प शासन ने  निरस्त कर दिया था।  प्रस्ताव में 35 दुकानों के आ°फर सम्मिलित थे, जिनमें से 2 दुकानों के लिए कोई आ°फर प्राप्त नहीं हुए थे। 

शेष 33 प्राप्त आफर में कलेक्टर ने 14 आफर स्वीकृत किये थे तथा शेष 19 दुकानों के आ°फर निरस्त कर दिए थे । निरस्त 19 आफरकताओं ने धारा 323 के तहत कलेक्टर समक्ष अपील की थी, जिसे अस्वीकृत कर दिया था। अपील अस्वीकृत होने पर 15 आ°फरकर्ताओं ने शासन के समक्ष अपील की थी। 19 दुकानों में से 1 एक दुकान का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है, एक दुकान के आ°फरकर्ता ने अपनी जमा राशि को वापस ले लिया, जबकि  15 आफरकर्ताओं को शासन के आदेशानुसार दुकानों का आवंटन करना है। ऐसे मामले में नपा को जल्दबाजी न करते हुए प्रकरण में अधिवक्ता का अभिमत लेना चाहिएऔर विधिक अभिमत के आधार पर नपा को आगे की कार्रवाई करना चाहिए।

नपा को होगी भारी क्षति-

पार्षद कविता मोनू लोक्स ने बताया कि पूर्व में प्रशासक काल में भी हाट मैदान की 19 दुकानों के आफर भी  प्रशासक ने इसलिए निरस्त किए थे कि नपा को क्षति पहुंच रही थी। क्योंकि  आफर अपेक्षा के अनुरूप नहीं आए थे। ऐसे में वर्तमान हालातों को देखते तो जिस दुकानों के पूर्व में 20 लाख रूपए तक के आ°फर आए थे, उनकी कीमत दोगुना हो चुकी है। ऐसे में  शासन के आदेश पर अमल करने से  नपा को करोड़ों रूपए की राजस्व हानि होगी।