NEWS: जीरन महाविद्यालय में दैनिक जीवन की प्राण वायु औषधीय पौधे पर व्यख्यान, प्राचार्य ने छात्र-छात्राओं को दी अहम जानकारियां, पढ़े खबर
जीरन महाविद्यालय में दैनिक जीवन की प्राण वायु औषधीय पौधे पर व्यख्यान
जीरन। शासकीय महाविद्याल में प्रभारी प्राचार्य प्रो. दिव्या खरारे के निर्देशन में स्वामी विवेकानंद मार्गदर्शन योजना के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमे प्रभारी प्राचार्य प्रो. दिव्या खरारे द्वारा बताया गया कि, आयुर्वेदिक चिकित्सा के सबसे महत्वपूर्ण हर्बल पौधों में से एक, अश्वगंधा या भारतीय जिनसेंग अपने शांत गुणों के लिए जाना जाता है और तनाव को कम करने के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
इसी कड़ी में डॉ. भावना नागर ने बताया कि, औषधीय पौधों को भोजन, औषधि, खुशबू, स्वाद, रंजक और भारतीय चिकित्सा पद्धतियों में अन्य मदों के रूप में उपयोग किया जाता है। औषधीय पौधों का महत्व उसमें पाए जाने वाले रसायन के कारण होता है। औषधीय पौधों का उपयोग मानसिक रोगों, मिर्गी, पागलपन तथा मंद-बुद्घि के उपचार में किया जाता है। जड़ी-बूटियों का सेवन हृदय रोग, कैंसर और मधुमेह को रोकने और प्रबंधित करने में मदद कर सकता है। यह रक्त के थक्कों को कम करने और सूजन-रोधी और ट्यूमर-विरोधी गुण प्रदान करने में भी मदद कर सकता है।
इस कार्यक्रम का संचालन टी.पी.ओ डॉ. सोनम घोटा द्वारा किया गया और आभार डॉ बाला शर्मा द्वारा दिया गया इस अवसर पर समस्त स्टाफ एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। यह जानकारी मीडिया प्रभारी प्रो. रणजीत सिंह द्वारा गई।