NEWS: ओमप्रकाश क्षत्रिय प्रकाश को बच्चों के साहित्य के लिए किया सम्मानित, एमपी की राजधानी में साहित्य अकादमी द्वारा ये विशेष आयोजन, पढ़े ये खबर
ओमप्रकाश क्षत्रिय प्रकाश को बच्चों के साहित्य के लिए किया सम्मानित
भोपाल। मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी ने ओमप्रकाश क्षत्रिय प्रकाश को उनकी पुस्तक "बच्चों... सुनो कहानी" के लिए "श्री हरेकृष्ण देवसरे पुरस्कार" से सम्मानित किया है। यह पुरस्कार उन्हें बच्चों के साहित्य के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया। प्रकाश एक जाने-माने साहित्यकार हैं। उन्होंने कई पुस्तकें लिखी, जिनमें से कई बच्चों के साहित्य से संबंधित हैं। उनकी पुस्तकें बच्चों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं। वे बच्चों को ज्ञान, मनोरंजन और प्रेरणा प्रदान करती हैं।
प्रकाश को यह पुरस्कार रविंद्र भवन भोपाल के अंजलि सभागार में आयोजित एक समारोह में दिया गया। इस समारोह में मशहूर अभिनेता और साहित्यकार आशुतोष राणा, नीमच जिला प्रभारी एवं संस्कृति मंत्री आदरणीय सुश्री उषा ठाकुर, साहित्य निदेशक मध्य प्रदेश आदरणीय डॉक्टर विकास दवेजी के कर कमलों से पुरस्कार प्राप्त हुआ। समारोह में देशभर के सुप्रसिद्ध और विख्यात साहित्यकार उपस्थित थे।
समारोह में सुश्री उषा ठाकुर ने प्रकाश को पुरस्कार प्रदान करते हुए कहा कि, वे एक प्रतिभाशाली साहित्यकार हैं, और उन्होंने बच्चों के साहित्य को समृद्ध किया है। प्रकाश की पुस्तकें बच्चों को ज्ञान, मनोरंजन और प्रेरणा प्रदान करती हैं। प्रकाश ने पुरस्कार प्राप्त करते हुए कहा कि, यह उनके लिए एक सम्मान की बात है। वे साहित्य अकादमी के इस सम्मान से प्रेरित होकर और भी बेहतर रचनाएं लिखेंगे।
यह पुरस्कार प्रकाश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह पुरस्कार उनके साहित्यिक योगदान को मान्यता देता है। यह पुरस्कार अन्य साहित्यकारों को भी प्रेरित करेगा कि वे भी बच्चों के साहित्य के क्षेत्र में अपना योगदान दें।
श्री हरेकृष्ण देवसरे पुरस्कार के बारे में-
श्री हरेकृष्ण देवसरे पुरस्कार मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दिया जाने वाला एक साहित्यिक पुरस्कार है। यह पुरस्कार बच्चों के साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है। इस पुरस्कार के लिए पात्रता मानदंड हैं।
उम्मीदवार को भारतीय नागरिक होना चाहिए.
उम्मीदवार को कम से कम एक पुस्तक लिखी होनी चाहिए, जो बच्चों के साहित्य से संबंधित हो.
उम्मीदवार की पुस्तक को कम से कम एक वर्ष पहले प्रकाशित होना चाहिए.
यह पुरस्कार 51 रूपए रुपये, प्रतीक चिन्ह और अंग वस्त्र के रूप में दिया जाता है.