OMG ! NEWS: जमीन पर बैठे छात्र, ऊपर मंडरा रहीं मौत, डर से साएं में गुजार रहें समय, जर्जर हालत में जीरन क्षेत्र का ये स्कूल, क्या बोले अधिकारी...! पढ़े खबर

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चीताखेड़ा। प्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा शिक्षा के अधिकार के तहत स्कूल चले हम, शिक्षा का अधिकार, जैसे आयोजन कर सरकारी स्कूल में अधिक से अधिक बच्चों को विशेष पखवाडे का आयोजन कर प्रवेश दिलाए जाने के लिए जागृत किया जाता हैं। ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित ना रहें। लेकिन जब पाठशाला का भवन ही जर्जर हो तो कौन अपने बच्चो को यहां प्रवेश दिलाएगा। 

ग्राम माताजी का खेड़ा में मौजूद प्राथमिक विद्यालय का एकमात्र भवन यहां है। जिसकी छत खस्ताहाल हो रही है, और प्लास्टर गिर रहा है। पूर्व में भी भवन की छत से प्लास्टर गिर गया था। जिसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारी को दी गई, लेकीन इस और ध्यान नहीं दिया। बरसात का पानी भी छत से टपकता रहता है। ऐसे में बच्चे के बैठने की व्यवस्था तक नहीं रही, बच्चों को मंदिर के बने टीन शेड में पढ़ाई करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। जब तक राशि नहीं आती तब तक बच्चों को मंदिर परिसर में ही पढ़ाई करना है। 

जर्जर अवस्था में हो रही छत को कितने वक्त में ठीक कर दी जाएगी इसका जवाब जिम्मेदार के पास नहीं है। ऐसे में कब तक कक्षा 1 से 5 तक के अध्ययनरत बच्चे अन्य स्थान पर खुले में बैठकर पढ़ाई करेंगे । क्योंकि वैकल्पिक परिसर मंदिर  का है। जहा कई श्रद्धालु की आवाजाही लगी रहती हैं ऐसे में बच्चोका ध्यान पढाई से भटकता है। जिनको हर माह का वेतन भुक्तान हजारों में करना होता है। 

इनका कहना- 

शाला भवन की छत का प्लास्टर 2019 में भी गिर गया था। समय बीत जाने के बाद भी वरिष्ठ अधिकारी द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया, और पुनः 30 जुलाई 20-22 में जगह-जगह से प्लास्टर नीचे गिर गया एवं बरसात का पानी कमरों में भर गया।- विश्वास शर्मा, प्रधानाध्यापक 

विद्यालय की छत जीर्ण शीर्ण स्थिति में हो चुकी है। अब छत को बदला जाना ही समाधान है। छत के नीचे बिठाकर बच्चों को पढ़ाना जान माल का नुकसान हो सकता है। जिसकी जानकारी वरिष्ठ कार्यालय को देदी जाएगी। जब तक बच्चों को वैकल्पिक व्यवस्था में बिठाकर पढ़ाना होगा।- इंजीनियर फतेह सिंह राणावत, जिला शिक्षा केंद्र नीमच

इस संदर्भ में जब जिला शिक्षा केंद्र नीमच के परियोजना अधिकारी प्रह्लाद कुमार उपाध्याय  से चर्चा की गई, तो उनका कहना था। कि अभी हमारे पास बजट में राशि नहीं है। हमने राज्य शिक्षा केंद्र से राशि की मांग की है। राशि आने पर नवीन छत डलवाई जाएगी। तब तक छात्रों को वैकल्पिक व्यवस्था में पढ़ाई करवाई जाना है।