BIG NEWS: प्रमुख मांगे, और नर्सिंग स्टॉफ में आक्रोश, नीमच सहित प्रदेशभर में चरणबद्ध आंदोलन की शुरुवात, फिर इस दिन से अनिश्चितकालीन हड़ताल की भी तैयारी, जब ये नहीं, तो कौन करेगा उपचार, क्या स्वास्थ्य सेवाएं हो जाएगी ठप्प...! पढ़े ये खबर
प्रमुख मांगे, और नर्सिंग स्टॉफ में आक्रोश
रिपोर्ट- अभिषेक शर्मा
नीमच। प्रदेश के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग में पदस्थ नर्सिंग स्टॉफ अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहा है। इससे पहले नीमच जिला अस्पताल सहित प्रदेशभर में भी नर्सिंग स्टॉफ रोजाना अलग-अलग गतिविधियां कर सरकार को जागरूक करने के प्रयास में है। अगर आगामी दिनों में मांगे पूरी नहीं होती है, तो ये स्टॉफ हड़ताल पर जाएगा, और नीमच जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं भी ठप्प होजी नजर आएंगी।
मीडिया से बातचीत में नर्सिंग स्टॉफ पदाधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि, नर्सिंग ऑफिसर एसोसिएशन द्वारा लगातार बीते करीब दो वर्षो से ज्ञापन और हड़ताल के माध्यम से अपनी मांगों को पूरा करने की गुहार लगा रहा है। लेकिन आज तक मांगों का निराकरण नहीं हुआ। ऐसे में अब प्रदेशभर के नर्सिंग स्टॉफ में असंतोष और आक्रोश व्याप्त है।
उन्होंने आगे बताया कि, दिनांक- 3 जुलाई से चरणबद्ध आंदालन की शुरुवात की गई है। इस दौरान रोजाना अलग-अलग गतिविधियां कर सरकार को जागरूक करने का प्रयास कर रहे है। आगामी 10 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरू नीमच सहित प्रदेशभर में की जाएगी। ऐसे स्वास्थ्य व्यवस्थाएं भी ठप्प होगी। जिसकी समस्त जवाबदारी शासन की होगी।
चरणबद्ध आंदोलन की रूप रेखा-
नर्सिंग स्टॉफ ने 3 जुलाई से चरणबद्ध आंदोलन की शुरुवात की है। इस दौरान सबसे पहले 3 जुलाई को जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। आज 4 जुलाई को प्रेसवार्ता कर मीडिया के माध्यम से संदेश शासन विभाग तक पहुंचाया। दिनांक- 5 जुलाई को अपने कार्य के अतिरिक्त एक घंटे अधिक सेवायें दी जाएगी। दिनांक- 6 जुलाई को अपने कार्य के अतिरिक्त दो घंटे अधिक सेवायें देंगे। वहीं दिनांक- 7 जुलाई को जिलास्तरीय बैठक कर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। दिनांक- 8 जुलाई को जिला स्तर पर एक घंटे प्रदर्शन किया जायेगा। फिर दिनांक- 10 जुलाई से काम बंद कर सभी नर्सिंग स्टॉफ हड़ताल पर चला जाएगा।
एक मुद्दा यह भी-
नर्सिंग स्टॉफ ने बताया कि, कोरोना काल के दौरान सभी नर्सिंग स्टॉफ के सदस्यों ने फ्रट लाइन वकर्स के रूप में कार्य किया। इस दौरान प्रदेश की शिवराज सरकार ने वादा किया था कि, कोरोना काल में सेवाएं देने वाले कर्मचारियों को 10-10 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। जो आज तक नहीं मिली। यदि वह राशि भी सरकार द्वारा स्टॉफ तक पहुंचाई जाती, तो कोरोना काल में शहीद हुए नर्सिंग स्टॉफ के परिवारों को काफी हद तक राहत मिलती।
यह प्रमुख मांगे-
- नर्सिंग संवर्ग के वेतन विसंगति को दूर करते हुए नर्सिंग ऑफिसर को वर्तमान ग्रेड पै 2800 से बढ़ाकर 4200, सीनियर नर्सिंग ऑफिसर / ट्यूटर को वर्तमान ग्रेड पै 3600 से बढ़ाकर 4600 व मेट्रन को वर्तमान ग्रेड पै 4200 से बढ़ाकर 4200 किया जाएं।
- आकस्मिक चिकित्सा भत्ता स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों को 500 रूपए प्रति रात्रि दिया जाता है। जबकि इनके साथ संलग्न नर्सेस व अन्य पेरामेडिकल कर्मचारीयों को भी 300 रूपए प्रति रात्री आकस्मिक चिकित्सा भत्ता दिया जाये।
- प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्वसाशी अधिकारी-कर्मचारियों के वर्ष 2016 के भर्ती नियमों में संशोधन किया जाये। साथ ही भर्ती नियमो में संसोधन करते समय एसोसिएशन के प्रतिनिधीयों का सुझाव लिया जाये।
- ग्वालियर एवं रीवा मेडिकल कॉलेज में जी.एन.एम. नर्सिग को तीन एवं बी.एस.सी. नर्सिंग को चार वेतन वृद्धि दी गयी है, जबकि अन्य मेडिकल कॉलेजों में नहीं दी गयी है। विभाग द्वारा सौतेला व्यवहार किया गया है। ग्वालियर एवं रीवा मेडिकल कॉलेज की भाति अन्य शेष मेडिकल कॉलेज के नर्सिंग ऑफिसर को तीन एवं चार वेतन वृद्धि दी जाये।
- नर्सिग स्टूडेन्ट का स्टॉयफण्ड 3000 रूपए से बढाकर 8000 रूपए किया जाये।
- (अ) नर्सिग संवर्ग की पदोन्नति हेतु जब तक माननीय न्यायालय में निर्णय विचाराधीन है। ऐसी स्थिति में विभाग द्वारा पदौन्नति पद पर प्रभार के तौर पर प्रभारी बनाया जाये (ब) नर्सिंग ट्यूटर के पद सृजित किये जाये।
- स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग अन्तर्गत संचालनालय स्तर पर सहायक संचालक का पद सृजित है, जो नसिंग रावर्ग का है. वर्तमान में अन्य कैडर से कार्य कराया जा रहा है जो अनुचित है। सहायक संचालक के पद पर नर्सिग संवर्ग से ही कार्य कराया जाये।
- प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्वसाशी अन्तर्गत कार्यरत कर्मचारीयों को सातवे वेतनमान का लाभ जनवरी 2016 से दिया जाये।
- शासकीय सेवा में सीधी भर्ती में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पदों पर चयन होने पर तीन वर्ष की परिवीक्षा अवधि एवं 70 प्रतिशत 80 प्रतिशत 90 प्रतिशत मानदेय नियम को निरस्त कर पूर्व की भांति यथावत रखा जाये।
- पुरानी पेंशन (ओ.पी.एस.) पूर्व की भांति लागू की जाये।
हड़ताल में यह शामिल-
नीमच जिला अस्पताल में प्रेसवार्ता के दौरान नर्सिंग ऑफिसर्स जिलाध्यक्ष विमला राजपूत, रीना जॉनशन, ललिता सावरिया, बिना खिंचवाते, ऋतम्भरा आर्य, अभिलाषा निनामा, अन्तर यादव, संध्या डामोर, सपना मालवीय, सीमा इवने, सपना जंगल, पलक मिश्रा, पायल सलाम, सीमा तोमर, सुमित्रा बारिया, शिवा सिंह, चंदा गुप्ता, सोनम भारस्कारक, कृष्णा माली, दिव्या सोनी, पायल भारस्कारक और पूजा स्थापक सहित अन्य उपस्थित रहें।