NEWS: मंदसौर में संविदा कर्मचारियों की हड़ताल का 16 वां की, सरकार के खिलाफ प्रदर्शन जारी, पढ़े ये खबर

मंदसौर में संविदा कर्मचारियों की हड़ताल का 16 वां की, सरकार के खिलाफ प्रदर्शन जारी, पढ़े ये खबर

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रिपोर्ट- नरेंद्र राठौर 

मंदसौर। प्रदेश स्तरीय संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के आव्हान पर बीती दिनांक 18 अप्रैल से पूरे प्रदेश मे अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू की गई, संविदा स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा जनवरी माह में भी हड़ताल की गयी थी, तब शासन द्वारा 1 माह में मांगो के निराकरण करने का आश्वाशन दिया गया था, परन्तु 3 माह पश्चात भी संविदाकर्मियों की मांगो को लेकर किसी भी प्रकार का कोई शासकीय पत्र जारी नहीं हुए है

जिस नीति को माननीय मुख्यमंत्री ने माना अन्यायपूर्ण और समाप्त करने हेतु लिया था संकल्प, उसी को समाप्त करने हेतु बार बार हड़ताल के माध्यम से संविदा स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा याद दिलाया जा रहा, की मामा जी अपना संकल्प पूर्ण करें, शासन द्वारा आश्वाशन पर अमल ना करने के कारण संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को मजबूरन हड़ताल पर पुनः बैठना पड़ा।

अनिश्चित कालीन क्रमिक भुख हड़ताल के साथ 16 वे दिन भी आंदोलन जारी है, और अपनी एकता का प्रर्दशन किया, संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को भी नियमित किया जाए, जब तक नियमित नही होते है तब तक, 5 जून 2018 की नीति लागू करने की घोषणा माननीय मुख्यमंत्री द्वारा की जाए, एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी दौ सूत्रीय मांगो को लेकर विगत कई सालो से शासन से मांग कर रहे हैं। संविदा कर्मचारी और नियमित कर्मचारियों के वेतन मे जमीन आसमान का अंतर होने से संविदा कर्मचारी 05 जून 2018 की नीतियों को लागु करवाने हेतु लामबद्ध हैं।

संविदा कर्मचारियों की हड़ताल के कारण जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा हैं, मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा हैं, साथ ही शासन की जननी सुरक्षा योजना और प्रसूति सेवा योजना का लाभ भी हितग्राहीयो को नहीं मिल पा रहा हैं। वर्तमान में एनएचएम के समस्त 52 जिलों के संविदा कर्मचारी हड़ताल पर हैं। साथ ही साथ लाडली संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी बहने और उनके बच्चे भी अपनी 90% की नीति के लिए मामाजी से आस लगाए बैठे हे

ये 2 सूत्रीय मांग- 

1. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारी कर्मचारियों को नियमित किया जाए। जब तक नियमितीकरण नहीं हो जाता, तब तक 5 जून 2018 की नीति शासन समान्य प्रशासन द्वारा पारित नीति तत्काल प्रभाव से लागू की जाए।, Cho को MLHP केडर के तहत नियमित किया जाये 

2. आउटसोर्स प्रथा में किए गए सपोर्ट स्टाफ का समायोजन किया जाए, और निष्कासित साथियों की वापसी की एवं पहले की गई, अनिश्चित हडताल के कारण भोपाल में जिन संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी के खिलाफ पुलिस प्रकरण दर्ज किए गए है, उन्हें तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए।