BIG BREAKING : कुबेरेश्वर धाम में बड़ा हादसा, प्रसिद्द कथावाचक प्रदीप मिश्रा की कावड़ यात्रा में भगदड़, दो महिलाओं की दर्दनाक मौत, अब तक नहीं हुई पहचान, तो इनकी हालात गंभीर, पढ़े खबर

कुबेरेश्वर धाम में बड़ा हादसा

BIG BREAKING : कुबेरेश्वर धाम में बड़ा हादसा, प्रसिद्द कथावाचक प्रदीप मिश्रा की कावड़ यात्रा में भगदड़, दो महिलाओं की दर्दनाक मौत, अब तक नहीं हुई पहचान, तो इनकी हालात गंभीर, पढ़े खबर

डेस्क। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के कुबेरेश्वर धाम में मंगलवार को अचानक भगदड़ मच गई, जहां घटना में दो महिलाओं की मौत हो गई, जबकि दो महिलाओं की हालत काफी गंभीर है। कुबेरेश्वर धाम को कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा के लिए जाना जाता है। 6 अगस्त को कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की अगुवाई में कांवड़ यात्रा निकाली जानी है। यात्रा से पहले सीवना नदी घाट से कुबेश्वर धाम तक भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। 

हालात यह हैं कि, इंदौर-भोपाल हाइवे पर जाम की स्थिति बन गई है। इसी बीच कुबेरेश्वर धाम में भगदड़ मच गई, घबराहट और अत्यधिक भीड़ के चलते दो महिला श्रद्धालुओं की मौत हो गई है, जबकि दो महिला गंभीर हैं, वहीं 8 से 10 लोगों का स्वास्थ्य खराब होने के चलते उन्हें भी जिला अस्पताल पहुंचाया है। 

शुरूआती जानकारी में बताया जा रहा है कि, मंगलवार दोपहर के समय कुबेरेश्वर धाम परिसर में बढ़ती भीड़ और गर्मी-उमस के कारण कुछ श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ गई, यहां अफरा-तफरी और भगदड़ के हालात निर्मित हो गए. इनमें से दो महिलाओं की हालत गंभीर है, जिन्हें तत्काल जिला अस्पताल सीहोर ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया.

मृत महिलाओं की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है. हालांकि प्रशासनिक स्तर पर अभी तक इस घटना की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. वहीं, कई अन्य श्रद्धालु भी बेचैनी, घबराहट और चक्कर जैसी समस्याओं से पीड़ित बताए जा रहे हैं. जिन्हें प्राथमिक उपचार के लिए जिला अस्पताल आने की सूचना भी है.

साल 2023 में भी मची थी भगदड़- 

गौरतलब है कि कुबेरेश्वर धाम में भगदड़ का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले 16 फरवरी साल 2023 में रुद्राक्ष वितरण के दौरान भी भगदड़ मची थी. तब एक महाराष्ट्र के नाशिक की 53 वर्षीय मंगल बाई नाम की महिला की मौत हो गई थी. जबकि 4 लोग लापता हुए थे. इसके बाद दूसरे दिन 17 फरवरी को एक 3 साल के बच्चे अमोघ भत्त की मौत हो गई थी. बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन को रुद्राक्ष महोत्सव रोकना पड़ा था.