NEWS: अन्त: परिसरीय संस्कृत नाट्य समापन समारोह, मंत्री सखलेचा ने कहां- संस्कृत ही दुनिया का पथ, प्रदर्शन कर सकती है, पढ़े खबर

अन्त: परिसरीय संस्कृत नाट्य समापन समारोह, मंत्री सखलेचा ने कहां- संस्कृत ही दुनिया का पथ, प्रदर्शन कर सकती है, पढ़े खबर

NEWS: अन्त: परिसरीय संस्कृत नाट्य समापन समारोह, मंत्री सखलेचा ने कहां- संस्कृत ही दुनिया का पथ, प्रदर्शन कर सकती है, पढ़े खबर

भोपाल। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा एमएसएमई मंत्री सखलेचा ने कहा है कि संस्क्रत भाषा ही दुनिया का पथ-प्रदर्शन कर सकती है, शिक्षा और संस्कार की जननी संस्क्रत ही है। मंत्री सखलेचा गुरुवार को केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर में  तीन दिवसीय अन्तः परिसरीय संस्कृत नाट्य महोत्सव समापन अवसर को सम्बोधित कर रहे थे।

मंत्री सखलेचा ने कहा कि हमें अंधी दौड़ का हिस्सा नहीं बनना हैं, यदि हमें कुछ बेहतर और अलग करना है तो आध्यात्म के द्वारा ही कर सकते हैं, और इसके लिए हमें संस्कृत भाषा का अध्ययन करने के साथ जनजन की भाषा बनाना होगा। जितना रहस्य प्राचीन समय से लिखे गए वैदों के संस्कृत के श्लोकों में छिपा है, वो और कहीं नहीं है। संस्कृत पुरानी चीजों को जानने का सबसे सरल तरीका है। 

इस दौरान केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय शृंगेरी कर्नाटक के द्वारा वीर पृथ्वीराज नाटक की प्रस्तुति हुई। पृथ्वीराज चौहान के शौर्य व साहस को मंच पर दर्शाने वाले इस नाटक ने पृथ्वीराज के शब्दभेदी बाण के प्रयोग को जीवंत कर दिखाया। संस्कृत नाट्य प्रतियोगिता के अंत में मेजबान भोपाल परिसर ने भारत विजय नाटक का मंचन किया। इस नाटक में भारत के नागरिकों की दुर्दशा और विदेशी व्यापार की वंचना से भारत माता की चिंता को दर्शाया गया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. निवास, निदेशक प्रोफेसर जे भानुमूर्ति का सम्मान किया। प्रो. जे. भानुमूर्ति आगामी 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। नाट्य महोत्सव के संपूर्ति सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रिय संस्कृत संस्थान नई दिल्ली के पूर्व कुलपति प्रो . राधावल्लभ त्रिपाठी,  प्रो. के. जे. सुरेश कुलपति माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल, प्रोफेसर विरूपाक्ष वी. जड्डीपाल सचिव महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान, सत्यवती त्रिपाठी पूर्व आचार्या हिंदी विभाग डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहें।