BIG REPORT : एमपी के इन चार शहरों में लगेंगे न्यूक्लियर पावर प्लांट, नीमच जिला शामिल, और इस जगह का भी चयन, सर्वे में इन बिंदुओं की होगी जांच, इन्हें सौंपी जिम्मेदारी, पढ़े खबर
एमपी के इन चार शहरों में लगेंगे न्यूक्लियर पावर प्लांट, नीमच जिला शामिल, और इस जगह का भी चयन, सर्वे में इन बिंदुओं की होगी जांच, इन्हें सौंपी जिम्मेदारी, पढ़े खबर
डेस्क। भारत सरकार के उपक्रम न्यूक्लियर पॉवर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) ने मध्य प्रदेश में चार नए न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दे दी है। इन प्रोजेक्ट्स के लिए नीमच के बस्सी, देवास के बावड़ीखेड़ा, सिवनी के किंडराई और शिवपुरी के खाकरोन में स्थानों का चयन प्रारंभिक रूप से किया गया है। एनपीसीआईएल इन जगहों का डिटेल सर्वे जल्दी ही करेगा। इस सर्वे को मंजूरी देने के लिए केंद्रीय ऊर्जा सचिव ने एक अहम बैठक बुलाई है।
अगर सब कुछ सही रहा, तो अगले दो से तीन साल में इन न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट्स पर काम शुरु हो सकता है। इस परियोजना के बारे में जानकारी केंद्र सरकार के उपक्रम एनटीपीसी द्वारा मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को दे दी गई है। इसके अलावा, महाप्रबंधक (न्यूक्लियर इंजीनियरिंग) एपी सामल को इस प्रोजेक्ट के समन्वय का जिम्मा सौंपा गया है। बताया जा रहा है कि, न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट्स से प्रदेश में रोजगार के भी अवसर बढ़ेंगे।
चुने गए चारों जगहों की मौजूदा स्थितियां-
नीमच का बस्सी- नीमच शहर से करीब 65 किमी दूर स्थित यह स्थान गांधी सागर डैम से 5 किमी की दूरी पर है। यहां 5 किमी तक कोई बड़ी आबादी नहीं है, और यहां सेंड स्टोन पाया जाता है।
देवास का बावड़ीखेड़ा- यह स्थान ओंकारेश्वर शहर से 27 किमी और इंदिरा सागर बांध से 24 किमी दूर है। यहां भी 5 किमी तक कोई बड़ी जनसंख्या नहीं है, और सेंड स्टोन पाया जाता है।
सिवनी का किंडराई- घंसौर शहर से 15 किमी और बरगी डेम से 2 किमी दूर स्थित, इस स्थान से 5 किमी तक कोई बड़ी आबादी नहीं है। यहां बेसाल्ट रॉक पाया जाता है।
शिवपुरी का खाकरोन- मुंगावली शहर से 23 किमी दूर और राजघाट रिजर्व वायर से 4.5 किमी की दूरी पर स्थित, इस स्थान से 5 किमी के दायरे में कोई बड़ी जनसंख्या नहीं है। यहां सेंड स्टोन पाया जाता है।
सर्वे के दौरान इन बिंदुओं पर की जांच-
डेम या रिजर्व वायर है। मिट्टी कैसी है (सोइल स्ट्रेटा)
आसपास जनसंख्या ज्यादा तो नहीं है।
जमीन के नीचे कोई फॉल्ट या भूकंप जैसी परिस्थितियां भविष्य में तो नहीं बनेंगी।
बाढ़ या भूस्खलन जैसी स्थिति तो नहीं है।
इन प्रश्नों पर एक नजर-
प्रोजेक्ट्स के लिए स्थानों का चयन क्यों किया गया है...?
इन स्थानों का चयन इस कारण से किया गया है कि ये जगहें बड़ी आबादी से दूर हैं, जिससे किसी भी जनसंख्या से संबंधित समस्या उत्पन्न नहीं होगी।
इन न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट्स में कितनी बिजली का उत्पादन होगा...?
इन चार प्रोजेक्ट्स में कुल 1200 मेगावॉट की दो यूनिट्स के साथ कुल छह यूनिट्स प्रस्तावित हैं, जिससे राज्य की विद्युत उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी।
इन परियोजनाओं के लिए कितनी जमीन की आवश्यकता होगी...?
इन चार प्रोजेक्ट्स के लिए 1200 से 2000 एकड़ तक जमीन की आवश्यकता होगी, जो न्यूक्लियर पावर प्लांट्स के निर्माण के लिए पर्याप्त होगी।