NEWS : गांधी सागर अभ्यारण में चार माह पूरे करेंगे प्रभास और पावक, सितंबर में आएंगे और भी अफ्रीकी चीते, वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन को मिलेगा नया आयाम, पढ़े खबर

गांधी सागर अभ्यारण में चार माह पूरे करेंगे प्रभास और पावक

NEWS : गांधी सागर अभ्यारण में चार माह पूरे करेंगे प्रभास और पावक, सितंबर में आएंगे और भी अफ्रीकी चीते, वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन को मिलेगा नया आयाम, पढ़े खबर

रिपोर्ट- नरेंद्र राठौर 

मंदसौर। मध्य प्रदेश का गांधी सागर अभ्यारण वन्यजीव संरक्षण की दिशा में नया इतिहास रच रहा है। यहां लाए गए दोनों अफ्रीकी चीते प्रभास और पावक अब पूरी तरह से नए परिवेश में ढल रहे हैं। आने वाली 20 अगस्त को इन्हें यहां बसाए चार माह पूरे हो जाएंगे। यह उपलब्धि प्रदेश के लिए गौरव का विषय है और इसे वन्यजीव संरक्षण के नए युग की शुरुआत माना जा रहा है। 

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 20 अप्रैल 2025 को विशेष आयोजन के दौरान इन दोनों चीतों को अभ्यारण में छोड़ा था। तब से वन विभाग की विशेष टीम लगातार उनकी मॉनिटरिंग, सुरक्षा और स्वास्थ्य देखरेख में जुटी हुई है। अधिकारियों का कहना है कि अब दोनों चीते शिकार की प्रक्रिया में पूरी तरह दक्ष हो चुके हैं और चीतल व नीलगाय का सफलतापूर्वक शिकार कर रहे हैं। वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल न केवल चीतों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि प्रदेश में जैव विविधता को सुदृढ़ करने और पर्यटन को बढ़ावा देने में भी अहम भूमिका निभाएगी।

सूत्रों के अनुसार अगले सितंबर माह में अफ्रीका से और भी चीते लाने की योजना है। इन्हें भी गांधी सागर अभयारण्य में छोड़ा जाएगा, जिससे यह अभ्यारण भविष्य में चीतों का प्रमुख आवास स्थल बन सके। प्रदेश सरकार का विश्वास है कि आने वाले समय में मंदसौर गांधी सागर अभयारण्य देश और दुनिया में वन्यजीव पर्यटन का बड़ा आकर्षणकेंद्र बनेगा और मध्यप्रदेश को एक नई पहचान दिलाएगा।