WOW ! खुद के पास रुपए नहीं, तो ली दोस्तों की मदद, फिर राजू ने दिखाया अपना हुनर, दिन-रात की मेहनत से बना दी इलेक्ट्रिक साइकिल, एक बार चार्जिंग पर चलती है इतने किलोमीटर, पढ़े नरेंद्र राठौर की खास खबर
खुद के पास रुपए नहीं, तो ली दोस्तों की मदद, फिर राजू ने दिखाया अपना हुनर, दिन-रात की मेहनत से बना दी इलेक्ट्रिक साइकिल, एक बार चार्जिंग पर चलती है इतने किलोमीटर, पढ़े नरेंद्र राठौर की खास खबर
मंदसौर। जिले की मल्हारगढ़ तहसील के एक छोटे से गांव में रहने वाले राजू पिता घनश्याम लौहार निवास करते है। जो कि अपने छोटे-छोटे कारनामो से जाने जाते है। वो फ्री टाइम में कुछ ना कुछ अलग ही करने का टेलेंट रखते है। इस बार उन्होंने कुछ अलग ही करने की सोचा और अपने टेलेंट से बेटरी वाली एक साइकिल बना डाली। राजू ने यूट्यूब पर इलेक्ट्रॉनिक चीजें कैसे बनती है। इस पर कैसे काम किया जाता है। इन पर रिसर्ज करते रहते है।
जिसके बाद उनके मन मे आया कि, लोग छोटे से छोटे काम में बाइक का सहारा लेते है, चाहे कुवे पर जाना हो या पास में, बिना बाइक के नही जाते है, तो फिर क्या था... इनके मन मे आया के ईंधन इतना महंगा हो गया है, तो किसी ऐसी चीज का निर्माण करा जाए। जिससे खर्चा भी बच जाए और समय भी फिर राजू भाई ने इलेक्ट्रानिक साइकिल बनाने की सोचा और यूट्यूब पर सारी चीजें देखी। फिर अलग-अलग चीजो का इस्तेमाल किया और इलेक्ट्रिक साइकिल बना डाली।
पहले इनको डर था कि, इसमे 10 से 12 हजार का खर्चा आता है। ये गरीब परिवार से कही साइकिल बनाने में कामयाब नही हुए तो पैसे बर्बाद हो जाएंगे। इन्होंने थोड़े थोड़े पैसे दोस्तो से अपने पापा से और अपने बड़े भाई से इकट्ठे किये और चुनोती का सामना करते हुए 2 दिन में बना दी। साइकिल बनाने में पार्ट्स मंदसोर, नीमच में नही मिले तो इंदौर से अपने दोस्तों से मंगवाए, इसमे 12-12 वोल्ट की दो बेंटरी लगी है, जो 20 किलोमीटर आराम से चल जाती है। अगर बेंटरी बड़ा दी जाए तो 60 किलोमीटर आराम से चल जाएगी। राजू भाई एक गरीब परिवार से है। इन्होंने अपने टेलेंट से साइकिल बनाकर साबित कर किया के दिल मे कुछ करने का जज्बा हो तो कोई काम नामुनकिन नही।