OMG ! गर्भवती महिला को सांप ने डसा, तो देवरे पर ले गए परिजन, हालत बिगड़ने पर इस अस्पताल में कराया भर्ती, क्या आज भी अंध विश्वास के भरोसे ग्रामीण...! ये घटना मनासा थाना क्षेत्र की, पढ़े खबर

गर्भवती महिला को सांप ने डसा, तो देवरे पर ले गए परिजन

OMG ! गर्भवती महिला को सांप ने डसा, तो देवरे पर ले गए परिजन, हालत बिगड़ने पर इस अस्पताल में कराया भर्ती, क्या आज भी अंध विश्वास के भरोसे ग्रामीण...! ये घटना मनासा थाना क्षेत्र की, पढ़े खबर

रिपोर्ट- मनीष जोलान्या 

नीमच। जिले के एक गांव में आठ माह की एक गर्भवती महिला को सांप ने डस लिया, जिसे गंभीर हालत में परिजनों ने नीमच जिला अस्पताल में भर्ती कराया, और यहां महिला का उपचार जारी है, फिलहाल महिला की हालत नाजुक बताई जा रही है, ये घटना शुक्रवार की जिले के कंजार्डा पठार क्षेत्र के धापड़ा गांव की है। 

जानकारी के अनुसार, संगीता पति देवीलाल भील (23) जब अपने घर में सो रही थी, इसी समय उसे जहरीले सांप ने डस लिया। घटना के बाद परिवार में हड़कंप मच गया, और परिजन उसे देवरे पर लेकर पहुंचे। फिर यहां से महिला को नीमच जिला अस्पताल लाया गया। जहां गंभीर हालत में महिला को आईसीयू में भर्ती किया गया है। फिलहाल डॉक्टरों की निगरानी में महिला का इलाज जारी है। 

गर्भावस्था के चलते उपचार में विशेष सावधानी बरती जा रही है, वहीं गर्भस्थ शिशु की स्थिति पर भी लगातार नजर रखी जा रही है। चिकित्सक जीवन रक्षा के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

आठ माह की गर्भवती है महिला- 

गंभीर अवस्था में इलाजरत महिला संगीता के पिता रतनलाल भील ने जानकारी देते हुए बताया कि, बेटी संगीता गर्भवती है, ऐसे में सांप के डसने की घटना से पूरा परिवार चिंतित है। इस घटना के बाद से गांव में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के चलते सांपों की गतिविधियां बढ़ गई है, जिससे इस तरह की घटनाएं हो रही है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को ग्रामीण इलाकों के निवासियों को जागरूक करना चाहिएं, और अभियान चलाना चाहिएं। 

आज भी अंध विश्वास के भरोसे ग्रामीण- 

गर्भवती महिला को सांप ने डसा, तो परिजन उसे सीधे अस्पताल ना ले जाते हुए पहले गांव के पास में मौजूद देवरे पर ले गए, जहां महिला पर झाड़-फूंक करवाई गई, लेकिन उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। जब परिजनों को महिला की हालत और नाजुक होती दिखाई दी, तो परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने गंभीरता बरतते हुए उसका उपचार शुरू की, और उसे आईसीयूं में भर्ती किया। अगर परिजन झाड़-फूंक के भरोसे नहीं रहते, और महिला को सीधे नजदीकी अस्पताल लेकर पहुंचते, तो शायद महिला को केवल इलाज की ही आवश्यकता पड़ती, उसे आईसीयूं में भर्ती करने जैसी नौबत नहीं आती।