NEWS: नीमच-चीताखेड़ा मार्ग के हाल बेहाल, आप ने किया प्रदर्शन, नवीन कुमार अग्रवाल बोले- प्राइवेट सड़कों को विज्ञापन में दिखाकर झूठी वाहवाही लूटना बंद करें शिवराज सरकार, पढ़े खबर
नीमच-चीताखेड़ा मार्ग के हाल बेहाल
नीमच। मुख्यमंत्री शिवराज द्वारा कल के समाचार पत्रों में करोड़ों रुपए के विज्ञापन देकर प्रदेश में सड़कों की उत्तम व्यवस्था दिखाई गई है, लेकिन जिन सड़कों का विज्ञापन मैं तस्वीरों के माध्यम से प्रचार प्रसार किया गया है, और जुड़ा विकास का दावा किया गया है। वह खुद समझदार हैं, और उन्हें समझना चाहिए कि वह सभी सड़क मार्ग जो तस्वीरों में प्रदर्शित किए गए हैं। वह सभी प्राइवेट सड़कें हैं और उन सड़कों पर चलने पर आमजन का टोल टैक्स लगता है सिर्फ झूठी वाह वाही लूटने के चक्कर में प्राइवेट सड़कों को भी अपना विकास दिखाकर किस प्रकार की ओछी राजनीति माननीय शिवराज जी करना चाहते हैं यह समझ से परे है।
जबकि प्रदेश की सड़कें जो प्राइवेट सड़कें नहीं हैं पूरे प्रदेश में उनका हाल बेहाल है और पहली बारिश में ही सड़के गड्ढे नुमा होकर अपनी कहानी बयां कर रही हैं ।माननीय शिवराज जी ने उन्ही प्राइवेट सड़कों के ऊपर जिन सड़कों को विज्ञापन में प्रदर्शित किया है वही हाल आज प्रदेश में सरकारी सड़कों के है जो पीडब्ल्यूडी की है उनको समान रूप से प्रदेश की सड़कों को आज भी देखा जा सकता है। यह अलग बात है कि माननीय ने गलती से शायद गलत तुलना कर दी है जबकि विज्ञापन में दिखाया जाना चाहिए था कि प्राइवेट सड़के उच्च स्तर की हैं जो विज्ञापन में नीचे प्रदर्शित की गई है और प्रदेश की सरकारी सड़कें विज्ञापन में प्रदर्शित ऊपर खड्डे नुमा सड़के हैं। अगली बार शायद विज्ञापन में माननीय गलती सुधारने का कष्ट करेंगे और सही तस्वीरें पेश करेंगे
अग्रवाल ने कहा कि ऐसा ही एक नजारा नीमच चीताखेड़ा मार्ग पर जगह जगह देखा जा सकता है जहां पर भ्रष्टाचार की कहानी सड़कों के माध्यम से बया की जा सकती है। आप नीमच से चीता खेड़ा मार्ग पर चले जाएं जगह-जगह सड़कों में खड्डे हैं वहीं पर कराडिया महाराज के मुख्य चौराहे पर आप देख सकते हैं कि सड़क के बीचो बीच स्विंग पुल का निर्माण हो गया है और जिम्मेदार लोग जनप्रतिनिधि के साथ ही पीडब्ल्यूडी विभाग भी कुंभकरणी नींद में सोए हुए हैं और इनके मुखिया शिवराज जी चौहान के साथ ही भाजपा के सभी जनप्रतिनिधि प्राइवेट सड़कों का फोटो दिखा दिखा कर झूठी विकास की गाथा गाते रहते हैं।
इन्हें शर्म आना चाहिए कि व्यक्ति जब वाहन खरीदना है तो जीएसटी देता है और उसका जब पंजीयन करवाता है तो रोड टैक्स देता है पेट्रोल डीजल खरीदना है तो 1 लीटर पर 70 70 रूपए का टैक्स भरता है और फिर भी उन्हें सुव्यवस्थित विश्व स्तरीय सड़कें उनके टैक्स के बदले उपलब्ध नहीं है और जब वह विज्ञापन में प्रदर्शित उच्चस्तरीय सड़कों पर आवागमन करता है तो लगभग 1 से 2 रुपैया प्रति किलोमीटर उसे टोल टैक्स के रूप में देना पड़ता है तो फिर यह झूठी वाहवाही क्यों । यह इन जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों को अवश्य सोचना चाहिए और जनता को मूर्ख बनाना बंद करना चाहिए क्योंकि जनता अब समझदार हो चुकी है।