NEWS: सावन माह का आखरी सोमवार, कुकड़ेश्वर में निकली भव्य शाही सवारी, कलाकारों ने बांधा समां, क्या है सहस्त्र मुखेश्वर मंदिर का इतिहास, पढ़े ये खबर

सावन माह का आखरी सोमवार, कुकड़ेश्वर में निकली भव्य शाही सवारी, कलाकारों ने बांधा समां, क्या है सहस्त्र मुखेश्वर मंदिर का इतिहास, पढ़े ये खबर

NEWS: सावन माह का आखरी सोमवार, कुकड़ेश्वर में निकली भव्य शाही सवारी, कलाकारों ने बांधा समां, क्या है सहस्त्र मुखेश्वर मंदिर का इतिहास, पढ़े ये खबर

(रिपोर्ट- प्रकाश जैन)

कुकड़ेश्वर  प्रकाश एस जैन नगर के उत्तर में ताज के रूप में स्थापित श्री सहस्त्र मुखेश्वर महादेव शिवालय पर श्रावण मास शुरू होते ही भक्तों का ताता लगा रहता है और पृतिवर्षा अनुसार इस वर्ष भी नगर के तारणहार आशुतोष भोलेनाथ नगर की जनता के हाल जानने उनके घर आंगन पहुंचे भक्त भी अपने तारणहार को अपने बीच पाकर हर्षित और भाव विभोर हो रहे थे जगह जगह उनका स्वागत अभिनंदन कर रहे थे

नगर के तारणहार भूत भवन आशुतोष श्री सहस्त्र मुखेश्वर महादेव लाव लश्कर बैंड बाजे ढोल धमाकों डीजे सॉन्ग धारी  कुकड़ेश्वर के तासे मनासा के अखाड़े व हजारों भक्तों के साथ हर हर महादेव जय शिव शंभू के गगन  चुंबी जयकारों के साथ  सुबह महा अभिषेक के बाद शाही सवारी शिवालय से प्रारंभ हुई जो भावसार मंदिर वार्ड नंबर 1 तंबोली मंदिर तंबोली चौक नीम चौक झंडा चौक सदर बाजार भटवाड़ा मोहल्ला मुखर्जी चौक बस स्टैंड भारत माता चौराहा लालबाई फूलबाई मंदिर होता हुआ मनासा रोड स्थित मनासा रोड स्थित पार्वती माता मंदिर पहुंचा जहां शिव पार्वती की आरती कर अभिनंदन किया गया वहां से शाही सवारी पुनः मनासा नाका अमरेश्वर मंदिर ब्राह्मण मोहल्ला लोहार मोहल्ला गढ़िया मंदिर जैन मंदिर श्री राम मंदिर मालवीय  मोहल्ला चंपा बाजार होते हुए पुनः शिवालय पहुंचा जहां महाआरती कर महाप्रसादी वितरित की गई

शाही बरात को भव्यता प्रदान करने के लिए सावन उत्सव मंडल ने  मनासा के अखाड़ों का आयोजन किया गया था जिनके प्रदर्शन को देख कर लोगों ने दांतों तले उंगली दबा ली  अखाड़ों ने अपनी हैरतअंगेज कारनामे दिखाकर शाही बारात को चार चांद लगाएं
जगह जगह हुआ स्वागत भोलेनाथ की शाही बरात का अभिनंदन करने के लिए नगर की जनता में अपार उत्साह देखा गया कंकू गुलाल नारियल बिलपत्र चढ़ाकर और श्रीफल चढ़ाकर लोगों ने अपने तारणहार का स्वागत अभिनंदन किया लगभग लगभग हर घर दुकान पर भोले का अभिनंदन हुआ 

शाही सवारी में  घोड़े पर धर्म ध्वजा लिए बैठे थे उसके बाद बैंड बाजे और डीजे  पर नाचते युवा बुजुर्ग महिलाएं तो बीच में हजारों भक्त साथ चल रहे थे तो वही महिला और पुरुष की भजन मंडली भोले के भजनों मंत्रमुग्ध करते हुए चल रहे थे तो वही प्रथम पूज्य श्री गणेश जीप की सवारी पर से तो भोलेनाथ पालकी और रथ जी पर सवार थे शाही बरात की भव्यता का इस बात से ही पता चल सकती है कि की एक सिरा मुखर्जी चौक पर था तो अंतिम सिरा तंबोली चौक को छू रहा था

जगह-जगह कोई आरती-

नगर में शाही सवारी नगर भ्रमण पर निकले तो नगर में स्थित तमोली मंदिर भटवाड़ा मोहल्ला स्थित नागेश्वर भोलेनाथ लक्ष्मण दरबार रामपुरा रोड स्थित सांवलिया जी मंदिर लालबाई फूलबाई मंदिर ब्राह्मण मंदिर गढ़िया मंदिर श्री राम मंदिर दौसा मंदिर आदि पहुंचने पर भोलेनाथ का भव्य स्वागत कर आरती अभिनंदन किया गया


भजन संध्या का आयोजन शाही बरात को भव्यता प्रदान करने के लिए बस स्टैंड पर भजन संध्या का आयोजन किया गया था भोले हो भोले जैसे भजनों और जीवित नाग के साथ नाटक प्रस्तुत कर शाही सवारी में आए सैकड़ों भक्तों को भक्ति रस में भाव विभोर कर दिया सैकड़ों भक्त भजनों की धुन पर थिरकने को मजबूर हो गए