NEWS: स्व-सहायता समूह से जुड़कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनी गायत्री, अब प्रतिमाह इतनी आय, खर्च को लेकर कहीं ये बड़ी बात, पढ़े खबर
स्व-सहायता समूह से जुड़कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनी गायत्री, अब प्रतिमाह इतनी आय, खर्च को लेकर कहीं ये बड़ी बात, पढ़े खबर
मनासा। जिले की मनासा तहसील की ग्राम पंचायत तलाउ निवासी श्रीमती गायत्री पोरवाल के घर कि स्थिति दयनीय थी। गायत्री पोरवाल किराना के सहारे अपना ओर अपने परिवार का भरण पोषण करती थी। उसके घर में कुल 7 सदस्य है। गायत्री द्वारा 50 हजार रूपये का साहुकारो से ऋण लिया। ताकि किराना की दुकान का संचालन अच्छे से कर सके। ब्याज पर प्राप्त ऋण का बोझ गायत्री के परिवार पर बढता गया। उसे ऋण भुगतान के लिये अधिक मेहनत के लिये भटकना पडा। ऐसे में गायत्री को म.प्र. डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिषन द्वारा संचालित समूह के बार में पता चला। गायत्री ने उक्त समूह से सम्पर्क कर स्व-सहायता समूह की जानकारी प्राप्त की। तदपश्चात बजरंग आजीविका समूह का गठन किया।
समूह में गायत्री द्वारा किराना दुकान से 100 प्रतिमाह बचत कर जमा की गई। उसने समूह से 15 हजार रूपये का ऋण प्राप्त किया, और किराना दुकान से बचत कर 15 हजार रूपये मय ब्याज के समय पर जमा करा दिये। तदपश्चात गायत्री ने आजीविका की आवश्यकता के लिए समूह से 40 हजार रूपये का ऋण लिया। जिससे उसने किराने का ओर भी सामान लिया। दुकान से सामान बेचकर उसे आजीविका के लिए अच्छी आमदनी प्राप्त हुई।
वर्तमान में गायत्री ग्राम संगठन तलाउ की सचिव है। ग्राम संगठन से गायत्री ने 75 रूपये का ऋण प्राप्त कर आटा चक्की ली और किराना दुकान को होलसेल किया। गायत्री ने बताया कि वर्तमान में उसे 8-10 हजार रूपये प्रतिमाह आय प्राप्त हो जाती है। जिससे वह अच्छे से आजिवीका चला रही है। उसका कहना है,कि स्व-सहायता समूह से जुडकर आत्मनिर्भर बन गई है