NEWS : सोयाबीन की फसल बर्बाद, किसानों के खाते में नहीं पहुंची मुआवजा राशि, विनोद दक बोले- क्या सुखी ही मनेगी प्रदेश के अन्नदाताओं की दीपावली, पढ़े खबर

सोयाबीन की फसल बर्बाद

NEWS : सोयाबीन की फसल बर्बाद, किसानों के खाते में नहीं पहुंची मुआवजा राशि, विनोद दक बोले- क्या सुखी ही मनेगी प्रदेश के अन्नदाताओं की दीपावली, पढ़े खबर

जीरन। खरीफ सीजन की मुख्य फसल सोयाबीन अतिवृष्टि और पीला मोजेक वायरस से शत-प्रतिशत नष्ट हो गई है। जिसकी भरपाई के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिंगल क्लिक के माध्यम से किसानों के खातों में यह राशि अंतरित की। क्या प्रदेश के पालनहार किसानों की दीपावली सुखी ही मनेगी। यह राशि शुक्रवार को अंतरित की गई थी, लेकिन आठ दिन बाद भी किसानों के खातों में नहीं पहुंची। जब सरकार के पास पैसा ही नहीं है, तो इतना दिखावा सिंगल क्लिक करने की क्या जरूरत थी। 

उपरोक्त जानकारी जीरन ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष विनोद दक ने प्रेस विज्ञप्ति में देते हुए बताया है कि किसान बैंकों एवं आनलाइन वालों की दुकानों पर जाकर अकाउंट चेक कर रहे हैं तो पुराना बैलेंस ही दिखा रहा है। भाजपा सिर्फ थोथी घोषणाओं का पिटारा बनकर रह गई है। सिंगल क्लिक का ढिंढोरा तो ऐसा पीटा कि खजाना ही किसानों के सुपुर्द कर दिया हो। 

दक ने बताया कि भाजपा सरकार ने किसानों को फसलों में हुए नुकसानी मुआवजा इनके इतिहास में पहली बार देने का कदम उठाया है, ओर वो भी थोथी घोषणा बनकर रह गई है। सरकार ने सिंगल क्लिक से किसानों के अकाउंट में राशि अंतरित करने की बात की है। लेकिन किसानों के अकाउंट में आठ दिन बाद भी राशि अंतरित नहीं हुई है। किसानों को वर्तमान में रबी सीजन की बुआई हेतु खेत तैयार करना है कर्ज लेकर खेत तैयार कर रहा है, ऐसे समय में भी भाजपा सरकार में बैठे जनप्रतिनिधियों को तनिक भी रहम नहीं आया और किसानों की भावनाओं के साथ छलावा किया जा रहा है। तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बिना सर्वे मुआवजा राशि किसानों के खातों में अंतरित कर दी थी। 

दक ने बताया कि किसानों के खेतों में खड़ी खरीफ सीजन की मुख्य फसल सोयाबीन शत-प्रतिशत नष्ट हो गई है तो तत्काल मुआवजा और बीमा राशि प्रदान करनी चाहिए ! दक ने कहा कि कांग्रेस ही किसानों की हितैषी पार्टी है। जब-जब किसानों के ऊपर संकट के बादल मंडराएं है तब-तब कांग्रेस ने आर्थिक रूप से मदद की है। वहीं किसानों की उपज के वाजिब दाम दिलाया है तो वहीं राहत राशि के साथ -साथ फसल बीमा राशि भी दिलाई गई। भाजपा सिर्फ उद्योगपतियों की पार्टी बनकर रह गई है।