NEWS : अंडा व्यापारियों ने सौंपा ज्ञापन, बताई परेशानी, और त्यौहार पर दुकाने खोलने की मांग, कहीं ये बात, पढ़े खबर

अंडा व्यापारियों ने सौंपा ज्ञापन

NEWS : अंडा व्यापारियों ने सौंपा ज्ञापन, बताई परेशानी, और त्यौहार पर दुकाने खोलने की मांग, कहीं ये बात, पढ़े खबर

नीमच। अंडा व्यापारी की ओर से ज्ञापन प्रस्तुत कर निवेदन है कि, हमारे क्षेत्र में कई अंडे की दुकानें हैं जिनसे अनेक लोग अपनी आजीविका कमाते हैं। परंतु, हर त्योहार के समय नगर पालिका नीमच द्वारा इन दुकानों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया जाता है, जिससे इन दुकानदारों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। दुकानों का बंद होना दुकानदारों के लिए बड़ा आर्थिक संकट पैदा करता है। बहुत से लोग अपनी पूरी आजीविका इन्हीं दुकानों पर निर्भर करते हैं और इस प्रकार के आदेशों से उनकी स्थिति दयनीय हो जाती है। 

अंडा दैनिक उपयोग में आनो वाली वस्तु है (खाद्य सामग्री है) जो मांस मछली की परिधी में नहीं आता है भारत सरकार द्वारा टीवी में विज्ञापन के माध्यम से अंडा खाने के लिए देश के नागरिको को जागरूक करने के लिए व प्रोत्साहित करने के लिए अंडा का प्रचार प्रसार एवं विज्ञापन भारत सरकार द्वारा समय-समय पर किया जाता है अंडा प्रोटीन एवं विटामिन से भरपूर खाद्य सामग्री है इसे खाने के लिए डॉक्टर द्वारा भी लोगो को सलाह दी जाती है नीमच में सेकडो जिम है और फुटबॉल के खिलाडी है और भारत का सबसे बड़ा सीआरपीएफ का केम्पस नीमच में स्थापित है जहां हजारो जवान सेवारत है जिनको अपनी दैनिक खुराक में अंडा का सेवन करना पडता है।

नीमच की अधिकांश किराने की दुकान जो मोहल्ले वा कॉलोनिया में स्थित है वहां पर भी अंडा विक्रय किया जाता है अंडे विक्रय करने से किसी प्रकार की परेशानी आम नागरिको को नहीं होती है अंडा गंधरहित है अंडे से किसी प्रकार की बदबु गन्दगी नहीं फैलती है इस कारण से अंडा मांस मछली के श्रेणी में नहीं आता है (गूगल पर भी अंडे को वेजीटेरीयन पेटर्न में लिखा हुआ है ) मांसाहर खाद्य सामग्री की श्रेणी में नहीं आता है। म.प्र. शासन द्वारा जारी नवीन गाईड लाईन में भी अंडे को खुले बाजारो में बेचने के संबंध में प्रतिबंधित नहीं किया गया है नीमच नगरपालिका के अधिकारी अनावश्यक रूप से व्यापारियो के धंधे को दुकान बन्द कराकर नुकसान पहुंचाते है।

समस्त अंडा व्यापारियों ने मांग की है कि, त्यौहारों के समय अंडा दुकानों को बंद करने के इस आदेश को वापस लिया जाएं। जिससे की सभी अंडा व्यापारियों को राहत मिल सकें।