NEWS : हत्या, धोखा और अनैतिकता का मार्ग सही नहीं, यह घटनाएं रिश्तों की विवेकहीनता का प्रतीक, सनातन धर्म में महिलाओं को माना गरिमा और प्रेम की प्रतिमा, क्या बोली जूही जैन, पढ़े खबर

हत्या, धोखा और अनैतिकता का मार्ग सही नहीं

NEWS : हत्या, धोखा और अनैतिकता का मार्ग सही नहीं, यह घटनाएं रिश्तों की विवेकहीनता का प्रतीक, सनातन धर्म में महिलाओं को माना गरिमा और प्रेम की प्रतिमा, क्या बोली जूही जैन, पढ़े खबर

नीमच। यह घटनाएं केवल अपराध जगत की खबरे नहीं, बल्कि समाज के नैतिक पतन, रिश्तों की गिरती गरिमा और विवेकहीनता का भी प्रतीक है।

जूही जैन ने कहा, कि सनातन धर्म में महिलाओं को गरिमा, धैर्य और प्रेम की प्रतिमा माना गया है। सीता, सावित्री, अनुसूया जैसी स्त्रियों के उदाहरण यह दर्शाते है कि स्त्री में अद्भुत सहनशीलता, त्याग और विवेक होता है। किंतु कलयुग में, जब नैतिकता और मूल्यों का पतन हो रहा है, तो कुछ महिलायें भी भटक रही हैं। यह संपूर्ण नारी जाति का स्वरूप नहीं है, बल्कि एक अपवाद मात्र है।

हत्या, धोखा और अनैतिकता का मार्ग किसी के लिए भी सही नहीं हो सकता। यदि विवाह में समस्याएं हैं, तो संवाद, सहनशीलता और कानूनी उपाय ही मात्र समाधान होने चाहिए। सनातन संस्कृति हमें सिखाती है कि धर्म और नीति के बिना कोई भी कार्य शुभ नहीं हो सकता। अतः हर व्यक्ति, चाहे वह स्त्री हो या पुरुष, अपने कर्तव्यों और मूल्यों का पालन करे, यही समाज की भलाई के लिए आवश्यक है।

जूही जैन ने आगे कहां, कि समाज में नैतिकता और विवेक की कमी बढ़ती जा रही है। प्रेम का अर्थ त्याग और समर्पण है, लेकिन जब यह स्वार्थ और अपराध का रूप ले लेता है, तो यह प्रेम नहीं, बल्कि पाप बन जाता है। विवेकशील व्यक्ति कभी भी हिंसा का सहारा नहीं लेता, बल्कि सही और गलत का भेद समझता है और अपने कार्यों के परिणामों पर विचार करता है।

हमें यह समझने की आवश्यकता है कि अपराध का कोई धर्म, जाति या वर्ग नहीं होता। यह केवल विकृत मानसिकता और संस्कारों की गिरावट का परिणाम है। नारी को शक्ति, प्रेम और ममता का प्रतीक माना गया है, इसलिए उन्हें अपने विवेक और मूल्यों के साथ समाज में उचित दिशा स्थापित करनी चाहिए।

किसी भी दृष्टिकोण से देखा जाए, हत्या जैसे घृणित अपराध को उचित नहीं ठहराया जा सकता। प्रेम, विवाह और संबंधों की मर्यादा को बनाए रखना समाज की स्थिरता के लिए आवश्यक है। यदि किसी विवाह में समस्या है, तो कानूनी मार्ग अपनाया जा सकता है, लेकिन हत्या किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं हो सकती।