NEWS: दंगा और जान से मारने की कोशिश करने वाले आरोपी दोषमुक्त, अपर सत्र न्यायाधीश ने सुनाया फैसला, मामला जावद में हनुमान जयंती पर निकले जुलूस का, अधिवक्ता विजय जोशी ने की सफल पैरवी, पढ़े खबर

दंगा और जान से मारने की कोशिश करने वाले आरोपी दोषमुक्त, अपर सत्र न्यायाधीश ने सुनाया फैसला, मामला जावद में हनुमान जयंती पर निकले जुलूस का, अधिवक्ता विजय जोशी ने की सफल पैरवी, पढ़े खबर

NEWS: दंगा और जान से मारने की कोशिश करने वाले आरोपी दोषमुक्त, अपर सत्र न्यायाधीश ने सुनाया फैसला, मामला जावद में हनुमान जयंती पर निकले जुलूस का, अधिवक्ता विजय जोशी ने की सफल पैरवी, पढ़े खबर

जावद। दिनांक 3 अप्रैल 2015 को हनुमान जयंती पर निकले जुलूस में एक व्यक्ति की हत्या के आशय से किये गए हमले से समस्त आरोपियों को अपर सत्र न्यायाधीश माननीय एन.एम सिंह मीना ने दोषमुक्त कर दिया। 

दरअसल जावद निवासी फरियादी बलवंत राव जाधव मराठा ने दिनांक 3 अप्रैल 2015 को खुर्रा चौक पर उसके साथ घटित घटना की रिपोर्ट दिनांक 7 अप्रेल 2015 को थाना जावद में उपस्थित होकर पांच व्यक्तियों के विरुद्ध करवाई थी। जिसमे उसने बताया था कि वह पानी की मटकी लेने जा रहा था, उसी समय खूर्रा चौक के यहां हनुमान जयंती का जुलूस निकल रहा था। जिसे वह देखने लगा, देखते-देखते मुस्लिम समाज के लोगों ने वहां मौजूद लोगों पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए, जिससे उसे भी पत्थर की लगी। वह वहां से भागा तो दो व्यक्ति ने उसे पकड़ लिया एवं तीन व्यक्तियों ने उसे बाल पकड़कर मारा हयात ने कांच की बोतल फोड़ कर सीने पर मारी एवं एक व्यक्ति ने उसके पेट में जान से मारने की नियत से छुरा मारा। 

जिससे उसके पेट की आंतें बाहर आ गई, वह वहां से भागकर अपने घर आया व पत्नी को घटना बताई। परिवार वाले उसे इलाज के लिए नीमच ले गए, फरियादी की रिपोर्ट के आधार पर जावद पुलिस ने जाकिर पिता नूर मोहम्मद, मोहम्मद वसीम पिता अब्दुल सत्तार, आमिर सोहेल पिता अब्दुल सत्तार, शाकिर पिता हुसैन व हयात हुसैन उर्फ हयात लाला पिता अब्दुल गफ्फार रंगरेज सभी निवासी जावद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 307 व आर्म्स एक्ट की धारा 25 (1) (बी) (बी) में मुकदमा कायम किया। 

आरोपी मोहम्मद वसीम ने बलवंत राव को छुरा मारा। जिससे उसके पेट की आंतें बाहर आ गई, व आरोपी हयात हुसैन ने बीयर की बोतल  फोड़कर सीने में घोंप कर उसे जान से मारने की कोशिश की, उक्त चोटों से बलवंत राव के पेट की आंतें बाहर आ गई, मेडिकल रिपोर्ट में यह पाया गया कि आहत का ईलाज समय पर नहीं होता, तो उसकी मृत्यु हो जाती। पुलिस द्वारा मामले की विवेचना कर पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया व उनके खिलाफ जावद के अपर सत्र न्यायालय में अपर सत्र न्यायाधीश एन.एम सिंह मीना के समक्ष मुकदमा पंजीबद्ध कर प्रस्तुत किया गया, जहां समय -समय पर अभियोजन पक्ष की और से आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य प्रस्तुत किया गया। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन की साक्ष्य को संदेहास्पद मान माननीय न्यायालय द्वारा आरोपियों को दोषी नहीं पाया, आरोपियों की और से अभिभाषक विजय जोशी द्वारा सफल पैरवी की गई।