NEWS: घोड़ारोज की समस्या, बसंत मालपानी के नेतृत्व बड़ा प्रदर्शन, सैकड़ों किसान भी रहे मौजूद, इस मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन, पढ़े ये खबर
घोड़ारोज की समस्या, बसंत मालपानी के नेतृत्व बड़ा प्रदर्शन, सैकड़ों किसान भी रहे मौजूद, इस मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन, पढ़े ये खबर
रिपोर्ट- बबलू यादव
नागदा। घोड़ारोज की समस्या को लेकर बसंत मालपानी के नेतृत्व में 3 मार्च शुक्रवार को तहसील मुख्यालय खाचरोद पर एक प्रदर्शन हुआ। जिसमे नागदा खाचरोद के सैकड़ों किसान मौजूद रहे। मालपानी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा की क्षेत्र के किसान की महंगी फसलों को घोड़ारोज नामक जानवर बर्बाद कर रहा है, वन विभाग व प्रशासन के अधिकारी मूक दर्शक बन समस्या से बचाव तो दूर क्षेत्र में जाकर देख तक नही रहे है, घोड़ारोज फसलों को नुकसान भी पहुंचा रहे।
साथ ही साथ उनकी वजह से क्षेत्र में हो रहे एक्सीडेंट से व उनके हमले से कई लोग घायल भी हो रहे, न तो सरकार बर्बाद फसलों का मुआवजा दे रही न घायलों को राहत राशि, मेरा सरकार और अधिकारियों से निवेदन है की वो होश में आए वरना आज ये सांकेतिक आंदोलन है। आगे उग्र आंदोलन करना पड़ेगा। मालपानी ने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के प्रति भी धन्यवाद प्रेषित कर कहा की उनके द्वारा जब से गांव गांव घोड़ारोज की समस्या को लेकर जनजागरण अभियान चलाया जा रहा था और 3 मार्च के आंदोलन की जानकारी जब उन्हें लगी तो प्रशासनिक स्तर पर उनके द्वारा भी कुछ कार्यवाही प्रारंभ कर दी पर मालपानी ने जनप्रतिनिधियों से भी कहा की कागजी खानापूर्तियो से समस्या का हल नहीं होगा उससे इतिश्री न करें।
अगर सच में समस्या का हल चाहते है तो किसानों व जनता के साथ सड़को पर आए । मालपानी ने पंजाब हरियाणा के किसानों का उदाहरण देते हुए कहा की वहा के किसान अपने अधिकारों के लिए 1 साल से ज्यादा समय तक डटे रहे अंत में केंद्र की सरकार को उनकी मांग मानना ही पड़ी , पर हमारे क्षेत्र के किसान आंदोलन नही कर रहे और उनके भोलेपन का फायदा सरकार उठा रही , अब हमे भी जागरूक होकर अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा।
मालपानी के नेतृत्व में एक ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी खाचरोद पुरषोत्तम कुमार को मुख्यमंत्री के नाम का सोपा गया जिसमे मांग की गई की घोड़ारोज की वजह से खेतो में हो रहे नुकसान का मौका मुआयना कर मुआवजा दिया जाए , घोड़ारोज की वजह से घायल व मृत हो चुके नागरिको को राहत राशि प्रदान की जाए , खेतो में घूम रहे घोड़ारोज को गन इंजेक्शन के माध्यम से बेहोश कर घने जंगलो में छोड़ा जाए।
इच्छूक किसानो को बंदुक का लायसेंस प्रदान किया जाए तथा घोड़ारोज मारने पर कोई कानुनी कार्यवाही न की जाए, लगातार घोड़ारोज की जनसंख्या बढ़ रही है इसके लिये सरकार घोड़ारोज के टीकाकरण कर इनकी जनसंख्या पर नियंत्रण किया जाए , घोड़ारोज और उसेके नुकसान से बचने के लिये किसानो को खेत की मेड़ पर तार एवं जाली लगवाने के लिये 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाए , जो छोटे किसान है वह तार या जाली लगाने में सक्षम नहीं है उन्हें 50 प्रतिशत अनुदान व 50 प्रतिशत लोन दिया जाए। ज्ञापन का वाचन कन्हेयालाल पाटीदार ने किया।
इस अवसर पर जितेंद्र जैन, अनिल पाटीदार, कन्हैया पाटीदार, प्रकाश पाटीदार, कालूराम परमार, हरिराम पाटीदार, महेश पाटीदार, रामेश्वर पाटीदार, वासुदेव पाटीदार, अर्जुन पाटीदार, दीपक शर्मा, मुकेश पाटीदार, भरत पाटीदार, राहुल व्यास, शांतिलाल पाटीदार, अम्बाराम पाटीदार, शेखर पाटीदार, दिनेश पाटीदार, मानसिंह गुर्जर, कन्हैयालाल गुर्जर, गोरधन चौधरी, अमृतलाल चौहान, रोहित पाटीदार, दिनेश पँवार, दशरथ ररोतिया, प्रकाश चौधरी, दरबार सिंह गुर्जर, शोभाराम गुर्जर, बहादुर सिंह आँजना, संदीप पटेल, प्रद्युम्न गुर्जर, संतोष शर्मा, घनश्याम डालर, चेतन पाटीदार, पप्पू मालवीय, समरथ खोखर, प्रह्लाद खोखर, सागर पटेल, भरत मालवीय, समरथ पाटीदार, अजय पाटीदार, राधेश्याम धाकड़, रघुवीर सिंह, शोभाराम गुर्जर, अमर सिंह आंजना, बहादुर सिंह आंजना, हीरालाल धाकड़, गट्टू सिंह, राकेश पाटीदार, राजेंद्र सिंह, राकेश चौधरी, कान्हापुरी गोस्वामी, मुकेश पूरी गोस्वामी, बंदूपूरी गोस्वामी, धर्मेंद्र पाटीदार, नंदकिशोर पाटीदार, संतोष पाटीदार, बलराम पाटीदार, कैलाश पाटीदार, मेसरसिंह परमार, अजय सिंह, दिलीप पाटीदार, ईश्वर पाटीदार, रामचंद्र धाकड़, पिरूलाल राठौड़, जुझार सिंह, राजेंद्र पंवार, सुनील चौहान, दिलीप फतरोड, श्रवण सोलंकी, जुम्मन खान, अशोक परांजपे, मुकेश अहिरवार , मुकेश भाटिया , आरिफ खान , जितेंद्र परमार , रंजीत जाटविया , राहुल हाडे , विकास परमार , जितेंद्र राठौड़ , जगदीश नंदेड़ा , राजेंद्र गुर्जर , मुकेश गुर्जर सहित सैकड़ों किसान मौजूद थे।