NEWS : गुरु पूर्णिमा पर्व, जीरन महाविद्यालय में मनाया महोत्सव, दो दिवसीय कार्यक्रम संपन्न, गुरु की महत्वता को समझाया, पढ़े खबर
गुरु पूर्णिमा पर्व
रिपोर्ट- राजेश प्रपन्न
जीरन। प्रभारी प्राचार्य प्रो. दिव्या खरारे के निर्देशन में सोमवार को महाविद्यालय में भारतीय ज्ञान परंपरा के बैनर के सानिध्य में दो दिवसीय गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम संपन्न हुआ। सर्वप्रथम ज्ञान परंपरा नोडल प्रभारी डॉ. रामधन मीना ने कबीर दास की प्रसिद्ध पंक्ति "गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागूं पाय। बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताय।।" के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। प्रथम दिवस के दिन सर्वप्रथम अवकाश प्राप्त गुरु बाबूलाल जैन को आमंत्रित कर सरस्वती के दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। उसके बाद अतिथियों का माल्यार्पण एवम् स्मृति चिन्ह प्रदान कर स्वागत किया गया।
स्वागत की बेला में नंदनी खरे ने बाह्य गुरु एवम् महाविद्यालय प्राचार्य का लक्ष्मी माली ने पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया। नंदनी खरे द्वारा गुरु वंदना गीत गाया गया। महाविद्याल प्राचार्य प्रो. दिव्या खरारे ने गुरु पूर्णिमा के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरु ही ब्रह्मा हैं गुरु ही विष्णु हैं। अतिथि गुरु बाबूलाल जी जैन ने एकलव्य से गुरु की महत्ता को समझाया। महाविद्यालय के प्रो. रितेश कुमार चौहान ने बाह्य विद्वान का विस्तृत परिचय दिया। दीपक पाटीदार ने बाह्य गुरु के रूप में पधारे जैन साहब की खूबियों से विस्तारपूर्वक रूबरू करवाया। कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय में पौधारोपण करवाया गया।
कार्यक्रम के अंत में आभार डॉ. रजनीश मिश्रा ने किया साथ उन्होंने यह जानकारी भी प्रेषित की कि आज के बाद विश्वविद्यालय के कुलपति को कुलगुरु कहा जायेगा। प्रथम दिवस के कार्यक्रम में डॉ. नानुराम नर्गेश, विष्णु प्रजापति, विजय कुमार गोयर, महेंद्र अहिरवार आदि ने उपस्थित होकर कार्यक्रम का गोरव बढ़ाया। महाविद्यालय के दो छात्र कुंदन पाटीदार एवम् गोरव पाटीदार ने कार्यक्रम की शुरुआत से अंत तक का विस्तृत रिपोर्ट कार्यक्रम प्रभारी को प्रस्तुत किया। इन्ही समस्त क्रियाकलापों के साथ प्रथम दिवस का कार्यक्रम संपन्न हुआ।
द्वितीय दिवस के दिन सर्वप्रथम महाविद्यालय प्राचार्य का उद्बोधन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की। उसके डॉ. दिनेश सैनी क्रीडा अधिकारी द्वारा योग एवम् ध्यान करवाया गया। गुरु के आदर्श वचनों से बच्चों को रूबरू करवाते हुए बच्चों से भी उनके गुरुओं के प्रति नजरिए से रूबरू हुए। डॉ. बाला शर्मा ने शिक्षा में नवाचार की भूमिका एवम् आवश्यकता पर प्रकाश डाला। अंत में छात्रो से प्रश्नोत्तर के माध्यम से अवगत होते हुए कार्यक्रम का आभार प्रो.रितेश कुमार चौहान ने किया एवम् भविष्य की योजनाओं से भी अवगत करवाया। आज के कार्यक्रम में समस्त स्टॉफ एवम् छात्र छात्राए उपस्थित रहे।