NEWS: पूर्व विधायक शेखावत ने भोपाल में मत्रियों से की भेंट, अधूरे पड़े कार्यों को जल्द पूरा करने को लेकर सौंपा मांगपत्र

पूर्व विधायक शेखावत ने भोपाल में मत्रियों से की भेंट, अधूरे पड़े कार्यों को जल्द पूरा करने को लेकर सौंपा मांगपत्र

NEWS: पूर्व विधायक शेखावत ने भोपाल में मत्रियों से की भेंट, अधूरे पड़े कार्यों को जल्द पूरा करने को लेकर सौंपा मांगपत्र

नागदा। पूर्व विधायक दिलीपसिंह शेखावत ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि दिनांक 24 एवं 25 फरवरी 2022 को भोपाल प्रवास के दोरान कृषि मंत्री कमल पटेल से भेंट कर विधानसभा क्षेत्र की प्रमुख समस्या नागदा शहर की कृषि उपज मण्डी जो कि मेरे कार्यकाल में स्वीकृत होकर कार्य प्रगतिरत है, इसके शेष कार्य को पूर्ण करने हेतु मांग पत्र सौपा गया। जिस पर कृषि मंत्री द्वारा शीघ्र ही कार्य की स्वीकृति प्रदान करने का आश्वासन दिया गया। इस दौरान मंत्री कमल पटेल को बताया कि नागदा की वर्तमान कृषि उपज मण्डी शहरी क्षैत्र में होते हुए काफी छोटी है। यहाँ मार्ग सकरा होने के कारण आवागमन में काफी समस्या होती है। यहाँ आयेदिन किसानों के वाहन फंस जाते है। जिससे किसानो एवं राहगीरो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है एवं जाम की स्थिति लग जाती है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2017 में नवीन कृषि उपज मण्डी कार्य स्वीकृत कराकर इसका भूमि पूजन कर करीब 25 बीघा जमीन पर इसका निर्माण कार्य कराया जा रहा है।

जिसमें वर्तमान में 1 करोड़ 39 लाख रू. की लागत से चेकपोस्ट, बाउण्ड्रीवाल एवं मेन रोड़ से मण्डी प्रांगण से सीसी रोड़ का कार्य हो पाया है। इसके शेष कार्य को पुर्ण करने हेतु राशि 670 लाख रू. की आवश्यकता होगी। जिसका इस्टीमेट बनवाकर विभाग द्वारा दिनांक 14/02/2022 को कार्यपालन यंत्री मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड तकनीकि उज्जैन एवं भोपाल कार्यालय को भेजा गया है। जिसमें  मण्डी के कार्यालय भवन हेतु 78 लाख रू., कृषक सुचना केन्द्र हेतु 28.32 लाख रू., शेड निर्माण हेतु 60 लाख रू., कृषक हम्माल तुलावटी विश्राम गृह कक्ष निर्माण हेतु 28.32 लाख रू., केन्टीन निर्माण कार्य हेतु 26 लाख रू., प्रकाश व्यवस्था हेतु 35 लाख रू., सुलभ शौचालय निर्माण हेतु 24 लाख रू., ट्राली शेड निर्माण हेतु 90 लाख रू., नाली निर्माण हेतु 60 लाख रू. एवं सीसी टीवी कैमरे हेतु 15 लाख रू. साथ ही अन्य छोटे मोटे कार्यो को मिलाकर कुल राशि 670 लाख रू. की मांग की गई है जिससे कृषि उपज मण्डी का कार्य पूर्ण हो सके। विगत दिनों कांग्रेस की 16 माह की सरकार में तत्कालीन कृषि मंत्री श्री सचिन यादव एवं क्षेत्रीय विधायक द्वारा वादे तो किये गये किन्तु मण्डी निर्माण हेतु  राशि स्वीकृत नहीं करा पाये। यही कारण है कि मण्डी का कार्य पिछड़ गया। इसके बाद कोरोना काल आ जाने से कार्य में गति नहीं आ पाई थी। किन्तु अब इस मण्डी का कार्य शीघ्र ही स्वीकृत होकर पूर्ण होगा।

शेखावत ने बताया कि पूर्व में मण्डी में जाने हेतु मात्र एक ही रास्ता था। जिससे भविष्य में पुनः ट्राफिक जाम की आशंका हो सकती थी। इसको ध्यान में रखते हुए हमने  मेन रोड़ नगर पालिका ट्रेचिंग ग्राउण्ड से नवीन मण्डी तक 532 फीट लंबा एवं 42 फीट चौड़ा एक और सड़क हेतु जगह चयनित कर इस रोड़ की स्वीकृति का प्रयास किया जा रहा है। इस रोड़ के निर्मित हो जाने पर आने व जाने हेतु दो रास्ते हो जायेंगे जिससे ट्राफिक समस्या नहीं होगी। साथ ही खाचरौद में मटरफली मण्डी के निर्माण हेतु पूर्व में 1 करोड़ रूपये स्वीकृत हुआ था इस राशि से मटरफली मण्डी की बाउण्ड्रीवाल का कार्य पूर्ण हो चुका है। वर्तमान में भू भाटक का कार्य प्रचलित है इस कार्य के पूर्ण हो जाने पर शीघ्र ही आगे भवन निर्माण का कार्य कराया जावेगा।

शेखावत ने आगे बताया कि भोपाल प्रवास के दौरान जल संसाधन मंत्री तुलसीजी सिलावट से भी भेंट की गई एवं उन्हें वर्ष 2018 में मेरे कार्यकाल में ग्राम पाडसुतिया में बागेड़ी नदी पर पाड़सुतिया बैराज(डेम) स्वीकृति राशि 334.71 लाख रू. एवं ग्राम बागेड़ी में बागेड़ी नदी पर बागेड़ी बैराज (डेम) लागत 226.22 लाख रू. की स्वीकृति मिल चुकी थी। किन्तु अभी तक दोनो डेमो का कार्य प्रारम्भ नहीं हो पाया है एवं ग्राम बोरदिया में कुडैल नदी पर डेम निर्माण का प्राकलन राशि 422.27 लाख रूपये थी जिसकी डीपीआर भी बन चुकी थी। इसे स्वीकृत करने हेतु मंत्री जी को पत्र सौंपकर निवेदन किया जिस पर मंत्री जी द्वारा शीघ्र ही निर्णय लेने का मुझे आश्वासन दिया गया। 

साथ ही लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव से भेंट कर विधानसभा के अपूर्ण पड़े निर्माण कार्य को शीघ्र ही पूर्ण करने हेतु पत्र सौपा। जिसमें प्रमुख रूप से निम्न कार्यो को पूर्ण करने हेतु निवेदन किया गया जो इस प्रकार है- (1) उमरना रेल्वे फाटक ब्रिज लागत 7 करोड़ 92 लाख का कार्य सिर्फ पिल्लर खड़े होकर रेल्वे लाईन के उपर स्लेब डाला गया है बाकी काम रूका हुआ है। यह फाटक नागदा-खाचरौद को जोड़ती है। इस फाटक का कार्य करीब 6 माह से बंद पड़ा है। (2) खाचरौद में जावरा फाटक ब्रिज जिसका कार्य भी करीब 50 प्रतिशत हो चुका है, शेष कार्य बाकी है। यह फाटक खाचरौद से जावरा को जोड़ती है। (3) नागदा में शिवपुरा रतलाम फाटक ब्रिज लागत 14 करोड़ 19 लाख रूपये से स्वीकृत हुई थी, यह फाटक मण्डी व बिरलाग्राम को जोड़ती है। रतलाम लाईन पर अधिक दबाव होने से यह फाटक अक्सर बंद रहती है। यहाँ पर कुछ निजी जमीनों के अधिग्रहण की कार्यवाही की जाना है। (4) नागदा रिंग रोड़ पर रेल्वे ब्रिज का निर्माण कार्य स्वीकृत होना है। यहां पर पूर्व में लागत 7 करोड रूपये का रिंग रोड़ निर्मित हो चुका है। किन्तु रेल्वे ब्रिज नहीं होने से मुख्य मार्ग का उद्योग में जाने वाला रास्ता प्रारम्भ नहीं हो पा रहा है। जिससे नागदा में आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती है। (5) ग्राम मगदनी में चंबल नदी पर बड़ा पुल स्वीकृत हो चुका है, परन्तु इसका कार्य प्रारम्भ नहीं हो पाया है। यह सड़क बड़नगर को जोड़ती है। (6) ग्राम नायन में चंबल नदी पर बड़ी पुलिया का निर्माण कार्य वर्ष 2018 में स्वीकृत हुआ था इसका कार्य भी करीब 65 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है, शेष कार्य को शीघ्र प्रारंभ करवाए ताकि ग्रामीण क्षेत्र को शहरी क्षेत्रों से जोड़ा जा सके।

शेखावत ने आगे बताया कि विधानसभा क्षेत्र के सभी अपूर्ण कार्यो को शीघ्र ही पूर्ण करा लिया जावेगा। इसके लिये लगातार मुख्यमंत्री एवं विभागीय मंत्री से हम सतत् सम्पर्क में है। जिससे क्षेत्र की समस्याओं का निराकरण हो सकेगा।