BIG NEWS : आंदोलन स्थल पर करवाई पत्थरबाजी, शांतिपूर्वक धरना दे रहे लोगों को किया बदनाम, प्रशासन पर डाला दबाव, और करवाएं झूठे मुकदमे, भय का माहौल, मामला निर्माणधीन कपड़ा फैक्ट्री का, पूरण अहीर का प्रेसवार्ता में बड़ा खुलासा, विधायक सखलेचा पर लगाएं गंभीर आरोप, पढ़े खबर

आंदोलन स्थल पर करवाई पत्थरबाजी

BIG NEWS : आंदोलन स्थल पर करवाई पत्थरबाजी, शांतिपूर्वक धरना दे रहे लोगों को किया बदनाम, प्रशासन पर डाला दबाव, और करवाएं झूठे मुकदमे, भय का माहौल, मामला निर्माणधीन कपड़ा फैक्ट्री का, पूरण अहीर का प्रेसवार्ता में बड़ा खुलासा, विधायक सखलेचा पर लगाएं गंभीर आरोप, पढ़े खबर

नीमच। जिले के मोरवन क्षेत्र में निर्माणधीन कपड़ा फैक्ट्री को लेकर बीते दिनों हुआ बवाल अभी थमने की कगार पर ही था कि, पूरण अहीर ने सोमवार को एक प्रेसवार्ता करते हुए इसी फैक्ट्री में हुए हिंसक हंगामे, फैक्ट्री लगने के बाद ग्रामीणों को होने वाले नुकसान, और फैक्ट्री का निर्माण होने वाली जगह गौचर की भूमि होने जैसे कई खुलासे कर दिए। पूरण अहीर ने फैक्ट्री निर्माण में जावद विधायक की तानाशाही और शांतिपूर्ण आंदोलन पर प्रशासनिक दमन जैसे कई आरोप भी लगाएं है। 

प्रेसवार्ता करते हुए पूरण अहीर न बताया कि, प्रशासन द्वारा जनता पर झूठा मुकदमा बनाया गया है। ग्रामवासी केवल अपनी जल-भूमि और पर्यावरण की रक्षा के लिए शांतिपूर्ण धरना दे रहे थे, फिर भी पुलिस ने दबाव बनाकर उन्हें अपराधी साबित करने की कोशिश की। जावद के पास टेक्सटाइल मिल लगाने का कार्य प्रारंभ किया गया है, जो पानी के स्रोत से मात्र 50 मीटर की दूरी पर है। यह भूमि गोचर (चरागाह) भूमि है। पास में सेकेंडरी स्कूल, बालक-बालिका छात्रावास, ग्राम पंचायत कार्यालय, वन विभाग कार्यालय, गौशाला तथा पेयजल की टंकी (30 मीटर दूरी पर) स्थित हैं। यह सब मिलकर इस स्थान को औद्योगिक गतिविधियों के लिए पूरी तरह अनुपयुक्त बनाते हैं। बांध से जावद नगर पंचायत की लगभग 25,000 की आबादी और सरवनिया की 12,000 की आबादी को पेयजल मिलता है। इसके अलावा 30 से अधिक गांवों के खेतों को भी सिंचाई का पानी इसी स्रोत से प्राप्त होता है।

कपड़ा प्रोसेसिंग में प्रति मीटर कपड़े पर लगभग 50 से 150 लीटर पानी लगता है। यह जलराशि रासायनिक पदार्थों के साथ भूमि और भूजल दोनों को प्रदूषित करती है। जनता चाहें तो इस विषय पर Google या GPT पर अन्य क्षेत्रों के उदाहरण देख सकती है, जहां कपड़ा उद्योग के प्रदूषण से गंभीर हानि हुई है। दिनांक 3 तारीख को किसान अपने साधनों से शांतिपूर्ण तरीके से कलेक्टर कार्यालय ज्ञापन देने जा रहे थे। लेकिन जावद SDM और TI ने जानबूझकर रास्ते में दो-तीन स्थानों पर रोकने का प्रयास किया, ताकि किसान आगे न बढ़ सकें। फिर भी किसान अनुशासन और संयम से आगे बढ़े। जब किसान फोर लेन रोड पर पहुंचे, पुलिस ने ट्रैक्टरों को रोककर रास्ता लगभग डेढ़ घंटे तक जाम करवा दिया। यह जाम पुलिस की गलती से हुआ, पर बाद में उसी को आधार बनाकर किसानों पर मुकदमे दर्ज कर दिए गए। यह साफ दिखाता है कि शांतिप्रिय आंदोलन को जानबूझकर बदनाम करने की साजिश रची गई।

पूरण अहीर ने आगे बताया कि, विधायक से जुड़े लोगों ने जानबूझकर पत्थरबाज़ी करवाई ताकि धरने को हिंसक दिखाया जा सके। इस तरह प्रशासन को बहाना मिल गया कि, वह निर्दोष किसानों पर कार्रवाई कर सके। यह सब विधायक की सोची-समझी चाल थी, ताकि जनता के डर के माहौल में फैक्ट्री का काम दोबारा चालू कराया जा सके। विधायक और उनके समर्थकों ने जानबूझकर आंदोलन स्थल पर पत्थरबाजी करवाई ताकि शांति पूर्वक धरना दे रहे लोगों को बदनाम किया जा सके। इसके बाद प्रशासन पर दबाव डालकर उन पर झूठे मुकदमे कायम करवाए गए, ताकि जनता भय के माहौल में आ जाए। साथ ही यह उल्लेखनीय है कि विधायक ने 25 दिनों तक धरने पर बैठे लोगों से बात तक नहीं की, और जब लगभग एक महीने बाद मीडिया के सामने सफाई दी तो उनकी बातों से स्पष्ट हुआ कि, वे आम जनता को अपने बराबर नहीं मानते। जनता ने केवल अपने जल, भूमि और पर्यावरण की सुरक्षा की मांग की थी, और इन मांगों को दबाकर तथा लोगों को बदनाम कर के फैक्ट्री का काम फिर से चालू करवाने की यह चाल हम स्वीकार नहीं करेंगे।

स्थानीय लोगों के अनुसार, मिल की सीमा निर्माण हेतु डैम के पास से लगभग 5,000 ट्रॉली पत्थर बिना किसी विधिक अनुमति या रॉयल्टी अदा किए खोदे और हटाए गए। आरोप है कि ये पत्थर सीधे मिल की बाउंड्री निर्माण में उपयोग किए गए। हैरानी की बात यह है कि इस संबंध में आज तक कोई उचित प्रशासनिक कार्रवाई नहीं की गई, बल्कि उल्टा गाँववालों पर झूठे मुकदमों का सिलसिला चला। विधायक से जुड़े लोगों ने मिल के ठेकेदार को सप्लाई सामग्री उपलब्ध करवाई, इसकी शिकायत कलेक्टर कार्यालय में की गई है। परंतु एक माह बीत जाने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

पूरण अहीर ने आगे बताया कि, विधायक ने मंदिर की लगभग 100 बीघा भूमि पर अवैध कब्ज़ा कर लिया। उन्होंने मुरली मनोहर जोशी को बुलाकर, उनकी आड़ में आसन दरियानाथ मठ की भूमि पर हनुमान जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करवाई। धर्म के नाम पर भूमि पर कब्ज़ा करने के बाद, रिकॉर्ड में हेराफेरी कर अपनी पत्नी, बेटे और बहू के नाम से फर्जी नामांतरण करवा लिया गया। धर्मानुसार जहाँ प्राण प्रतिष्ठा होती है वहाँ प्रतिदिन पूजा-आरती होना आवश्यक है, परंतु वहाँ कई वर्षों से पूजा-अर्चना नहीं होती, यह दर्शाता है कि धार्मिक आड़ में भूमि कब्ज़े का वास्तविक उद्देश्य था। जनता उद्योग या रोज़गार का विरोध नहीं कर रही, बल्कि केवल उस स्थान का विरोध कर रही है जहाँ मिल लगाई जा रही है, जो जल स्रोत और गोचर भूमि के निकट है। विधायक के सहयोगियों ने गलत प्रचार किया कि जनता रोजगार का विरोध कर रही है; यह जानबूझकर फैलाया गया भ्रामक प्रचार है ताकि मुद्दे का ध्यान भटकाया जा सके।

पूरण अहीर ने कहां कि, मैं पूरणमल अहीर, जाति से अहीर हूँ। गौमाता की रक्षा और सेवा मेरा प्रथम कर्तव्य है। हम गौ माता की पूजा करते हैं और उनकी रक्षा के लिए हमेशा संघर्षरत रहेंगे। अहित ने जनता से अपील की है कि, सच्चाई के साथ खड़े रहें और इस आंदोलन को शांति पूर्वक आगे बढ़ाएं।