RJ CM LIVE UPDATE : राजस्थान का मुख्यमंत्री अब कौन ? बड़े बड़े नाम हो सकते है दरकिनार,आखरी समय में यु बदला सीन,की हर एक विधायक है रोमांचित,पढ़े ये ख़ास खबर
राजस्थान का मुख्यमंत्री अब कौन ? बड़े बड़े नाम हो सकते है दरकिनार,आखरी समय में यु बदला सीन,की हर एक विधायक है रोमांचित,पढ़े ये ख़ास खबर
जयपुर / राजस्थान में मुख्यमंत्री का फैसला ऐसा मन जा रहा है की ये सबसे ज्यादा चौंकाने वाला हो सकता है। अब तक बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्रियों के नामों का ऐलान किया है। उनसे तो यहाँ भी यही संकेत मिल रहे हैं कि राजस्थान में भी बड़ा सरप्राइज मिल सकता है।
हालांकि पिछले कुछ दिन से मीडिया में कई राष्ट्रीय नेताओं और सीनियर विधायकों के नाम सुर्खियों में रहे लेकिन पीएम मोदी अपनी कार्यशैली के मुताबिक सबको चौंका सकते हैं। मौजूदा विधायकों में से अगर नया मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो पहली बार विधायक बनने वाले नेता की किस्मत भी खुल सकती है। मुख्यमंत्री का नाम तय होने से कुछ ही मिनट पहले उन्हें कॉल करके सूचना दी जाएगी। मोबाइल की घंटी किसी की भी बज सकती है। जिसे लेकर हर एक विधायक यहाँ रोमांचित सा दिखाई दे रहा है,विधायक दल की बैठक के लिए दिल्ली से जयपुर पर्यवेक्षक के रूप में राजनाथ सिंह पहुंच रहे है और वे ही उस चौकाने वाले नाम की घोषणा यहाँ करेंगे,
ये नाम चर्चाओं में ...।
जयपुर राजघराने की पूर्व सदस्य दीया कुमारी ने वर्ष 2013 में राजनीति में एंट्री की। उन्होंने सवाई माधोपुर से चुनाव लड़ा और पहली बार विधायक बनी। बाद में बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें राजसमंद से लोकसभा से टिकट दिया तो दीया ने जीत दर्ज की और सांसद बन गई। इस बार सांसद रहते हुए उन्हें जयपुर की विद्याधर नगर सीट से टिकट दिया। जहा से रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल भी की।
पूर्व ओलंपियन कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को बीजेपी ने सबसे सुरक्षित सीट से चुनाव लड़वाया। वे जयपुर ग्रामीण सीट से दो बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं। अब राजस्थान के सबसे बड़े विधानसभा क्षेत्र झोटवाड़ा से विधायक बनकर विधानसभा में एंट्री कर रहे हैं। सामान्य वर्ग और युवा को अवसर देते हुए उन्हें बड़ी जिम्मेदारी मिलने की संभावना है,
वासुदेव देवनानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पुराने कार्यकर्ता हैं। संघ पृष्ठभूमि के कारण बीजेपी उन्हें हर बार टिकट देती आई है। अजमेर उत्तर विधानसभा सीट में वे लगातार चौथी बार विधायक बने हैं। पूर्व में वे मंत्री भी रह चुके हैं और उन्हें कार्य का अनुभव भी है। संघ पृष्टभूमि के चलते देवनानी की किस्मत का ताला खुल सकती है,
भरतपुर के रहने वाले भजनलाल शर्मा संगठन में लंबे समय से कार्यरत हैं। वे प्रदेश महामंत्री के तौर पर कार्य करते रहे हैं। बीजेपी ने उन्हें पहली बार जयपुर की सांगानेर जैसी सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ाया। मौजूदा विधायक अशोक लाहोटी का टिकट काटकर भजनलाल शर्मा को प्रत्याशी बनाया।सांगानेर सीट भाजपा का गढ़ है। लिहाजा भजनलाल शर्मा ने जीत दर्ज की। संगठन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए उन्हें मुख्यमंत्री पद का तोहफा मिल सकता है,
पुष्पेंद्र सिंह राणावत बाली विधानसभा क्षेत्र से छह बार विधायक चुने गए हैं। अगर बीजेपी नए विधायकों को मौका ना देकर किसी सीनियर विधायक को अवसर देने का मानस बना रही है तो पुष्पेंद्र राणावत की किस्मत खुल सकती है,
पिछले कई सालों से संगठन में सक्रिय रहकर काम करने वाले सुनील बंसल को भी बड़ा इनाम दिए जाने की संभावना भी जताई जा रही है। जयपुर के पास कोटपूतली के रहने वाले बंसल पहले राजस्थान में ही कार्य करते थे लेकिन वर्ष 2014 में उन्हें यूपी का प्रभारी बनाकर भेजा। उनके नेतृत्व में हुए दो चुनावों में बीजेपी को बड़ी जीत मिली। ऐसे में ये नाम भी सबको चुका सकता है,