NEWS: किसानों के हितार्थ शुक्रवार को होगा आंदोलन, कलेक्टोरेट का करेंगे घेराव, कांग्रेस नेता अहीर बोले- खाद एवं विद्युत के लिए जिले में अन्नदाता का हो रहा है शोषण, पढ़े खबर

किसानों के हितार्थ शुक्रवार को होगा आंदोलन, कलेक्टोरेट का करेंगे घेराव, कांग्रेस नेता अहीर बोले- खाद एवं विद्युत के लिए जिले में अन्नदाता का हो रहा है शोषण, पढ़े खबर

NEWS: किसानों के हितार्थ शुक्रवार को होगा आंदोलन, कलेक्टोरेट का करेंगे घेराव, कांग्रेस नेता अहीर बोले- खाद एवं विद्युत के लिए जिले में अन्नदाता का हो रहा है शोषण, पढ़े खबर

नीमच। जिले में अन्नदाता किसानों का शोषण हो रहा है। पहले प्राकृतिक आपदा बेमौसम बारिश से किसानों की फसले खराब हो गई, जिसकी सरकारी राहत अब तक किसानों को नहीं मिल पाई है। अब रबी की फसल के सीजन में खाद के लिए किसान परेशान हो रहा है। सरकार किसानों को पर्याप्त खाद उपलब्ध नहीं करा पा रही है और निजी क्षेत्र में किसानों से यूरिया और डीएपी के मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। जिले में किसानों के शोषण के खिलाफ आज गुरूवार को अंदोलन किया जाएगा और कलेक्टोरेट का घेराव कर किसानों को राहत देने की मांग की जाएगी। 

यह बात किसान नेता और जिला कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजकुमार अहीर ने प्रेसनोट के माध्यम से कही। श्री अहीर ने कहा कि अधिकारी दावा कर रहे हैं कि जिले में पर्याप्त खाद उपलब्ध है, लेकिन सहकारी सोसायटियों से किसानों को मांग के अनुरूप खाद उपलब्ध नहीं हो रहा है। हालात यह है कि जो किसान राष्ट्रीयकृत बैंकों के खातेदार है या फिर डिफाल्डर हो चुके हैं, उन्हें सोसायटियों से खाद नहीं दिया जा रहा है। ऐसे किसानों को खाद के लिए डबल लॉक केंद्र पहुंचना पड़ रहा है। 

खाद के लिए करना पड़ रहा है 100 किमी का सफर- 

अहीर ने बताया कि बड़ी विडंबना यह है कि डबल लॉक केंद्र सिंगोली तहसील क्षेत्र में नहीं होने के कारण सिंगोली और रतनगढ क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों को यूरिय और डीएपी के लिए नीमच आना पड़ रहा है, जिसके कारण उनका श्रम, अर्थ और समय व्यर्थ हो रहा है, इस मामले में पूर्व में भी अधिकारियों को किसानों की समस्याओं से अवगत कराया था, लेकिन कोई गंभीरता नहीं दिखाई और वर्तमान में किसान को परेशान होना पड़ रहा है। 

फसल नुकसानी की नहीं मिली राहत- 

किसान नेता राजकुमार अहीर ने बताया कि खरीफ की प्रमुख फसल में शामिल सोयाबीन की कटाई के दौरान जिले में बेमौसम बारिश हुई थी और खेतों में काट रखी फसलों के साथ खड़ी फसले भी बर्बाद हो गई थी, तब शिवराज सरकार ने फसल नुकसान के सर्वे के निर्देश जरूर दिए थे, लेकिन सर्वे होने के एक माह बाद भी न हो किसानों को फसल नुकसान का मुआवाज मिला और न ही फसल बीमा राहत मिल पाई है। उन्होंने कहा कि हालात यह रहे किसानों को फसल बीमा कंपनी को नुकसानी की सूचना देने में भारी परेशान होना पड़ा और 72 घंटे में सूचना देने की समय सीमा में कई किसान सूचना देने से वंचित रह गए हैं। श्री अहीर ने कहा कि शिवराज सरकार के पूर्व जब प्रदेश में कमलनाथ जी की सरकार थी, तब उन्होंने प्राकृतिक आपदा से फसलों को हुए नुकसान पर बगैर किसी भेदभाद या सर्वे के नुकसानी के आंकलन के हिसाब से किसानों को फसल नुकसानी का मुआवजा देकर बड़ी राहत पहुंचाई थी, उसी तरह वर्तमान में भी सरकार किसानों को राहत प्रदान करें, लेकिन शिवराज सरकार किसानों को राहत देने के बजाए उनका शोषण कर रही है। 

पाडत के समय नहीं मिलती भरपुर बिजली- 

किसान खेतो में अपने फसल बोने के बाद फसलो को पानी पिलाने (पाडत) करने पहुचता है तब खेतो की बिजली पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रही है। कही स्थानो पर डीपीया खराब हो चुकी है जिस विद्युत मंडल द्वारा बदली नहीं जा रही है तो कई जगहो पर वाल्टेज की समस्या आ रही है जिससे कुओ की पानी की मोटरे सही से चल नहीं पा रही है।

आज किसानों के हित में होगा कलेक्टोरेट का घेराव- 

अहीर ने बताया कि शासन-प्रशासन लगातार किसानों का शोषण कर रहा है। किसानों के हितार्थ शुक्रवार 11 नवंबर को सुबह 12 बजे किसान कलेक्टोरेट में जावद विधानसभा के तीनो ब्लॉक अध्यक्षो, युवा कांग्रेस, एनएसयुआई, महिला कांग्रेस एवं कांग्रेस पार्टी के समस्त प्रकोष्ठो के साथ एकत्र होंगे और किसानों को पर्याप्त मात्रा में सुलभता से यूरिया और डीएपी खाद उपलब्ध कराने और फसल नुकसानी की राहत के रूप में मुआवजा और फसल बीमा दिलाने की मांग को लेकर कलेक्टोरेट का घेराव कर कलेक्टर मयंक अग्रवाल को ज्ञापन देंगे, वहीं युवा कांग्रेस एवं एनएसयुआई के पदाधिकारी थाली बजा कर कुंभकरण के निंद सोई हुई भाजपा सरकार को जगाने का कार्य करेंगी।