BIG NEWS: वनरक्षकों के साथ अभद्र-अनैतिक घटनाएं, अधिकारीयों को मिल रही धमकियां, कई मामले आये सामने, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खंडन की मांग, विधायक के खिलाफ भी आक्रोश...! सौंपा ज्ञापन, पढ़े ये खबर

विधायक के खिलाफ भी आक्रोश

BIG NEWS: वनरक्षकों के साथ अभद्र-अनैतिक घटनाएं, अधिकारीयों को मिल रही धमकियां, कई मामले आये सामने, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खंडन की मांग, विधायक के खिलाफ भी आक्रोश...! सौंपा ज्ञापन, पढ़े ये खबर

नीमच। बीती 10 जून को वन परिक्षेत्र रामपुरा की बीट भदाना में अतिक्रमण और बेदखली के पश्चात बाद मनासा विधायक द्वारा वनकर्मचारियों एवं अधिकारियों से को दिये गये अभद्र वक्तव्य के बाद निम्न घटनाएं घटित हुई, जिसे लेकर समस्त वनकर्मियों ने वनमंडलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है। जिसमे सभी ने बीती दिनों हुई घटनाओं के संबंध में जानकारी दी।

ज्ञापन में उन्होंने बताया कि, बीती दिनांक- 15 जून को माण्डा बीट प्रभारी अशोकदास बैरागी द्वारा वनक्षेत्र में जयसिंह बंजारा को दीवार बनाने से रोका गया। जिसके बाद उसके बेटे किशन बंजारा निवासी लक्ष्मीपुरा ने अपने मोबाइल नंबर- 94799-87438 से बीट प्रभारी अशोकदास बैरागी को मरन/मारने की धमकी दी। उसने कहां कि, आप मेरा काम रूकवाओगे तो मैं 2-4 को जान से मार डालूंगा। भदाना वाला काण्ड याद करवा रहा हूं... अब तुमको मौके पर आने की जरूरत नहीं है।

दूसरी घटना कुकड़ेश्वर बीट प्रभारी शैलेश शर्मा वनरक्षक को दिनांक- 16 जून को बीट भ्रमण के दौरान कर्त्तव्य स्थल से मुख्यालय लौटते समय रास्ते में 4 व्यक्तियों ने रोका। उक्त व्यक्तियों के मुहं पर कपड़ा बंधा था। उन्होंने शैलेश से कहां "तू वन विभाग से है ना...? आज के बाद इधर आ मत जाना, वरना पत्थर से मारेंगे। फिर दूसरा व्यक्ति धारदार कुल्हाड़ी शैलेश के उपर उठाते हुए तानकर बोला- "अगर इस पठार पर दिखा तो काट कर फेक देंगे। 

इस घटना की सूचना तुरन्त दूरभाष पर परिक्षेत्राधिकारी रामपुरा को दी। जिसका तुरन्त संज्ञान नहीं लिया गया, ना ही घटना स्थल पर उपस्थित हुए, तत्पश्चात परिक्षेत्र कार्यालय में वनरक्षक शैलेश शर्मा द्वारा उपस्थित होकर परिक्षेत्र अधिकारी को घटना के बारे में बताने पर परिक्षेत्र अधिकारी रामपुरा द्वारा अमानवीय व्यवहार प्रदर्शित करते हुवे कहा गया कि, तुम्हारा सीर तो नहीं फोड़ा ना...? 

इस घटना के बाद भी परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा ऐसा व्यवहार किया गया, जो कि वनरक्षक को हतोत्साहित करने जैसा हैं। तत्पश्चात उपवनमण्डल कार्यालय मनासा पहुंचकर उप वनमण्डलाधिकारी को इस घटना के बारे में विस्तृत रूप से बताया। उसके बाद उप वनमण्डलाधिकारी द्वारा विभागीय रूप से कार्रवाई एवं एफआईआर के स्थान पर कहा कि, शैलेश शर्मा, वनरक्षक व्यक्तिगत रूप से एफआईआर करवाएं। शैलेश शर्मा शासकीय कार्य कर रहे थे, तो एफआईआर भी विभागीय तौर पर होनी चाहिये।

दिनांक- 6 जून को बीट पालरी के कक्ष क्रमांक 305 में रोपण क्षेत्र की डब्ल्यू. के निर्माण का कार्य चल रहा था। जिसे अतिक्रमणकारियों (निवासी टामोटी) द्वारा रोक दिया। और श्रमिकों को धमकाया। जिसकी सूचना परिक्षेत्र कार्यालय में दिनांक- 7 जून को दी। भदाना की घटना के बाद टामोटी के अतिक्रमणकारी लोगों के हौसले बुलन्द हो गये हैं, और आज दिनांक तक दीवाल का काम बंद है।

भदाना की घटना के संबंध में विधायक के वनकर्मचारियों एवं अधिकारियों के साथ अभद्र व्यवहार करने के वीडियों सोशल मिडिया पर वायरल होने से पूरे वनमण्डल में अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हो गये हैं, और विभाग की छवि खराब हुई है। 

सोशल मिडिया व लोकल मिडिया में भदाना की घटना के संबंध में जो भ्रामक जानकारियां फैलाई जा रही है। उसका खण्डन प्रेस कॉफ्रेंस कर किया जाये। सोशल मिडिया पर वायरल हो रही भ्रामक जानकारियां एवं विभाग की छवि खराब करने हेतु विभाग के खिलाफ उठ रहे आंदालन की शुरूआती झलकियों की छायाप्रतियां संलग्न है।

यह मांगे- 

इन सभी घटनाओं के बाद समस्त वनरक्षकों की ओर से निम्न मांगे है भदाना में अतिक्रमण की जो कार्रवाई अधूरी रह गई उसे पूर्ण किया जावे, जिससे कर्मचारियों का मनोबल बढ़े, 

सोशल मिडिया पर वन विभाग के खिलाफ जो खबर चल रही है, उसका प्रेस कॉफ्रेंस कर के खण्डन किया जावे।

तरूण बोरीवाल, वनरक्षक व नरेन्द्र जाट, वनरक्षक को बिना कारण बताओं सूचना पत्र के उसका पक्ष जाने बिना निलंबित किया। उनकी जांच जल्दी पूरी कर बहाल किया जाये।

विधायक मारु द्वारा जो अभद्र टिप्पणी की गई, वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उनके खिलाफ कार्रवाई की जावे।

किसी भी वनरक्षक के साथ ड्यूटि के दौरान कोई घटना होने पर व्यक्तिगतरूप से एफआईआर ना होकर विभागीय रूप से एफआईआर एवं आरोपियों के विरूद्ध वरिष्ठ द्वार विभागीय रूप से कार्रवाई की जावे।

यदि संबधित आरोपियों द्वारा किसी विभागीय कार्रवाई के विरूद्ध किसी भी कर्मचारी के खिलाफ प्रकरण दर्ज करवाया जाता है, तो पुलिस विभाग द्वारा सीधे प्रकरण दर्ज न किया जाकर विभाग प्रमुख के संज्ञान में लाया जावे व उनकी स्वीकृति उपरान्त ही आगामी कार्रवाई हो ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जावे।

उपरोक्त घटनाओं के घटित होने के पश्चात् कोई भी क्षेत्रीय कर्मचारी वन क्षेत्र में जाकर कर्तव्य निर्वहन की स्थिति में नहीं है। उपरोक्त मांगो की पूर्ति होने तक सभी क्षेत्रीय कर्मचारी सोमवार दिनांक 19.06.2023 से विभागीय कार्यों का संपादन वनक्षेत्र में नहीं जाकर जिला मुख्यालय पर उपस्थित रहकर करेंगे।