NEWS : देवउठनी एकादशी पर ये शुभ मोहरत, भगवान विष्णु की पूजा करने पर मिलेगा इन्हे लाभ, भूल कर भी न करे यह काम वरना होगा भारी नुकसान, पढ़े खबर

देवउठनी एकादशी पर ये शुभ मोहरत, भगवान विष्णु की पूजा करने पर मिलेगा इन्हे लाभ

NEWS : देवउठनी एकादशी पर ये शुभ मोहरत, भगवान विष्णु की पूजा करने पर मिलेगा इन्हे लाभ, भूल कर भी न करे यह काम वरना होगा भारी नुकसान, पढ़े खबर

सनातन धर्म में देवउठनी एकादशी का विशेष महत्त्व है. कार्तिक माह की एकादशी को भगवान विष्णु 4 माह के विश्राम के बाद योग मुद्रा से जागते हैं, इसलिये इसे देवउठनी एकादशी कहते हैं. इस एकादशी को देव प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. पण्डित देवानंद जी ने बताया कि हिंदुओं के प्रमुख त्यौहारों में से एक इस तिथि से ही सभी तरह के मांगलिक कार्य प्रारंभ होते हैं. 

मान्यता है कि इस जगत में जो भी वस्तुएं दुर्लभ मानी गई हैं, श्रद्धापूर्वक उन्हें मांगने पर ‘हरि प्रबोधनी एकादशी’ प्रदान करती है. इसलिए इस दिन व्रत और पूजा के अलावा भी कुछ धार्मिक उपाय करने से आपके ऊपर श्री लक्ष्मी-नारायण की कृपा बनी रहती है और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. पंडित देवानंद जी ने बताया कि इस दिन जो भी मनुष्य इन उपायों को कर लेता हैं, उसे मनोवांछित फल की प्राप्ती होती है और श्री हरि नारायण का आशीर्वाद प्राप्त होता है. कार्तिक माह भगवान विष्णु के पूजन का सब से उत्तम माह माना गया है. एकादशी को लक्ष्मी स्वरूप माता तुलसी का विवाह शालिग्राम भगवान से होता है. तुलसी का बड़ा ही महत्त्व है, इसलिए जो व्यक्ति एकादशी से पूर्णिमा तक प्रतिदिन घी का दीपक जलाता है उसे कभी आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता.

 
हिंदू ग्रंथों में शालिग्राम को ब्रह्माण्डभूत श्री विष्णु का स्वरूप माना गया है. पदमपुराण अनुसार जो भी मनुष्य शालिग्राम का दर्शन, पूजन ,स्न्नान, भजन, कीर्तन, ध्यान और तुलसी दल अर्पित करता है, वह कोटि यज्ञों के समान पुण्य तथा कोटि गोदानों का फल प्राप्त करता है. माता तुलसी और शालिग्राम का स्थान जहां होता है, वह चारों धाम के समान होता है और इनका पूजन यज्ञ समान फल देता है. आप एक ही काम को बार -बार कर रहे हैं या प्रयास कर रहे हैं तो एकादशी के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे की मिट्टी को माथे में लगा कर वासुदेव, विष्णु भगवान से प्रार्थना करें. कार्यक्षेत्र में सफ़लता मिलेगी.

 
यदि आप के दांपत्य जीवन में अस्थिरता बनी है. कलह रहती है तो इस दिन तुलसी के पौधे में मौली या हल्दी को कच्चा सूत लपेट कर ताने में लपेट दें. और माता तुलसी और नारायण से प्रार्थना करें. इससे शांति और दांपत्य जीवन में प्रेम बढ़ेगा, देवउठनी एकादशी के दिन अन्न दान के अलावा असहाय, गरीबों को फल,धान, गेहूं, बाजरा, गुड़, उड़द और वस्त्र का दान अवश्य करें. इस दिन ख़ासतौर पर सिंघाड़ा, शकरकंदी और गन्ने का दान करें, यह काफ़ी उत्तम माना जाता है. और इससे घर में सुख-शांति का वास होता है, ग्रहदोष भी ठीक हो जायेगा.