NEWS: इनरव्हील क्लब की 100 वीं वर्षगांठ, एकल एवं समूह नृत्य का आयोजन भी, डॉ. गरिमा चौरसिया ने कहां- गांवों के कारण हमारे देश की संस्कृति जिंदा, पढ़े खबर

इनरव्हील क्लब की 100 वीं वर्षगांठ

NEWS: इनरव्हील क्लब की 100 वीं वर्षगांठ, एकल एवं समूह नृत्य का आयोजन भी, डॉ. गरिमा चौरसिया ने कहां- गांवों के कारण हमारे देश की संस्कृति जिंदा, पढ़े खबर

डेस्क। हमारे देश की आत्मा गांव हैं, गावों की वजह से हमारे देश की संस्कृति जिंदा है। सांस्कृतिक कार्यक्रम की थीम गावों पर रखना इनरव्हील क्लब का प्रशंसनीय कदम है। उम्र के पड़ाव पर क्लब की महिलाओं द्वारा विभिन्न प्रांतों की ग्रामीण बालाओं का किरदार निभाना स्वागत योग्य है। उक्त विचार इनरव्हील क्लब की सौंवी वर्षगांठ पर आयोजित इनरव्हील क्लब डे के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए डॉ. गरिमा चौरसिया ने व्यक्त किये। 

कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथि गणों द्वारा मां सरस्वती एवं इनरव्हील जनक ओलीवर गोल्ड़ी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। इनरव्हील प्रार्थना का वाचन सचिव अमरजीत कौर छाबड़ा ने किया। स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत करते हुए अध्यक्ष रजिया अहमद ने कहा इनरव्हील क्लब के सौवें वर्ष की हम सब खुशी से मना रहे हैं, इनरव्हील क्लब सेवा, त्याग एवं बलिदान का पर्याय है। 

नये सदस्य किर्ती मित्तल, दीपा मेहता, अंशु गोयल एवं सपना गोयल को पी.डी.सी. संगीता जोशी द्वारा पिन लगाकर सदस्यता प्रदान की गई। क्लब की महिलाओं जो विभिन्न प्रांतों के ग्रामीण परिवेश में उपस्थित हुई थी उन्होनें रैम्प वॉक किया। तत्पश्चात् एकल नृत्य एवं समूह नृत्य का आयोजन किया गया। गिटार पर ’’एक प्यार का नगमा है’’ गीत की प्रस्तुति रजिया अहमद ने दी। सरोज गाँधी द्वारा सुमधुर गीत प्रस्तुत किया गया। 

निर्णायक के तौर पर समाज सेवी संध्या नायर एवं अंशु गोयल ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई एवं अपने उद्बोधन में कार्यक्रम की प्रशंसा की। कार्यक्रम में रजिया अहमद, अमरजीत कौर, अल्का श्रीवास्तव, कुसुम कदम एवं सिंधु भागवानी ने राजस्थानी नृत्य प्रस्तुत किया। विभिन्न टाइटिल्स के अन्तर्गत भोर चिरैया के रूप में डॉ. माधुरी चौरसिया, सरिता पाटीदार, संगीता अग्रवाल, मंजुला शर्मा, शशि सोडानी, शारदा तौर, वीणा सक्सेना, सिम्मी सलूजा, सीमा अरोरा एवं ललिता मण्डवारिया को पुरूस्कृत किया गया। 

डॉ. माधुरी चौरसिया द्वारा फूलन देवी के चरित्र पर आधारित नृत्य नाटिका प्रस्तुत की गई जो समारोह की सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति के रूप में पुरूस्कृत हुई। जिसमें फूस की झोपड़ी में रहने वाली फूलन के बीहड़ की शेरनी एवं उसके बाद सांसद बनने तक का सफर दर्शाया गया। एकल नृत्य में कालबेलिया डांस के लिए बीना लालवानी प्रथम, कजरी नृत्य के लिए संगीता जोशी द्वितीय, राजस्थानी डांस के लिए सपना गोयल को तृतीय पुरूस्कार प्रदान किया गया। 

बेस्ट ड्रेस अप बनीठणी के लिये प्रथम सरोज गांधी, सिम्मी सलूजा द्वितीय एवं ललिता मण्डवारिया एवं शशि सोडानी को तृतीय पुरूस्कार प्रदान किया गया। मोरनी रैम्प वॉक में प्रथम तृप्ति दुआ, द्वितीय शारदा तौर एवं तृतीय हेमा गुप्ता रही। संबलपुरी की ग्रामीण के वेशभूषा में सजी सीमा अरोरा को क्वीन ऑफ़ विलेज के खिताब से नवाजा गया | समूह नृत्य में तृप्ति दुआ एवं सरिता पाटीदार प्रथम स्थान पर रही। कार्यक्रम में अल्का चड्डा, नीलू ग्रोवर, विमल सेठी, बलजीत साहनी सहित बड़ी संख्या में महिलाएँ उपस्थित थी। कार्यक्रम का काव्यात्मक संचालन डॉ. माधुरी चौरसिया ने किया एवं आभार एडीटर कुसुम कदम ने माना।