BIG NEWS: जिला गुर्जर समाज सहित ये संगठन उतरे सड़कों पर, पुलिस की कार्यवाही पर खड़े किएं सवाल...! दर्ज प्रकरण वापस लेने की मांग, फिर भी नहीं मिला न्याय, तो इस बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार, मामला ग्राम रावलीकुड़ी में हुए बवाल से जुड़ा, पढ़े ये खबर
जिला गुर्जर समाज सहित ये संगठन उतरे सड़कों पर
नीमच। बीते दिनों रामपुरा थाना क्षेत्र के चेनपुरा ब्लॉक के ग्राम रावलीकुड़ी में हुए बवाल के बाद पुलिस ने कुछ लोगों पर एफआईआर दर्ज की। अब इसी मामले में नीमच जिले का गुर्जर समाज भी सड़कों पर उतर आया है। समाजजनों ने ओबीसी महांसघ के बैनर तले गुरूवार को शहर के मुख्य मार्ग से नारेबाजी करते हुए रैली निकाली। फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम एसपी अमित कुमार तोलानी को ज्ञापन सौंपा गया।
उक्त ज्ञापन में समाजजनों ने बताया कि, ग्राम चेनपुरिया ब्लॉक (रावलीकुड़ी) के गरीब गोपालकों पर सत्ताधारी भाजपा के इशारे पर गंभीर धाराओं- 307, 147, 148, 336, 427, 294 के बिना जांच के झुठा मुकदमा दर्ज कर जो तानाशाही की गई है। इससे ओबीसी, पशुपालक संघ, जिला गुर्जर समाज, दुग्ध उत्पादक संघ व देवसेना आदि संगठनों में भारी आक्रोश है। आज पशु पालकों सहित सभी संगठनों के प्रमुख लोगों ने धरना देकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि, निर्दोष गरीब पशु पालकों पर दर्ज मुकदमे वापस लिये जाये एवं लगभग 30 हजार गौमाता के चारागाह की एवं पशु पालकों के जीवन यापन की सुव्यवस्थित व्यवस्था की जावें।
मांगे पूरी नहीं, तो आंदोलन की ये बड़ी तैयारी-
समाजजनों ने ज्ञापन में यह भी बताया कि, अगर उक्त निर्दोष गरीब पशु पालकों पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं लिए जाते है, और तत्काल न्याय नहीं मिलता है, तो जल्द ही बड़ा आंदोलन किया जाकर धरने प्रदर्शन किये जायेंगे। जिसमे सभी संगठनों ने निर्णय लिया है कि, गोपालकों पर हुए अत्याचार के खिलाफ धरने आंदोलन जारी रहेंगे।
इस दौरान शुक्रवार दिनांक- 8 सितम्बर को रामपुरा थाने का घेराव कर ज्ञापन सौंपा जायेगा। न्याय ना मिलने पर रविवार दिनांक- 10 सितम्बर को मनासा थाने का घेराव कर धरना दिया जायेगा। फिर भी न्याय नहीं मिला, तो जिला कलेक्टर व एसपी कार्यालय का घेराव कर धरना देकर दुग्ध सप्लाई बंद करने पर विचार किया जावेगा।
अगर इतना होने के बावजूद न्याय नहीं मिलता है, तो गरीब पशु पालकों पर हुए अत्याचार के खिलाफ पुरे प्रदेश में आंदोलन की रूपरेखा बनाई जायेगी, और सभी संगठनों द्वारा चुनाव में सत्ताधारी पार्टी का बहिष्कार किया जाकर भोपाल में बड़ा आंदोलन किया जायेगा। जिसमें किसी भी प्रकार की क्षर्तिपूर्ति की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की रहेगी।