NEWS : महर्षि दयानंद सरस्वती की 200 वीं जयंती, नीमच में यहां हुआ खास कार्यक्रम का आयोजन, जीवन पर डाला प्रकाश, दी अहम जानकारियां, पढ़े खबर
महर्षि दयानंद सरस्वती की 200 वीं जयंती
नीमच। कृति, साहित्यिक सामाजिक सांस्कृतिक संस्था एवं आर्य समाज, केंट नीमच के संयुक्त प्रयास से आज महर्षि दयानंद सरस्वती की 200 वीं जयंती के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया था, उसमें मुख्य विषय था महर्षि दयानंद सरस्वती एवं समाज इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में अचार्य आर्य नरेश, कार्यक्रम की अध्यक्षता नारकोटिक्स के सहायक आयुक्त राजेश पारेख, आर्य समाज से, मनोज आर्य, कृति परिवार की तरफ से मैंने स्वयं उपस्थित रहकर मंच साझा किया। सर्वप्रथम ओम उच्चारण के साथ ध्यान मुद्रा में बैठकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया, एक नन्ही बालिका ने, स्वामी दयानंद सरस्वती के जीवन पर एक भजन गाया।
उसके बाद मंच पर उपस्थित मुख्य वक्ता, अचार्य आर्य नरेश का कृति संस्था के अध्यक्ष इंजीनियर बाबूलाल गौड़, सचिव महेंद्र त्रिवेदी एवं वरिष्ठ सदस्य प्रकाश भट्ट ने मंच पर उपस्थित अतिथियों का सम्मान किया, एवं आर्य समाज से मनोज आर्य स्वर्णकार, इसके अलावा सुरेश चन्द्र, हस्तिराम भाटी, पुरषोत्तम भाटी, राजेन्द्र शर्मा, याज्ञवल्क्य रतावदिया, गजेंद्र सिंह शक्तावत, चन्द्र प्रकाश शर्मा, जगमोहन कटारिया, मुकेश मेघवाल, दिलीप सिंह भाटी आदि, एवं अनेक पदाधिकारी द्वारा मंच पर उपस्थित अतिथियों का सम्मान किया गया। उपस्थित अनेक संस्थाओं ने भी आर्य नरेश का सम्मान पुष्प मालाओं से किया।
मुख्य रूप से जिला इंजीनियरिंग एसोसिएशन नीमच, भारतीय सुभाष सेना नीमच, स्वच्छता विकास अभियान संस्था नीमच, पर्यावरण मित्र संस्था नीमच, गौशाला नयागांव, आदि अनेक संस्थाओं के सदस्यों ने मंच पर उपस्थित अतिथियों का सम्मान किया। उसके बाद आर्य समाज के मनोज आर्य द्वारा अतिथि मुख्य वक्ता अचार्य आर्य नरेश का संक्षिप्त परिचय दिया गया। स्वागत उद्बोधन कृति संस्था के अध्यक्ष इंजीनियर बाबूलाल गौड़ द्वारा किया गया। गौड़ ने वैदिक मत्रों का उच्चारण करते हुए ईश्वर का स्मरण किया। उपस्थित सभी का स्वागत अभिनंदन किया, उनके द्वारा आर्य समाज के स्थापना के 150 वे वर्ष एवं स्थापना करने वाले दयानंद सरस्वती के विषय में संक्षिप्त जानकारी दी गई।
उन्होंने बताया कि आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की भी सौंवी जन्म जयंती पूरे देश में बनाई जा रही है, उनके जन्मदिन के अवसर पर आज मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में, केन बेतवा नदी प्रोजेक्ट का, खजुराहो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,द्वारा शिलान्यास किया जा रहा है, यह हमारे प्रदेश के लिए उपलब्धि है, स्वागत उद्बोधन के बाद कार्यक्रम के मुख्य वक्ता,अचार्य आर्य नरेश द्वारा महर्षि दयानंद सरस्वती के जीवन पर प्रकाश डालते हुए, उनके द्वारा लिखित सत्यार्थ प्रकाश को कैसे हम हमारे व्यवहारिक जीवन में उपयोग कर सकते हैं, हमारा दैनिक जीवन कैसा होना चाहिए ,वेदों का महत्व बताया और वेदों में ही सब कुछ निहित है, ऐसा उनके द्वारा कहा गया संस्कारों की कमी हो रही है, नई पीढ़ी का ध्यान वेदों और पुराणों की ओर आकर्षित करना होगा।
देश और वेदों की रक्षा के लिए हमको सार्थक प्रयास करना होंगे, इसकी शुरुआत हमें अपने घर से करना होगी, घर के बाद समाज और देश, दुनिया को नई दिशा देना होगी, वेदों में सब कुछ निहित हैं,नित्य हमें यज्ञ करना चाहिए और यज्ञ का महत्व जन जन तक पहुंचने का कार्य भी हमको करना चाहिए, प्रकृति के संतुलन के लिए पर्यावरण के संरक्षण के लिए और भारत के उज्जवल भविष्य के लिए हम सबको वेदों की ओर लौटना ही होगा, स्वामी दयानंद सरस्वती का मुख्य नारा था वेदों की ओर लौटो, उसे पुनः जन-जन तक जागरण करते हुए सनातन संस्कृति की रक्षा करते हुए, यह कार्य राष्ट्र सेवा के रूप में, करना होगा, कृति परिवार की तरफ से राजेश जायसवाल, किशोर जवेरिया, ओम प्रकाश चौधरी, माधुरी चौरसिया, गोपाल पोरवाल के अलावा करण कुमार टांक, भगत वर्मा, रमेश मोरे उर्मिला गौड़ हरीश उपाध्याय जगदीश शर्मा प्रेम नारायण गुप्ता आदि अनेक सदस्य उपस्थित रहे सभी ने आध्यात्मिक व्याख्यान का भरपूर लाभ लिया कार्यक्रम का सफल संचालन प्रवीण आर्य ने किया और आभार मनोज आर्य एवं महेंद्र त्रिवेदी द्वारा किया गया।