ELECTION NEWS : मनासा विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी की सभा, जब मंच से नहीं पुकारा नाम, और इन्हें नहीं मिला सम्मान, तो ये युवा नेता हो गए नाराज, अब छिड़ा सोशल मीडिया वॉर, क्या बड़ी करवट लेगी यहां की राजनीति, पढ़े खास खबर
मनासा विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी की सभा

रिपोर्ट- अभिषेक शर्मा / मनीष जोलान्या
नीमच। जिले की तीनों विधानसभाओं में इन दिनों चुनावीरण का रौमांचक मुकाबला देखने को मिल रहा है। जिसमे भाजपा और कांग्रेस पार्टी सहित निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में है, और दमदारी से अपने जनसंपर्क में लगे हुए है। आमजन से रूबरू होने के इसी दौर के बीच मनासा विधानसभा से एक जानकारी निकलकर सामने आ रही है, जो कि कांग्रेस के विधानसभा प्रत्याशी नरेन्द्र नाहटा और पार्टी के ही कार्यकर्ता से जुड़ी है। जिसे लेकर अब सोशल मीडिया वॉर भी छिड़ गया।
जानकारी के अनुसार मनासा विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी नरेन्द्र नाहटा अपने चुनावी-प्रसार के लिए शनिवार को विधानसभा क्षेत्र के ग्राम भदवा पहुंचे थे। यहां एक विशाल जनसभा के दौरान एक और मंच सजा था। जिस पर कांग्रेस के कई दिग्गज नेता विराजे हुए थे, तो वहीं दुसरी और ग्रामीण बैठे हुए थे। अब सभा तो खत्म हो गई, और सभी अपने-अपने घर को रवाना हो गए, बस इसी सभा के बाद सोशल मीडिया वॉर कांग्रेस टू कांग्रेस छिड़ गया, और आने वाले दिनों में एक बड़ा रूप ले सकता है।
दरअसल, इसी सभा के बाद मनासा जनपद उपाध्यक्ष मोहन गुर्जर ने अपने ऑफिशल फैसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट अपलोड की। जिसमें उन्होंने लिखा... ‘‘आज कांग्रेस के मंच से मेरा और मैरे पिताजी का अपमान हुआ है... मुझे याद रहेगा...’’ मोहन गुर्जर की इसी पोस्ट के बाद उनके समर्थक भी सोशल मीडिया पर सामने आएं, और लिखने लगे... ‘‘गांव भदवा में कांग्रेस पत्याशी की उपस्थिति में भाई मोहन गुर्जर एवं उनके पिताजी का अपमान बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा’’ इसी तरह एक और समर्थक ने लिखा कि, ‘‘जनपद पंचायत उपाध्यक्ष भाई मोहन गुर्जर एवं उनके पिजाती के साथ आज उनके गांव भदवा में कांग्रेस के मंच पर जो अपमान का घटनाक्रम घटा है, मैं उसकी घोर निंदा करता हूं..!
जब इस सोशल मीडिया वॉर को लेकर हमने जनपद उपाध्यक्ष मोहन गुर्जर से चर्चा की, तो उनका कहना है कि, गांव में सभा थी, और मैं कांग्रेस पार्टी में हूं... उपाध्यक्ष का पद है, और मंच से मैरा नाम तक नहीं लिया गया, और ना हीं मैरें पिताजी को सम्मान मिला... पिता की पीछे ही मैं हूं... जब सम्मान नहीं मिला, तो सभा में रूकने का मतलब नहीं था, फिर हम चले गए, फिलहाल मैं इनता ही कह पाउंगा, देखते है आगे क्या करना है...!