BIG NEWS : नीमच के बड़े कारोबारी धानुका जी, जिनके निशाने पर बेशकीमती सरकारी जमीने, एक और शासकीय भूमि पर कब्ज़ा आया सामने...! शिकायत भी हुई, पर ये मामला भी दबाया कुछ यूं...! पढ़े ये खास खबर

नीमच के बड़े कारोबारी धानुका जी

BIG NEWS : नीमच के बड़े कारोबारी धानुका जी, जिनके निशाने पर बेशकीमती सरकारी जमीने, एक और शासकीय भूमि पर कब्ज़ा आया सामने...! शिकायत भी हुई, पर ये मामला भी दबाया कुछ यूं...! पढ़े ये खास खबर

नीमच। शहर के बड़े कारोबारी भामाशाह कैलाश धानुका जी लगता है कि, शासकीय बेशकीमती जमीनों पर नजर कुछ ज्यादा ही गड़ाए बैठे है, इसीलिए धानुका प्लांट के साथ ही जमुनिया में ही रोड़ साइड की बेसकीमती जमीन पर भी अपना कब्ज़ा जमाया हुआ है। जी हां.. अब धानुका जी द्वारा एक और सरकारी ज़मीन को दबाने की जानकारी सामने आई है। जिसे लेकर भी पहले शिकायत हुई, लेकिन कोई ध्यान देने को तैयार नहीं...!

हमारे भामाशाह धानुका जी बड़े कारोबारी, सामजसेवी और बड़े दानदाता होने के साथ ही बड़े अतिक्रमणकारी भी हो चले है। पहले जहां जमुनिया सोया प्लांट में सरकारी ज़मीन पर अपना अवैध कब्ज़ा जमाया हुआ था ही, तो अब RTO ऑफिस से लगी जमुनियाकलां गांव की ही सड़क किनारे की शासकीय ज़मीन पर बेटे कुणाल धानुका का कब्ज़ा देखने को मिला है। यहां फिलहाल कोई निर्माण तो नहीं किया हुआ है, लेकिन प्रीकास्ट लगाते हुए शासकीय खसरा न. 21 पर अतिक्रमण किया हुआ दिखाई दे रहा है।  !

बताया जा रहा है कि, धानुका जी जहां कही जमीन खरीदते है, वहां अगर सरकारी जमीन लगी हुई है, तो वो उन्हें चाहिए ही चाहिए...! वे बड़ी ही चालाकी से उस जमीन को कब्जाते हुए अपना अधिकार ज़माने को क़ानूनी आड़ लेकर ऐनकेन जमीन का इस्तेमाल करते है..!जैसा की जमुनियाकलां की इन दो जमीनों में देखने को मिला ही है कि, सरकारी जमीन होने के बावजूद जहा प्लांट के बीच की जमीन पर कोर्ट का सहारा लिया... तो वही RTO से लगी जमीन पर अपना अधिकार जमाते हुए नक्शा दुरस्ती के नाम पर इस जमीन को हथियाने में ये लगे हुए है...!

वैसे हमारे धानुका जी कितनी भी शासकीय जमीने दबा ले...! उन्हें कब्ज़ा ले, लेकिन यहां कार्यवाही करना थोड़ा मुश्किल सा प्रशासन के लिए है, और हो भी क्यों ना...! सम्मानीय धानुका जी बड़े-बड़े प्रोजेक्टों में अपनी दरियादिली दिखाते ही रहते है, दान पुण्य समाजसेवा के लिए वे हमेशा तैयार भी नजर आते है, ऐसे में अधिकारी भी बड़े पशोपेश में उलझ से जाते है कि, आखिर वे करे तो क्या करे...? हां पर ये किसी आम गरीब का अतिक्रमण हो तो जरूर झट से अपना बुलडोजर लेकर पहुंच जाते है, और दो मिनट में वो अतिक्रमण ध्वस्त कर अखबारों की बड़ी-बड़ी सुर्खिया बटोर लेते है, पर धानुका जी तो बड़े दानदाता है तो उनको तो छूट मिलना लाजमी सा है ना...!