NEWS : नई अफीम नीति किसान विरोधी, अफीम किसानों पर लादे गए काले कानून, सांसद गुप्ता ने चुप्पी साधकर दिया धोखा, कांग्रेस के प्रदेश सचिव तरूण बाहेती ने लगाए गंभीर आरोप, पढ़े खबर
नई अफीम नीति किसान विरोधी
नीमच। नई अफीम नीति में अफीम किसानों के साथ धोखा हुआ है। नई नीति में किसानों को कोई फायदा नहीं, बल्कि सीधा नुकसान हुआ है, सरकार ने दो काले क़ानून डालकर सभी अफीम किसानों को परेशानी में डाल दिया है। नई नीति से किसान ठगा सा महसूस कर रहा है और उधर सांसद सुधीर गुप्ता अफीम नीति पर बिना किसी मतलब के झूठी वाह वाही लेने में लगे है। यह आरोप कांग्रेस के प्रदेश सचिव व नीमच जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती ने लगाए हैं।
उन्होंने कहा की सरकार हर वर्ष अफीम की नई नीति तय करती है इसमें किसानों के मुख्य समस्याओं पर चर्चा होती है। अफीम नीति की बैठक में किसानों का प्रतिनिधित्व कर रहे सांसद सुधीर गुप्ता ने किसान हितों पर चुप्पी साध कर इस वर्ष किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। नई अफीम नीति में किसान आशान्वित थे की इस बार अफीम नीति किसानों के फायदे कारक आएगी लेकिन नई नीति ने किसानों की मूल समस्याओं पर कोई चर्चा तक नहीं करी बल्कि उल्टे दो नये काले कानून लाद कर किसानों के लिए अफीम की खेती में मुश्किल पैदा कर दी है। बाहेती ने कहा की नई नीति में सरकार ने किसानों के छल करते हुए आगामी फसल के लिए 5.9 मार्फ़ीन का मात्रा का प्रावधान कर दिया जो किसानों के लिए संभव हीं नहीं है वहीं सीपीएस पद्धति की फसल में बिना किसी जानकारी के हजारों पट्टों को होल्ड कर दिया जो की किसी भी तरह उचित नहीं है। हालात यह है कि इस वर्ष भी किसानों की मुख्य मांगो अफीम के भाव बढ़ाने,एनडीपीएस एक्ट 8/29 को समाप्त करने,अफीम कृषि पर फसल बीमा लागू करने एवं डोडा चुरा नीति को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया।
लुनाई चिराई के नए पट्टे देने का वादा भी भ्रमित करने वाला-
जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती ने कहा कि नई नीति में प्रावधान किया है की सीपीएस पध्दत्ति से अफीम की खेती करने वाले जिन किसानों सरकार को 900 किलो प्रति हेक्टेयर के मान से सीपीएस डोडे उपलब्ध कराए हैं उन्हें लुनाई चिराई (पांरपरिक) अफीम खेती के लायसेंस दिए जाएंगे। जबकि सरकार का सीपीएस डोडा खरीद का प्रावधान हीं 700 किलो प्रति हेक्टेयर है। वहीं सरकार ने 650 किलो प्रति हेक्टैयर से कम सीपीएस डोडा देने वाले किसानों के पट्टे होल्ड कर दिए जो बिल्कुल तर्क संगत नहीं है। नियमानुसार पट्टे होल्ड करने का प्रावधान पिछली डोडा चुरा नीति में दर्शाया जाना था जो नहीं किया गया। किसानों को बिना जानकारी के हीं उनका हक खत्म किया जा रहा है। इस नियम से हजारों किसानों के पट्टे कटेंगे। इससे किसानों में सांसद गुप्ता एवं सरकार के खिलाफ भारी रोष है।
मार्फ़ीन का औसत कैसे बढाए, किसानो को आज तक नहीं मिला प्रशिक्षण-
बाहेती ने कहा कि नई नीति में 5.9 मार्फ़ीन का नियम लागू कर दिया गया है। जो दूसरा काला क़ानून है। अफीम किसानों को फसल में मार्फ़ीन का औसत को कैसे बढाया जाए, इसको लेकर कभी किसानों को कोई प्रशिक्षण नहीं दिया है। किसानों को उचित ढंग से खेती करने एवं मॉर्फिन की मात्रा कैसे बढ़ाई जाए इसकी कोई जानकारी तक नहीं है फिर आखिर कैसे किसान अफीम में मार्फ़ीन की मात्रा बढ़ाएगा। कुल मिलाकर यह खेती अब भाग्य और किस्मत के भरोसे ही हो गई है। किसान इसका बड़े स्तर पर विरोध की तैयारी कर रहे है।
नए किसानो का आखिर क्या दोष उन्हें पट्टे क्यों नहीं-
बाहेती ने कहा कि सांसद सुधीर गुप्ता भले ही पट्टे बढ़ाने की झूठी तारीफ़ करवाते है लेकिन हकीकत यह है की पिछले 10 वर्षों में एक भी नये किसान को एक भी नया अफीम पट्टा जारी नहीं किया गया। सिर्फ उन पुराने किसानों पट्टे जारी करने की बात होती है जो पिछले कुछ सालों में औसत पूरी नहीं देने से या अन्य कारणों से पट्टे काटे गए थे। नए किसानों का आखिर क्या दोष है। क्या बाद में पैदा होकर उन्होंने गुनाह कर दिया...? बाहेती ने मांग करी की पुराने किसानों के साथ साथ नए किसानों को भी प्रतिवर्ष नये अफीम पट्टे दिए जाने चाहिए।
फसल बीमा का लाभ क्यों नहीं-
कांग्रेस के प्रदेश सचिव बाहेती ने आरोप लगाया कि सांसद सुधीर गुप्ता अफीम काश्तकारों को नई अफीम नीति में राहत दिलाने के सब्जबाग तो दिखाते हैं, पर स्थिति यह है कि पिछले 10 सालों से वह अफीम फसल को प्रधान मंत्री की फसल बीमा योजना में शामिल नहीं करा पाए, जिसका परिणाम है कि प्राकृतिक आपदा के दौरान अफीम फसल पहुंचने वाली क्षति, सीधे तोर पर अफीम काश्तकार को नुकसान पहुंचाती है, जिसका उसे मुआवजा तक नहीं मिलता है।
बाहेती ने कहा कि विडंबना है की ऐसा पहला ऐसा मौका है जब किसी भी किसान संगठन ने अफीम नीति का स्वागत नहीं किया। सभी ने इसे किसान विरोधी नीति बताया है। पहले हीं इस वर्ष की अफीम नीति अपने तय समय से करीब एक माह देरी से घोषित हुई है और इसमें भी किसानों की मूल समस्याओं अफीम के भाव बढ़ाने, एनडीपीएस एक्ट 8/29 को समाप्त करने, अफीम कृषि पर फसल बीमा लागू करने एवं डोडा चुरा नीति पर सांसद सुधीर गुप्ता किसानों को कोई लाभ नहीं दिला पाए। बाहेती ने आरोप लगाया कि सांसद सुधीर गुप्ता ने नई अफीम नीति में काले क़ानून जारी करवा किसानों का हक़ छीन लिया है। शीघ्र हीं नई अफीम नीति के विरोध में किसान सड़कों पर उतरेंगे।