BIG NEWS: गौशाला, चरागाह और तालाबों से महकती जमीन, अब इस कंपनी की पड़ी नजर, तो की ये बड़ी तैयारी, ग्रामीण बोले- हो रहा अतिक्रमण, कलेक्टर से लगाई गुहार, अब भूमि बचाने की मांग, मामला इस ग्राम पंचायत का, पढ़े ये खबर
मामला इस ग्राम पंचायत का
नीमच। मंगलवार को जिला कलेक्टोरेट कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान ग्राम सोनीयाना के सरपंच सहित अन्य ग्रामीण पहुंचे। इन्होंने ग्राम पंचायत क्षेत्र में फैक्ट्री निर्माण के संबंध में एक ज्ञापन सौंपा। साथ ही निर्माण को रूकवाने की गुहार जिला कलेक्टर के समक्ष लगाई।
शिकायतकर्ता और ग्राम पंचायत सरपंच घनश्याम प्रतापत ने जानकारी देते हुए बताया कि, हमारे गांव के पास शासकीय जमीन है। जिसमे गांव का मीडिल स्कूल, गौशाला, चरागाह विकास, वृक्षारोपण और तालाब बना हुआ है। यहां स्वराज शुटिंग प्रायवेट लिमिटेव कंपनी वाले आकर अतिक्रमण कर रहे है। हमारा जिला कलेक्टर और शासन प्रशासन से यहीं निवेदन है कि, गांव के हित को देखते हुए 93 नंबर की जमीन हम नहीं देना चाहते। इसके अलावा भी बहुत से नंबर है। शासन कंपनी को वह नंबर देदे...! हमारे इसी नबंर के क्यों पीछे पड़े हुए है।
सरपंच प्रजापत ने बताया कि, जब हमारे द्वारा दस्तावेज मांगे गए, तो कंपनी के जिम्मेदारों ने कहां कि, उनके पास पंचायत की एनओसी है, लेकिन उनके पास एनओसी नहीं, सिर्फ पंचनामा है। जो कि दो से चार लोगों ने बैठकर तैयार किया है। पंचायत की और से कोई एनओसी नहीं है। हमे कोई दस्तावेज प्राप्त नहीं हुए, हमारे तरह से वो वह सिर्फ अतिक्रमण ही कर रहे है।
सरपंच ने कहां कि, यह स्वराज शुटिंग लिमिटेड कंपनी है। इनकी फैक्ट्री झांझरवाड़ा इंडस्ट्रीज ऐरिये में है। उन्हें फैक्ट्री निर्माण के लिए जमीन चाहिए, तो वह हमारे गांव में ही आकर हमारी जमीन ले रहे है। सोनियाना पंचायत की भूमि औद्योगिक क्षेत्र में नहीं आ रही है, उस क्षेत्र से बाहर है। उसमे धामनिया और झांझरवाड़ा गांव की जमीन आ रही है।
सरपंच ने आगे बताया कि, पूर्व में ही उक्त भूमि पर गौशाला और शासकीय स्कूल सहित अन्य निर्माण है। जिसमे सरकार की करीब 3 करोड़ रूपये की राशि खर्च हुई है। शासन की इतनी राशि निर्माण में लगी हुई है। इन सब निर्माणों को नष्ट कर कंपनी यहां फैक्ट्री लगाना चाहती है, और हम फैक्ट्री नहीं चाहते है। पूर्व में फैक्ट्री संचालकों ने हमारी राय मांगी थी, तो हमारे द्वारा उन्हें मना कर दिया गया था।
सरपंच प्रतापत ने बताया कि, जिला कलेक्टर से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा है। कलेक्टर साहब की और से कहां गया कि, यदि सरकार की और से कंपनी को उक्त भूमि अलार्ट की गई है, तो आगे देखते है। उन्होंने जांच कराने की बात कहीं है।
ज्ञापन में भूमि पर वर्तमान के निर्माण-
शिकायतकर्ताओं ने ज्ञापन में बताया कि, ग्राम पंचायत सोनीयाना की भूमि सर्वे नंबर- 93 पैकी 1/2 जिसका रकबा 1758 हैक्टेयर है। इस पर गौशाला बनी हुई है, जिस पर पचास लाख से अधिक की राशि खर्च हुई है। शासकीय माध्यमिक विद्यालय के निर्माण में 20 लाख की राशि, क्रिकेट खेल मैदान में 10 लाख की राशि, पेयजल के निर्माण में 20 लाख की राशि, चारागाह में 10 लाख की राशि, दो तालाबों के निर्माण में 15 से 20 लाख रूपये की राशि और दो हैक्टेयर भूमि पर वृक्षारोपण किया गया है। जिसमे 10 लाख रूपये की राशि का खर्च हुआ। जिसके चारों और बाॅर्डर बनाई हुई है।
क्या बोलें कंपनी के संचालक-
उन्होंने इनकार किया, मुझे तो सरकार ने जमीन दी है जमीन, मेरे पास अनुमति के आदेश है, जो इन सभी को भी दिए हुए है। हम एनओसी नहीं लेते है, वह सरकार लेती है। कलेक्टर लेते है। स्टेट गवरमेंट ने दी है हमें, सरपंच से कलेक्टर साहब एनओसी लेते है। कलेक्टर साहब ने एमपीआरडीसी को दी, और एमपीआडीसी से आवेदन करने के बाद यह जमीन खरीदी है। हम इसमे कहीं पिक्चर में ही नहीं होते है। हमारा और पंचायत का इसमे कुछ नहीं है। एमपीआरडीसी ने अलोर्ट की है।- शब्बीर, फैक्टरी संचालक