NEWS : डोटासरा खेमा दिखा रहा ताकत, संजय राव के स्वागत में सिसोदिया गुट का शक्ति प्रदर्शन, दूसरी नियुक्ति पर उठे सवाल,पढ़े ये खबर

डोटासरा खेमा दिखा रहा ताकत, संजय राव के स्वागत में सिसोदिया गुट का शक्ति प्रदर्शन, दूसरी नियुक्ति पर उठे सवाल

NEWS : डोटासरा खेमा दिखा रहा ताकत, संजय राव के स्वागत में सिसोदिया गुट का शक्ति प्रदर्शन, दूसरी नियुक्ति पर उठे सवाल,पढ़े ये खबर

रिपोर्ट -मनीष मालानी 
चित्तौड़गढ़। एनएसयूआई के नव नियुक्त कार्यकारी जिलाध्यक्ष संजय राव का चित्तौड़गढ़ में जबरदस्त स्वागत हुआ। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के करीबी माने जाने वाले पीसीसी सदस्य प्रमोद सिंह सिसोदिया के नेतृत्व में हुए इस आयोजन ने न सिर्फ एक युवा चेहरे के सम्मान को मंच दिया, बल्कि संगठन में गुटीय सक्रियता और अंतर्कलह की स्थिति को भी उजागर कर दिया।

नरपत की खेड़ी पुलिया से निकली रैली में ढोल-नगाड़ों, वाहनों के लंबे काफिले और कलेक्ट्रेट चौराहे पर जेसीबी से की गई पुष्पवर्षा ने इस आयोजन को राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन में तब्दील कर दिया। आतिशबाजी और मिठाइयों के साथ कार्यकर्ताओं ने राव के प्रति समर्थन व्यक्त किया।

कार्यकर्ताओं में उत्साह, पर संगठन में द्वंद्व?

जहां एक ओर यह आयोजन संजय राव की संगठन में स्वीकार्यता और मेहनत का प्रतीक बना, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के भीतर गुटबंदी की स्पष्ट रेखाएं भी उभरकर सामने आईं।
एक ओर जहां कुछ नेता संगठनात्मक अनुशासन और परंपरागत ढांचे के साथ जिला अध्यक्ष की प्रासंगिकता को बनाए रखने की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सिसोदिया खेमा कार्यकारी जिलाध्यक्ष को मंच पर लाकर नई नेतृत्व पीढ़ी के समर्थन का दावा कर रहा है।

प्रभावशाली उपस्थिति, सियासी संदेश

राव के स्वागत समारोह में रफीक खान, संजू सैन, खुमेंद्र गुर्जर, दीपक सिंह राठौड़, युवराज श्रीमाली, महेंद्र छपरवाल, शैलेन्द्र सिंह, दिनेश शर्मा, पिंटू खटीक, मनीष शर्मा, आशाराम गाडरी, रतनलाल गाडरी समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए। उपस्थिति ने सियासी संदेश स्पष्ट किया कि सिसोदिया खेमा ज़मीनी स्तर पर संगठित और सक्रिय है।

राजनीतिक संतुलन और आलोचना की आहट

इसके बाद प्रमोद सिंह सिसोदिया के नेतृत्व में संजय राव निंबाहेड़ा के पेच एरिया स्थित पूर्व मंत्री उदयलाल आंजना से मुलाकात कर आशीर्वाद लेने पहुंचे। आंजना ने संजय राव की नियुक्ति पर प्रसन्नता जताते हुए संगठन को मजबूत करने की बात कही।

दूसरी ओर, दोपहर डेढ़ बजे पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह जाड़ावत समर्थित कन्हैया लाल वैष्णव का स्वागत हुआ। वे भी अपने समर्थकों के साथ जाड़ावत के निवास पहुंचे, जहां पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और जाड़ावत के समर्थन में नारे लगाए गए।

विवादों में घिरी वैष्णव की नियुक्ति

सूत्रों के अनुसार, कन्हैया वैष्णव की नियुक्ति में सचिन पायलट समर्थक कान सिंह भाटी और महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष नीतू कंवर भाटी की भूमिका महत्वपूर्ण रही है, लेकिन स्वागत नारों और बैनरों में इनका उल्लेख नहीं होना कई राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।
वही इस नियुक्ति में कथित आर्थिक लेन-देन की सूचना भी सामने आई है, जिसे लेकर पार्टी के उच्च स्तरीय सोशल मीडिया ग्रुपों में शिकायतें और आलोचनाएं भी हैं देखी गई हैं। कुछ वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने पारदर्शिता और प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं।

अब नजरें पार्टी नेतृत्व पर

फिलहाल संजय राव ने कार्यकर्ता समर्थन और संगठित अभियान से अपनी सक्रियता दर्ज कराई है, जबकि वैष्णव की नियुक्ति पर उठे सवालों ने पार्टी नेतृत्व के समक्ष संगठन में संतुलन बनाने की चुनौती खड़ी कर दी है।
अब देखना होगा कि कांग्रेस नेतृत्व इस गुटीय उभार, आरोपों और नाराज़गी के बीच संगठन में समरसता और भरोसे की वापसी के लिए क्या कदम उठाता है।