NEWS : नीमच में यहां स्वास्थ्य जागरूकता कार्यशाला सम्पन्न, ब्रेन स्ट्रोक के प्रारंभिक चार घंटे बहुत महत्वपूर्ण, क्या बोले न्यूरोसर्जन डॉ. सुरेश कुमावत, पढ़े खबर
नीमच में यहां स्वास्थ्य जागरूकता कार्यशाला सम्पन्न

नीमच। ज्ञानोदय यूनिवर्सिटी एवं ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के संयुक्त तत्वाधान में वहां के स्टॉफ के लिए स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का आयोजन किया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में ज्ञानोदय मल्टीस्पेश्यलिटी हॉस्पिटल में अपनी सेवाएँ दे रहे मस्तिष्क एवं स्पाइन रोग विशेषज्ञ (न्यूरोसर्जन) डॉ. सुरेश कुमावत, अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. धर्मपाल भाटिया, डॉ. मोहिन्दरपाल सिंह एवं तरूण दक्ष का स्वागत डॉ. प्रशांत शर्मा, हेमन्त प्रजापति, डॉ. सुरेन्द्र सिंह शक्तावत एवं प्रदीप पाण्डेय द्वारा किया।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ. सुरेश कुमावत ने कहा ब्रेन या मस्तिष्क के ऊतक कभी भी पूरी तरह से ठीक नहीं होते है, लेकिन यदि मरीज को ब्रेन स्ट्रोक के होते ही चार घंटों के भीतर उचित ट्रीटमेंट मिल जाए, तो उसके ठीक होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है। आज कल के लाइफ स्टाइल में बी.पी., शुगर की शिकायत, हार्ट प्रोब्लम एवं मोटापे की वजह से स्ट्रोक की बीमारी आम होती जा रही है। इससे बचने के लिए हमें अपनी दैनिक दिनचर्या में व्यायाम, खान-पान का ध्यान रखना चाहिए। यदि बी.पी. शुगर या अन्य कोई बीमारी है, तो उचित ईलाज लेना चाहिए। दुर्घटना के दौरान ब्रेन को बचाने के लिए हैलमेट जरूरी है।
इस अवसर पर आर्थोसर्जन डॉ. धर्मपाल भाटिया ने अपने विचार रखते हुए कहा हड्डियों बीमारियाँ ऐसी स्थिति का समूह है जो हड्डियों की संरचना एवं ताकत को प्रभावित करती है जिससे फ्रेक्चर का जोखिम बढ़ जाता है और जीवन की गुणवत्ता कम हो जाती है। उम्र के साथ हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है जिससे हड्डी टूटने का खतरा बढ़ जाता है। व्यक्ति को अपने भोजन में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए ताकि हड्डियाँ मजबूत बनी रहें। प्रातः की धूप से विटामिन डी प्राप्त करना चाहिए ताकि हड्डियाँ मजबूत बनी रहे।
वहां के उपस्थित श्रोताओं ने दोनो विशेषज्ञों से अपनी समस्या मुख्यतः सिर की चोट, स्लिप डिस्क, ब्रेन स्ट्रोक, ट्यूमर, चक्कर आना, मिर्गी आना, माइग्रेन दिमागी बुखार, लकवा, सुन्नपन होना, घुटनों में दर्द, हड्डियों के कमजोर होना, जोड़ों का ग्रीस खत्म होना जैसे विषयों पर जानकारी मांगी जिनका उचित समाधान किया। कार्यक्रम में डॉ. माधुरी चौरसिया द्वारा योग प्राणायाम उचित आहार एवं प्राकृतिक जीवन जीने पर जोर देते हुए अपना उद्बोधन प्रदान किया गया। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार हेमन्त शर्मा ने माना।