BIG NEWS : मंदसौर पुलिस कप्तान का बड़ा एक्शन, अवैध गतिविधियों में लिप्त आरक्षक बर्खास्त,चोरी की बोलेरो छुड़वाने का प्रयास, और तस्करी के खेल में शामिल, तो अब हुई ये बड़ी कार्यवाही, पढ़े ये खबर

मंदसौर पुलिस कप्तान का बड़ा एक्शन, अवैध गतिविधियों में लिप्त आरक्षक बर्खास्त,चोरी की बोलेरो छुड़वाने का प्रयास, और तस्करी के खेल में शामिल, तो अब हुई ये बड़ी कार्यवाही, पढ़े ये खबर

BIG NEWS : मंदसौर पुलिस कप्तान का बड़ा एक्शन, अवैध गतिविधियों में लिप्त आरक्षक बर्खास्त,चोरी की बोलेरो छुड़वाने का प्रयास, और तस्करी   के खेल में शामिल, तो अब हुई ये बड़ी कार्यवाही, पढ़े ये खबर

मन्दसौर। बीते दिनों चोरी का वाहन छुडाने के मामले में लाइन हाजिर हुए आरक्षक को एसपी ने जांच में दोषी पाए जाने के बाद शुक्रवार को बर्खास्त करने के आदेश दिए। उल्लेखनीय है कि बूढ़ा चौकी में पदस्थ आरक्षक देवेन्द्रसिंह ने चोरी की बोलेरो वाहन को छुडाने के लिए चौकी प्रभारी को मोबाइल पर कॉल की थी। इसी मामले में वह निलंबित था, जिसकी विभागीय जांच हुई। जिसमेें आरक्षक देवेन्द्रसिंह को दोषी पाते हुए एसपी ने बर्खास्त करने के आदेश देते हुए लिखा कि मादक पदार्थ गतिविधियों में संलिप्त पुलिस कार्मिक निलंबित आरक्षक 658 देवेन्द्रसिंह को संविधान के अनुच्छेद 311 (2) द्वितीय परंतुक खण्ड (ख) एवं मप्र सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 19 (2) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सेवा से  पदच्युत की दीर्घाशस्ति से दण्डित किया जाता है। 

यह था मामला-

जानकारी के अनुसार 27-28 मई को रात्रि बूढ़ा चौकी प्रभारी सत्येन्द्रसिंह ने बूढा-बादरी रोड़ पर नव निर्मित पंचायत भवन के सामने पुलिस का लोगो (निशान) लगे बोलेरा वाहन को रोका, वाहन में पीछे सीट नही थी। वाहन को डॉयल 100 का चालक छोटा हिंगोरिया निवासी राहुलसिंह पिता नागूसिंह झाला चला रहा है। चौकी प्रभारी ने वाहन के दस्तावेज मांगे तो दस्तावेज नहीं मिले। वहीं वाहन की नम्बर प्लेट भी जांच में फर्जी निकली। इस दौरान चौकी पर पदस्थ आरक्षक देवेन्द्रसिंह शक्तावत ने  हॉकी प्रभारी को मोबाइल पर कॉल कर उक्त वाहन को छोड़ने की कहा, तो चौकी प्रभारी इसकी जानकारी विभागीय अधिकारियों को दी। उक्त वाहन में सीटें नहीं थी, वहीं गाड़ी के कागजात भी नहीं थे, नम्बर भी जांच के दौरान फर्जी निकले, इससे आशंका है कि उक्त वाहन को डोडाचूरा या अन्य मादक पदार्थ की तस्करी में काम लिया जाने की भी आशंका थी। वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की जानकारी मिलने के बाद चोरी के वाहन को छुडाने के लिए चौकी प्रभारी को कॉल करने वाले आरक्षक देवेन्द्रसिंह को दोषी मानते हुए मंदसौर एसपी ने निलंबित कर दिया था। उल्लेखनीय है कि इस मामले में आरोपी राहुलसिंह ने उक्त वाहन आरक्षक देवेन्द्रसिंह के भाई छोटूसिंह का होना बताया था, बाद में पुलिस ने छोटूसिंह के खिलाफ भी चोरी का प्रकरण दर्ज किया था।

अनुकंपा में मिली नौकरी का उठाया बेजा फायदा-

जानकारी के मुताबिक आरक्षक देवेंद्र सिंह को उसके पिता की जगह पुलिस में सेवा देने का अवसर मिला था। लेकिन वह अवैध गतिविधियों में इतना लिप्त हो गया कि इसने पुलिस सेवा के सभी मापदंडों को ताख पर रख डाला। खाकी को बदनाम करने में कोई कोर कसर इसने नहीं छोड़ी। अब पुलिस कप्तान ने इसे बर्खास्त करते हुए एक बड़ा उदाहरण ही नहीं पेश किया बल्कि संदिग्ध गतिविधियों में शामिल अन्य पुलिसकर्मियों के लिए भी एक चेतावनी पेश की हैं।