BIG NEWS: फसल बीमा 2021-22, प्रीमियम जमा हुई 108 करोड़, पर बीमा मिला सिर्फ 38.45 करोड़, बाहेती का आरोप, बोले- सरकार एवं कंपनी की मिलीभगत, किसानों के साथ किया धोखा, कांग्रेस नेता का बड़ा खुलासा, पढ़े खबर
फसल बीमा 2021-22, प्रीमियम जमा हुई 108 करोड़, पर बीमा मिला सिर्फ 38.45 करोड़, बाहेती का आरोप, बोले- सरकार एवं कंपनी की मिलीभगत, किसानों के साथ किया धोखा, कांग्रेस नेता का बड़ा खुलासा, पढ़े खबर
नीमच। जिले से साल 2021-22 में प्राकृतिक आपदा से खरीफ और रबी फसलों की बीमा करने में 108 करोड़ की बीमा कंपनी को अदा की गई, जबकि फसल नुकसान की फसल बीमा राशि सिर्फ 38 करोड़ 45 लाख रूपए जिले के किसानों को मिली हैं, जो कहीं न कहीं बड़े भ्रष्टाचार या घपले की ओर इशारा करता है। क्योंकि 2021-22 में जिले में प्राकृतिक आपदा से अधिकतर गाँवो में फसलों को नुकसान हुआ था। लेकिन सिर्फ चुनिंदा गाँवो में ही बीमा राशि आई है।
किसानों को प्राप्त बीमा राशि दोनों फसलों को मिलाकर दी जा रही है, लेकिन किस किसान को कितना नुकसान हुआ था और नुकसानी के आंकलन के मापदंड क्या रहे थे, इसकी जानकारी देने से कृषि विभाग और बीमा कंपनी परहेज कर रहे हैं और ना ही बीमा राशि की सूची सार्वजनिक की जा रही है। जिले के तीनो विधायक अगर नुकसानी के आंकलन के वक्त ध्यान देते और जिला प्रशासन पर पकड़ रखते तो आज जिले के सभी किसानों को फसल बीमा मिलता।
यह बड़ा खुलासा कांग्रेस नेता व जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती ने किया है। उन्होंने बताया कि, नीमच जिले में वर्ष 2021-22 के दौरान एग्रीक्लचर इंशोरेंस कंपनी ने नीमच जिले की खरीफ और रबी की फसलों का बीमा किया था, जिसमें हजारों किसानों के जिला सहकारी बैंक,राष्ट्रीयकृत बैंक और निजी बैंकों के माध्यम से फसल बीमा किया था, जिसमें 108 करोड़ 50 लाख रूपए फसल बीमा प्रीमियम बीमा कंपनी को जमा कराई थी। बीमा प्रीमियम में 46 करोड़ 45 लाख रूपए केंद्र का अंश, 46 करोड़ 45 लाख रूपए राज्य का अंश तथा 14 करोड़ 51 लाख रूपए किसानों के शामिल हैं, लेकिन विडंबना यह है कि वर्ष 2021-22 में खरीफ और रबी की फसल के दौरान प्राकृतिक आपदा अतिवृष्टि व ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान पहुंचता था।
बाहेती ने कहा कि, प्रदेश सरकार के निर्देश पर फसलों का सर्वे कराया था। करीब एक साल के इंतजार के बाद जिले में खरीफ और रबी के मिलाकर किसानों के खातों में मामूली फसल बीमा राशि आ रही है। किसानों को यह नुकसान नीमच जिले के जनप्रतिनिधियों की वजह से हुआ है ये चाहते हो जिले के किसानों को पूरा फसल बीमा मिलता। बाहेती ने आरोप लगाया कि, बीमा कंपनी से मिलीभगत करने में जिले के जनप्रतिनिधियों की भूमिका से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
किसकों कितनी मिली बीमा दावा राशि, नहीं कर रहे हैं खुलासा-
बाहेती ने आरोप लगाया कि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित नीमच जिले के विधायक बीमा राशि देने की वाह वाही लूट रहे हैं। लेकिन सही मायने में उन्होंने किसानों के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है । किसानों के सीधा नुकसान पहुंचाते हुए बीमा कंपनी को करोड़ो का फायदा पहुंचाने का काम किया है। बीमा कंपनी स्वीकृत बीमा राशि की सूची भी जारी नही कर रही है। कृषि विभाग, भू अभिलेख और बीमा कंपनी वर्ष 2021-22 में खरीफ व रबी के सीजन में प्राकृतिक आपदा से कितने किसान प्रभावित हुए और फसल नुकसानी का मापदंड क्या रखा गया था, इसकी जानकारी नहीं दे रहे हैं और न ही ये बताने को तैयार है कि किस किसान को कितनी राशि मिली, जबकि किसानों के खाते में फसल बीमा राशि का भुगतान किया गया है, तो सूची भी जरूर होगी, लेकिन किसानों के विद्रोह हो जाने से जानकारी का खुलासा नहीं किया जा रहा है।
ये नीमच के हालात है, तो प्रदेश में हुआ होगा कितना बड़ा घपला-
कांग्रेस नेता तरूण बाहेती ने आरोप लगाया कि, नीमच जिले में वर्ष 2021-22 में खरीफ और रबी फसल बीमा प्रीमियम केंद्र-राज्य और किसानों के अंश समेत 108 करोड़ 50 लाख रूपए जमा हुए थे, जिसके मुकाबले जिले को वर्ष 2021-22 की खरीफ और रबी की फसल बीमा राशि 38 करोड़ 45 लाख रूपए का भुगतान हुआ है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूरे प्रदेश में कितना बड़ा घपला हुआ होगा। क्योंकि जितनी प्रीमियम जमा हुई है, उसकी आधी राशि भी किसानों को फसल नुकसानी के दावे के रूप में नहीं मिल पाई है।
खरीफ और रबी सीजन में कई किसानों को नहीं मिला फसल बीमा-
बाहेती ने बताया कि नीमच जिले में 248 पटवारी हल्का है, लेकिन समस्या यह है कि खरीफ फसल वर्ष 2021 के 158 हल्का क्षेत्र ऐसे हैं, जिनमें एक भी किसानों को फसल बीमा का लाभ नहीं मिला है। यही स्थिति रबी फसल वर्ष 2021-22 भी है, 184 पटवारी हल्का में एक भी किसान को रबी फसल बीमा लाभ नहीं मिला है।
बाहेती ने कहा कि, ये मैं नहीं कह रहा हूँ बल्कि ये जानकारी सरकारी आकड़ो में रिकार्ड में दर्ज है। उपखंड नीमच के नीमच नगर, नीमच ग्रामीण व जीरन तहसील में 68 पटवारी हल्का क्षेत्र हैं, जिसमें से खरीफ फसल 2021 का 41 हल्का क्षेत्रों में फसल बीमा नहीं मिला है। इसी तरह रबी फसल वर्ष 2021-22 में 29 पटवारी हल्का में किसानों को बीमा का लाभ नहीं मिला है। इसके अलावा जावद उपखंड की जावद-सिंगोली तहसील के 80 पटवारी हल्का में खरीफ फसल वर्ष 2021 में 50 हल्का क्षेत्रों में किसानों को फसल बीमा नहीं मिला है।
इसी तरह रबी फसल वर्ष 2021-22 में 79 पटवारी हल्का क्षेत्र में एक भी किसान बीमा राशि से लाभांवित नहीं हुआ है। साथ ही मनासा उपखंड की मनासा व रामपुरा तहसील के अंतर्गत 100 पटवारी हल्को में से खरीफ फसल वर्ष 2021 में 69 हल्को में फसल बीमा किसानों को नहीं मिला है। इसी तरह रबी फसल वर्ष 2021-22 में 86 हल्को में किसानों को बीमा दावा राशि का लाभ नहीं मिला है।