BIG NEWS : MP में 18 जुलाई से 15 अगस्त तक चलेगा राजस्व महाअभियान, जनता को होगा लाभ, CM ने जारी किए ये निर्देश, तो इन पर होगी कार्यवाही, पढ़े खबर
MP में 18 जुलाई से 15 अगस्त तक चलेगा राजस्व महाअभियान
डेस्क। मध्य प्रदेश में राजस्व महाअभियान 2.0 शुरू होने जा रहा है। 18 जुलाई से इसकी शुरुआती होगी और 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के दिन इसका समापन होगा। सोमवार को सीएम ने वर्चुअल माध्यम से समत्व भवन में राजस्व महाअभियान के संचालन की समीक्षा की। साथ ही महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी भी किए हैं। इस दौरान राजस्व मंत्री करण सिंह समेत कई अधिकारी भी मौजूद रहें। इस अभियान के तहत आमजन को लाभ होगा, उनके समस्याओं का समाधान किया जाएगा। बता दें कि राजस्व महा-अभियान 1.0 में 30 लाख से अधिक प्रकरणों निराकरण किया गया था।
मुख्यमंत्री ने दिए ये निर्देश-
सीएम यादव द्वारा जारी गाइडलाइंस के मुताबिक इस महा अभियान में संभागायुक्त, ज़िला कलेक्टर, अपर कलेक्टर, अनुविभाग अधिकारी तहसील न्यायालयों का निरीक्षण करेंगे।
राजस्व न्यायालयों (RCMS) में समय सीमा पार लम्बित नामांतरण, बँटवारा, अभिलेख दुरुस्ती के प्रकरणों निपटान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अभियान की रोजाना मॉनिटरिंग का निर्देश भी दिया हैं।
पटवारियों को अपने-अपने हलके में रहकर अभियान के तहत समस्याओं का त्वरित निराकरण का निर्देश जारी किया गया है।
राजस्व अभियान में अभिलेख दुरस्ती को लेकर भी समय सीमा तय की जाएगी।
ई केवाईसी, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसे अन्य सुविधाओं से संबंधित शिकायतों का भी जल्द से जल्द निपटान किया जाएगा।
इतना ही अभियान का व्यापक प्रचार करने का निर्देश भी दिया गया है, ताकि आमजन राजस्व अभियान से जुड़ सकें।
राजस्व सम्बन्धी सभी प्रकरण RCMS दर्ज कराए जाएँ। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
किसानों के समस्याओं का करें निपटान- सीएम यादव
खसरा और नक्शा में एकरूपता नहीं होने से कृषकों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। किसानों की इन समस्याओं का अभियान में निराकरण किया जाएगा। अभियान के दौरान स्वामित्व योजना सैचुरेट करने हेतु कार्यवाही पूरा करने का आदेश सीएम ने जारी किया है।
गैर-जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने राजस्व महा अभियान 2. 0 महत्वपूर्ण बताया है। उन्होनें घोषणा कि है कि अभियान में बेहतर काम करने वाले अधिकारियों को सराहा जायेगा। वहीं कोताही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।