NEWS: नीमच जिले में गिरता भूजल स्तर, केंद्रीय बोर्ड के वैज्ञानिकों ने किया प्रशिक्षण प्रदान, भू जल संग्रहण और संचयन पर विधायक दिलीप सिंह परिहार ने कहीं ये बात, पढ़े खबर

नीमच जिले में गिरता भूजल स्तर, केंद्रीय बोर्ड के वैज्ञानिकों ने किया प्रशिक्षण प्रदान, भू जल संग्रहण और संचयन पर विधायक दिलीप सिंह परिहार ने कहीं ये बात, पढ़े खबर

NEWS:  नीमच जिले में गिरता भूजल स्तर, केंद्रीय बोर्ड के वैज्ञानिकों ने किया प्रशिक्षण प्रदान, भू जल संग्रहण और संचयन पर विधायक दिलीप सिंह परिहार ने कहीं ये बात, पढ़े खबर

नीमच। जिले में भूजल दोहन के अति दोहन से आगामी समय में जल संग्रहण एवं जल संचयन कार्यों पर विशेष ध्यान देना होगा। जल संग्रहण संरचनाओं के निर्माण के साथ-साथ जल के बेहतर उपयोग हेतु विशेष प्रयास किए जाने होंगे साथ ही भू जल का अधिकतम उपयोग कृषि कार्यों में होता है और कृषि के आधुनिक वैज्ञानिक तरीके अपनाकर कम पानी से होने वाली खेती करेंगे तो भूजल का दोहन निश्चित कम होगा। जैसे-जैसे जल स्तर नीचे जाता है निश्चित है सबकी चिंता बढ़ाता है और इसका एक मात्र उपाय जल का संचयन एवं उसका बेहतर सदुपयोग ही है।

जिले के सभी जनप्रतिनिधि मध्य प्रदेश सरकार के नेतृत्व में इस हेतु प्रयासरत हैं। छोटी-छोटी जल संरचनाओं का निर्माण करके जल के प्रवाह को कम करना एवं जल संग्रहण/संचयन करना आज की आवश्यकता है इसमें खेत तालाब को प्राथमिकता दी जाना होगी। उक्त विचार विधायक दिलीप सिंह परिहार द्वारा जिला पंचायत सभाकक्ष में जिले के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र में जल से संबंधित कार्यरत तकनीकी अमले की कार्यशाला में व्यक्त किए गए।  

इस कार्यशाला में केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार के सेंट्रल ग्राउंड वॉटर बोर्ड के साइंटिस्ट चितरंजन बिसवाल और श्री कमलेश ओझा द्वारा जिले के ग्रामीण विकास विभाग , ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, नगरीय निकायों, जल संसाधन विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, मनरेगा और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना वाटर शेड के कर्मचारियों को नेशनल एक्यूफायर मैनेजमेंट प्लान के तहत नीमच जिले कि भूजल की वर्तमान वास्तविक स्थिति, जल की गुणवत्ता व उपलब्ध मात्रा और भू-जल संवर्धन के संबंध में जिले की एक्वीफायर और उसके अनुरूप किए जाने वाले कार्यों, जिले में भूजल के दोहन से संबंधित अति दोहन वाले विकासखंड को कम दोहन वाले विकासखंड में लाने के लिए किए जाने वाले उपायों के बारे में और किस तरह की जल संग्रहण संरचनाएं वर्तमान में उपलब्ध है और आगामी समय में आवश्यक संरचनाओं के बारे में विस्तार पूर्वक प्रेजेंटेशन के माध्यम से सभी को जानकारी प्रदान की गई। 

इस प्रेजेंटेशन में मुख्यतः जिले में उपलब्ध एक्वीकफायर  के अनुसार जल संग्रहण संरचनाओं का चयन करने और जिले में संभावित जल संचयन क्षमता के अनुसार उपायों के बारे में सभी को वैज्ञानिक तरीके से कार्य करने की प्रक्रिया के बारे में अवगत कराया गया। उक्तउ कार्यशाला में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री गुरु प्रसाद, कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग एवं नगरी निकायों के अधिकारी अपने अमले के साथ उपस्थित रहे।